कर्ता कारक किसे कहते हैं | परिभाषा एवं उदाहरण | Karta Karak Kise Kahate Hain

Karta Karak Kise Kahate Hain

इस आर्टिकल में हम कर्ता कारक किसे कहते हैं बिल्कुल विस्तार से समझेंगे, जोकि कारक का पहला भाग है। हिन्दी व्याकरण में कारक एक महत्त्वपूर्ण Topic होता है  क्योकी अनेकों प्रतियोगी परीक्षाओं में कारक से सम्बंधित बहुत से प्रश्नों पुछे जाते है, इसलिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिये यह लेख काफी महत्वपुर्ण एवं उपयोगी है। क्योकी इस लेख में हम कारक के पहले भाग यानी की कर्ता कारक को एकदम अच्छे से समझेंगे।

जैसा की आप सभी जानते होंगे की कारक के मुख्य रुप से आठ भेद होते है, जिसमे से कर्ता कारक पहला भाग है और यहा पर हम इसके बारे में सम्पुर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे। यदि आप उन विद्यार्थियों में से है, जो प्रतियोगी परीक्षा एवं सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे है तो आप इस लेख को पुरा अवश्य पढ़े, क्योकी इससे आपको परीक्षा में काफी मदद मिल सकती है।

यहा पर हम कर्ता कारक से सम्बंधित उन सभी प्रश्नों को समझने का प्रयास करेंगे जो किसी प्रतियोगी परीक्षा में पुछे जा सकते है जैसे की- कर्ता कारक की परिभाषा क्या है, कर्ता कारक का उदाहरण क्या है, कर्ता कारक का कौन सा चिन्ह है और कर्ता कारक के नियम आदि। तो इस प्रकार के प्रश्नों के उत्तर आपको यहा पर देखने को मिल जायेंगे। इसलिए यदि आप वास्तव में karta karak kise kahate hain अच्छे से समझना चाहते हैं तो इस लेख को पुरा अन्त तक जरुर पढ़े।


कर्ता कारक किसे कहते हैं (Karta Karak Kise Kahate Hain)

परिभाषा -- वाक्य में जिस शब्द द्वारा काम करने का बोध होता है, उसे कर्ता कारक कहते हैं। दुसरे शब्दों में, जिस शब्द से काम करने वाले का बोध होता है उसे कर्ता कारक कहा जाता है।

कर्ता कारक का उदाहरण

कर्ता कारक को बेहतर से समझने के लिये, हम इसका एक उदाहरण देखते है - रामू ने श्यामलाल को मारा।

इस वाक्य में रामू कर्ता है, क्योंकि मारा क्रिया करने वाला 'रामू' ही है। कर्ता कारक का परसर्ग ने है अर्थात् इसका कारक चिन्ह 'ने' है।

कर्ता कारक के विभक्ति चिह्न 'ने' के प्रयोग के नियम

अभी हमने ऊपर कर्ता कारक की परिभाषा के माध्यम से यह समझ लिया की, कर्ता कारक क्या होता है। अब हम कर्ता कारक के विभक्ति 'ने' के प्रयोग के नियम को समझते है, जिससे की आप कर्ता कारक को और भी अच्छे से समझ सके। कर्ता कारक के विभक्ति-चिह्न 'ने' के प्रयोग के कुछ नियम निम्नलिखित हैं -

नियम (1) 'ने' का प्रयोग केवल तिर्यक संज्ञाओं और सर्वनाम के बाद होता है; जैसे -- राम ने, लड़कों ने, मैंने, तुमने, आपने, उसने इत्यादि।

नियम (2) 'ने' का प्रयोग कर्ता के साथ तब होता है जब क्रिया सकर्मक तथा सामान्यभूत, आसन्नभूत, पूर्णभूत और संदिग्धभूत कालों में कर्मवाच्य या भाववाच्य हो; जैसे --
सामान्यभूत बालक ने पुस्तक पढ़ी।
आसन्नभूत बालक ने पुस्तक पढ़ी है।
पूर्णभूत बालक ने पुस्तक पढ़ ली थी।
संदिग्धभूत बालक ने पुस्तक पढ़ी होगी।
हेतुहेतुमद्भूत बालक ने पुस्तक पढ़ी होती तो उत्तर ठीक होता।
इस प्रकार केवल अपूर्णभूत को छोड़कर शेष पाँच भूतकालों में 'ने' का प्रयोग होता है।

