समुच्चयबोधक किसे कहते हैं | परिभाषा एवं भेद | Samuchaya Bodhak Kise Kahate Hain
इस आर्टिकल में हम समुच्चयबोधक किसे कहते हैं इसके बारे में एकदम विस्तारपूर्वक से पढ़ेंगे। समुच्चयबोधक, अव्यय का तीसरा भाग है, और हिन्दी व्याकरण में यह काफी महत्वपुर्ण तॉपिक है। क्योकी इससे सम्बंधित काफी सारे प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पुछे जाते है, और इसलिए यह लेख प्रतियोगीता इम्तिहान की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिये काफी उपयोगी साबित हो सकता हैं। ऐसे में यदि आप भी उन विद्यार्थियों में से है, जो इस समय प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है, तो आप इस लेख को पूरे ध्यानपूर्वक से एवं अन्त तक जरुर पढ़ें। क्योकी इससे आपको परीक्षा में काफी सहायता मिल सकती है।
यहा पर हम आपके साथ समुच्चयबोधक से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर साझा करेंगे, जिससे की आपको समुच्चयबोधक क्या है बिल्कुल अच्छे से समझ में असानी हो। साथ ही यहा हम समुच्चयबोधक से जुड़े उन सभी अहम प्रश्नों के उत्तर भी जानेंगे, जो आपके प्रतियोगी परीक्षाओं में आ सकते है, जैसे की- समुच्चयबोधक किसे कहते हैं इसके कितने भेद होते हैं, समुच्चयबोधक की परिभाषा, समुच्चयबोधक का अर्थ क्या है, समुच्चयबोधक के कार्य और समुच्चयबोधक के उदाहरण आदि। इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको यहा पर बिल्कुल विस्तार से मिल जायेंगे। तो अगर आप समुच्चयबोधक किसे कहते हैं एकदम अच्छे से समझना चाहते हैं, तो इस लेख को पुरा अन्त तक अवश्य पढ़े। आइये अब समुच्चयबोधक क्या हैं बिल्कुल विस्तारपूर्वक से समझे।
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समुच्चयबोधक किसे कहते हैं (Samuchaya Bodhak Kise Kahate Hain)
परिभाषा -- जो अव्यय दो शब्दों या वाक्यों को जोड़ता है, उसे समुच्चयबोधक कहते हैं। दुसरे शब्दों में, ऐसे शब्द जो दो या दो से अधिक शब्द, वाक्य या वाक्यांशों को जोड़ने का काम करते है, वे शब्द समुच्चयबोधक कहलाते है। जैसे -- और, व, एवं, तथा, या, अथवा, किन्तु, परन्तु, कि, क्योंकि, जोकि, ताकि, हालाँकि, चूँकि, लेकिन, अतः, इसलिए आदि।
समुच्चयबोधक के उदाहरण
समुच्चयबोधक की परिभाषा को समझने के बाद अब हम, इसे और भी बेहतर से समझने के लिये इसके कुछ उदहारण को देखते है।
▪︎ राम और रहीम दोस्त हैं।
▪︎ राम आया और उसने रहीम को समझाया।
▪︎ मोहन से कड़ी मेहनत की और सफल हुआ।
▪︎ मोहनी बहुत तेज़ दौड़ी लेकिन प्रथम नही आ सकी।
▪︎ तुम सभी वहां जा सकते हो किन्तु मैं नही।
ऊपर दिये गए उदाहरणों आपने देखा की, लेकिन, और, किन्तु आदि शब्द दो वाक्यांशों को जोड़ने का काम कर रहे है, इन्ही शब्दों को समुच्चयबोधक शब्द कहा जाता है।
समुच्चयबोधक के कार्य
समुच्चयबोधक की परिभाषा और उदाहरण को देखने के बाद, आइये अब हम यह समझते है की समुच्चयबोधक के कार्य क्या होते है।
(1). यह दो शब्दों या सरल वाक्यों को जोड़ता है। जैसे --
▪︎ मोहन और सोहन दोस्त हैं।
▪︎ मोहन आया और सोहन चला गया।
(2). यह दो शब्दों या वाक्यों में से एक का ग्रहण या त्याग अथवा दोनों का त्याग करता है। जैसे --
▪︎ सीता या गीता आयी। (एक का ग्रहण, दूसरे का त्याग)
