सर्वनाम किसे कहते हैं (परिभाषा, भेद और उदारहण) Sarvanam Kise Kahate Hain

Sarvanam Kise Kahate Hain

सर्वनाम किसे कहते हैं: सर्वनाम हिंदी व्याकरण में एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है, इससे संबंधित कई प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं, सरकारी नौकरी की परीक्षा और प्रवेश परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। और अगर आप इनमें से किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए काफी ही महत्वपूर्ण और उपयोगी है, इसलिए आप इस लेख को ध्यान से पढ़ें।

इसके अतिरिक्त हिंदी व्याकरण का यह (सर्वनाम) उन सभी विद्यार्थियों के लिए भी काफी उपयोगी है, जो कक्षा 9 से 12 तक के किसी कक्षा में पढ़ रहे हैं, क्योंकि इन कक्षाओं के विद्यार्थियों के हिंदी व्याकरण की परीक्षा में (सर्वनाम) से संबंधित बहुत से प्रश्न पूछे जाते हैं। ऐसे में यदि आप भी कक्षा 9 से 12 तक के किसी क्लास के छात्र है, तो आप इस लेख में दिये गए सर्वनाम के सभी प्रश्नों को अच्छे से जरुर पढ़ें।

यहां पर हम (सर्वनाम) से सम्बंधित उन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर को समझेंगे जो, प्रतियोगी परीक्षा, कक्षा 9 से 12 तक के हिन्दी व्याकरण की परीक्षा एवं विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं में पुछे जा सकते है जैसे की- सर्वनाम की परिभाषा, सर्वनाम के उदाहरण, सर्वनाम के कार्य क्या होते है, सर्वनाम के कितने भेद होते हैं, सर्वनाम शब्द कौन कौन से होते हैं हिंदी में आदि।

सर्वनाम से जुड़े ऐसे और भी कई सवालों के जवाब आपको इस लेख में एकदम विस्तार से मिलेंगे। तो अगर आप यह अच्छी तरह से समझना चाहते हैं कि Sarvanam Kise Kahate Hain तो आपको इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ना चाहिए।

नोट -- यदि आप हिंदी व्याकरण के पूर्ण नोट्स को विस्तार से पढ़ना चाहते हैं, तो आप यहाँ पढ़ सकते हैं 📚 सम्पुर्ण हिन्दी व्याकरण नोट्स

सर्वनाम किसे कहते हैं (Sarvanam Kise Kahate Hain)

परिभाषा -- संज्ञा के स्थान पर जो शब्द उपयोग किये जाते है, उन्हे सर्वनाम कहते हैं। या (दुसरे शब्दों में) संज्ञा के बदले जिन शब्दों का प्रयोग होता है, उन्हें सर्वनाम कहते हैं। जैसे -- वह, उसे, उसने, मैं, मेरा, मेरे, वे, हम, हमलोग आदि।

सर्वनाम के उदाहरण (Sarvanam Ke Udaharan)

• राम एक लड़का है। 
वह पढ़ने में तेज है।
उसने कड़ी मेहनत की है।
उसे अवश्य सफलता मिलेगी।

मोटे अक्षरवाले शब्द सर्वनाम हैं, क्योंकि ये राम (संज्ञा) के बदले आये हैं। यदि सर्वनाम का प्रयोग न किया जाए, तो उपर्युक्त वाक्य भद्दे लगेंगे। जैसे --

• राम एक लड़का है।
• राम पढ़ने में तेज है।
• राम ने कड़ी मेहनत की है।
• राम को अवश्य सफलता मिलेगी।

स्पष्ट है कि वाक्य की सुन्दरता को बनाए रखने के लिए या संज्ञा की पुनरुक्ति न हो, इसके लिए सर्वनाम का प्रयोग आवश्यक है। हिन्दी में कुल 11 मूल सर्वनाम हैं - मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कोई, क्या, कुछ और कौन। इन्हीं मूल सर्वनामों से विभिन्न प्रकार के सर्वनामों की उत्पत्ति हुई है।

सर्वनाम के कार्य

सर्वनाम की परिभाषा और उदारहण समझने के बाद अब हम सर्वनाम के क्या कार्य होते है इसके बारे में समझते है। सर्वनाम के निम्नलिखित प्रमुख कार्य हैं-

(1). संज्ञा जहाँ उसी वस्तु का बोध कराती है जिसका वह नाम है, वहाँ सर्वनाम किसी भी वस्तु का बोध कराता है, यदि पहले वह संज्ञा आ गयी हो। जैसे -- 
राम अच्छा लड़का है। वह मेरा भाई है।
सीता अच्छी लड़की है। वह मेरी बहन है।
इस कुत्ते को देखो। यह मेरा है।
मुझे कई कलमें हैं। वे कीमती हैं।

(2). सर्वनाम नामों (संज्ञाओं) की पुनरुक्ति रोकता है। जैसे -- 

पुनरुक्ति दोष

पुनरुक्ति दोषरहित

मोहन अच्छा लड़का है। मोहन अच्छा लड़का है।
मोहन बी. ए, में पढ़ता है। वह बी. ए, में पढ़ता है।
मोहन पढ़ने में तेज है। वह पढ़ने में तेज है।