नियम (3) सामान्यतः अकर्मक क्रिया के साथ 'ने' का प्रयोग नहीं होता है। लेकिन नहाना, छींकना, थूकना, खाँसना आदि में 'ने' का प्रयोग होता है, जैसे --
  • आपने नहाया।
  • उसने खाँसा।
  • मैंने छींका।
  • राम ने थूका।

नियम (4) जब अकर्मक क्रियाएँ सकर्मक बनकर प्रयुक्त होती हैं, तब 'ने' का प्रयोग होता है; जैसे --
  • आपने अच्छा किया।
  • उसने अच्छा गाया। 

हिन्दी में 'ने' का प्रयोग सुनिश्चित है लेकिन उसका सर्वत्र प्रयोग नहीं होता। इस सम्बन्ध में उल्लेखनीय बातें निम्न प्रकार हैं - 

(क) अकर्मक क्रियाओं के साथ 'ने' का प्रयोग नहीं होता है; जैसे --
  • मोहन हँसता है।
  • वह आएगा
  • श्याम गया

(ख) सकर्मक क्रियाओं के साथ भी कर्ता के साथ वर्तमान और भविष्य काल में 'ने' का प्रयोग नहीं होता है, जैसे -- 
  • राम रोटी खाएगा
  • मैं चाय पीता हूँ।

(ग) जिन वाक्यों में बकना, बोलना, भूलना, लाना, ले जाना, चुकना आदि सहायक क्रियाएँ आती हैं उनमें 'ने' का प्रयोग नहीं होता है; जैसे --
  • वह नहीं बोला
  • मैं साइकिल नहीं लाया
  • वह पुस्तक पढ़ चुका
  • मैं लिखना भूल गया।

FAQ: कर्ता कारक के प्रश्न उत्तर

प्रश्न -- कर्ता कारक क्या होता है?

उत्तर -- किसी वाक्य में जिस शब्द के द्वारा काम करने का बोध होता है, वह कर्ता कारक कहलाता हैं। 

प्रश्न -- कर्ता कारक का कौन सा चिन्ह है?

उत्तर -- कर्ता कारक का कारक-चिन्ह 'ने' है।

कर्ता कारक क्या होता है वीडियो के माध्यम से समझे


निष्कर्ष

यहा पर इस लेख में हमने, कर्ता कारक किसे कहते हैं बिल्कुल अच्छे से देखा। कारक हिन्दी व्याकरण में एक महत्त्वपूर्ण विषय है, क्योकी कारक से सम्बंधित बहुत से प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पुछे जाते है। इसलिए जो, छात्र इस समय किसी कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे है उनके लिये यह लेख काफी उपयोगी है। कारक को बेहतर से समझने के लिये हमे इसके सभी भाग को विस्तार से पढ़ना होगा और इसलिए हमने यहा कारक के पहले भाग यानी की कर्ता कारक की सम्पुर्ण जानकारी शेयर करी है, जिसमे हमने कर्ता कारक की परिभाषा एवं इसके नियम को एकदम विस्तारपूर्वक से समझा है।

इसी के साथ हम आशा करते है की आपको यह लेख जरुर पसंद आया होगा और हमे उमीद है की, इस लेख की सहायता से Karta Karak Kise Kahate Hain आप बिल्कुल अच्छे से समझ गये होंगे। यदि आपके मन में इस लेख से सम्बंधित कोई प्रश्न है तो, आप नीचे कमेंट करके पुछ सकते हैं। साथ ही इस Karta Karak को आप अपने सभी सहपाठी एवं मित्रों के साथ शेयर जरुर करे।

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