▪︎ न सीता आयी, न गीता। (दोनों का त्याग)
(3). यह कभी-कभी दो वाक्यों या शब्दों में विरोध भी दिखलाता है। जैसे --
▪︎ सोहन छोटा है, परन्तु मोहन लम्बा है।
(4). यह बतलाता है कि अगले वाक्य के अर्थ का परिणाम पिछले बाक्य के अर्थ का परिणाम है या पिछले वाक्य का अर्थ पहले वाक्य के अर्थ का परिणाम। जैसे --
▪︎ तुम परीक्षा में सफल हुए, क्योंकि मैंने तुम्हें पढ़ाया था।
▪︎ मैंने तुम्हें पढ़ाया, इसलिए तुम परीक्षा में सफल हुए।
समुच्चयबोधक के कितने भेद हैं
समुच्चयबोधक के मुख्यतः दो भेद हैं, जो निम्न है-
(1). समानाधिकार समुच्चयबोधक
(2). व्यधिकरण समुच्चयबोधक
1). समानाधिकार समुच्चयबोधक
यह अव्यय दो मुख्य वाक्यों या एक ही प्रकार के दो शब्दों को जोड़ता है। जैसे -- और, व, एवं, तथा, भी, या, अथवा, न-न, चाहे-चाहे, पर, परन्तु, किन्तु, लेकिन, वरन्, बल्कि, अगर, मगर, अतः, इसलिए, अतएव आदि।
समानाधिकार समुच्चयबोधक के उदाहरण
▪︎ मोहन आएगा और सोहन को पढ़ाएगा। (दोनों मुख्य वाक्यों को)
▪︎ जॉन और जोसेफ आये। (एक ही प्रकार के संज्ञा शब्दों को)
▪︎ न राम आया न श्याम।
▪︎ राम आया परन्तु श्याम न आया।
नोट -- वाक्यों में प्रयुक्त मोटे शब्द समुच्चयबोधक हैं।
2). व्यधिकरण समुच्चयबोधक
यह अव्यय मुख्य वाक्य के साथ आश्रित वाक्य को जोड़ता है। जैसे -- ताकि, चूँकि, क्योंकि, इसलिए कि, जिससे कि, मानो, अर्थात्, यानी, अगर तो, यद्यपि... तथापि आदि।
व्यधिकरण समुच्चयबोधक के उदाहरण
▪︎ वह स्कूल न जा सका, क्योंकि वह बीमार था।
☝️ ☝️
(मुख्य वाक्य) (आश्रित वाक्य)
इस वाक्य में 'क्योंकि' समुच्चयबोधक है।
▪︎ यधपि उसने एम॰ एम॰ किया, तथापि उसे अभी तक नौकरी नहीं मिली है।
FAQ: समुच्चयबोधक से सम्बंधित कुछ प्रश्न
प्रश्न -- समुच्चयबोधक से आप क्या समझते हैं?
उत्तर -- जो अविकारी या अव्यय शब्द, दो शब्दो या वाक्यों को जोड़ते है, वे समुच्चयबोधक कहलाते है।
प्रश्न -- समुच्चयबोधक अव्यय के दो प्रमुख भेद कौन से हैं?
उत्तर -- समुच्चयबोधक अव्यय के दो प्रमुख भेद निम्न है-
(1). समानाधिकार समुच्चयबोधक (2). व्यधिकरण समुच्चयबोधक
प्रश्न -- समुच्चयबोधक शब्द का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर -- समुच्चयबोधक शब्द को योजक भी कहा जाता है, समुच्चयबोधक शब्द का दूसरा नाम योजक है।
समुच्चयबोधक क्या है, वीडियो के माध्यम से समझे
निष्कर्ष
यहा पर इस लेख में हमने अव्यय के तीसरे भाग, यानी की समुच्चयबोधक को एकदम अच्छे से पढ़ा। यह हिन्दी व्याकरण में काफी महत्वपुर्ण तॉपिक है, और जो छात्र प्रतियोगी परीक्षा या सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे है उनके लिये यह काफी उपयोगी है। क्योकी प्रतियोगी परीक्षाओं में हिन्दी व्याकरण के बहुत से प्रश्नों पुछे जाते है, जिसमें समुच्चयबोधक से जुड़े भी प्रश्न आ सकते है। इसलिए अगर आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है तो, इस लेख को बिल्कुल ध्यानपूर्वक से पढ़े और समुच्चयबोधक के सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को अच्छे से समझे। ताकी अगर आपके परीक्षा में इससे सम्बंधित कोई प्रश्न आये तो, आप उस प्रश्न को असानी से कर सके।
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