(3). सर्वनाम आदर-अनादर या छोटे-बड़े का बोध कराता है। जैसे -
• आप मेरी बहन हैं।  (आदर या बड़े का बोध)
• तू मेरी बहन है।  (अनादर या छोटे का बोध)

(4). सर्वनाम निकटता और दूरी का बोध कराता है। जैसे --
यह लड़का हैं। }          ---      निकटता का बोध 
ये लड़के हैं।    }         

वह लड़का है।  }         ---       दूरी का बोध
वे लड़के हैं।     }          

(5). सर्वनाम निश्चय और अनिश्चय का बोध कराता है। जैसे --
• उसे बुलाओ।  निश्चित व्यक्ति
• किसी को बुलाओ।  अनिश्चित व्यक्ति 

(6). सर्वनाम प्रधान वाक्य और आश्रित वाक्यों में संबंध जोड़ता है। जैसे --
बिना विचारे जो करे, सो पीछे पछताय।

(7). सर्वनाम जिज्ञासा को अभिव्यक्त करता है। जैसे --
कौन आया है ?    तुम्हें क्या चाहिए ? 

सर्वनाम के कितने भेद होते हैं (Sarvanam Ke Bhed)

सर्वनाम की परिभाषा उदहारण सहित जानने के बाद अब हब इसके भेद के बारे मे जानते है। मुख्य रुप से सर्वनाम के 6 भेद होते हैं।

(1). पुरुषवाचक सर्वनाम
(2). निश्चयवाचक सर्वनाम
(3). अनिश्चयवाचक सर्वनाम
(4). संबंधवाचक सर्वनाम
(5). निजवाचक सर्वनाम
(6). प्रश्नवाचक सर्वनाम

(1). पुरुषवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं

जिस सर्वनाम से बोलनेवाले, सुननेवाले या जिसके बारे में कहा जाए उसका बोध हो, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे -- मैं, मैंने, हमलोग, आप, आपको, उसका, उसकी आदि।

पुरुषवाचक सर्वनाम का उदाहरण

• मैंने कल आपको उसकी घड़ी दी थी।
मैंने -- बोलनेवाले के लिए।
आपको -- सुननेवाले के लिए।
उसकी -- जिसके बारे में चर्चा हो रही है।

इस बात का ख्याल रखें कि पुरुषवाचक सर्वनाम का प्रयोग स्त्री-पुरुष या सजीव-निर्जीव सभी के लिए किया जाता है।

पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद हैं

(1). उत्तमपुरुष
(2). मध्यमपुरुष
(3). अन्यपुरुष

(1). उत्तमपुरुष --- मैं, मैंने, हम, हमने, मेरा, मेरी, हमारा, हमारी आदि को उत्तम पुरुष कहते हैं। बोलनेवाला इसका प्रयोग सिर्फ अपने लिए करता है। जैसे --
• मैं आम खाता हूँ।  (मैं -- उत्तमपुरुष, एकवचन)
• हम भारतवासी हैं।  (हम -- उत्तमपुरुष, बहुवचन)

(2). मध्यमपुरुष --- तू, तुम, आप, तुमलोग, आपलोग, तुम्हारा, तुम्हारी, तुम्हारे, आपका, आपकी, आपके आदि को मध्यमपुरुष कहते हैं। इसका प्रयोग सुननेवाले के लिए किया जाता है। जैसे --
• तू अच्छा है।  (तू -- मध्यमपुरुष, एकवचन) 
• तुम अच्छे हो।  (तुम -- मध्यमपुरुष, बहुवचन) 

(3). अन्यपुरुष --- उत्तमपुरुष और मध्यमपुरुष के अतिरिक्त सारे पुरुष -- वह, वे, उसका, उसकी, उनका, उनकी आदि को अन्यपुरुष कहते हैं। दूसरे शब्दों में -- वक्ता श्रोता से जिसकी चर्चा करता है, उसे अन्यपुरुष कहते हैं। जैसे --
• वह मोहन होगा।  (वह -- अन्यपुरुष, एकवचन) 
• वे अच्छे लड़के थे।  (वे -- अन्यपुरुष, बहुवचन) 
• उसका भाई आया है।  (उसका -- अन्यपुरुष, एकवचन) • उनका भाई आया है।  (उनका -- अन्यपुरुष, बहुवचन) 

कभी-कभी आदर हेतु एक वस्तु या व्यक्ति के लिए भी बहुवचन रूप (वे, उनका, उनकी, उनके आदि) प्रयुक्त होता है। जैसे --
• वे श्री मरांडी हैं।
• उनकी माताजी बीमार हैं।

(2). निश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं

यह, वह, ये और वे निश्चयवाचक सर्वनाम हैं। इनसे किसी संज्ञा का निश्चित ज्ञान, दूरी या निकटता का बोध होता है। जैसे -- 
• यह पुस्तक है। (निश्चित रूप से पुस्तक है और निकट भी है)
• ये लड़के हैं। (निश्चित रूप से लड़के हैं और निकट भी हैं) 
• वह हाथी है। (निश्चित रूप से हाथी है, लेकिन दूरी का बोध।) 
• वे कलमें हैं। (निश्चित रूप से कलमें हैं, लेकिन दूरी का बोध।) 

नोट -- निश्चयवाचक सर्वनाम और पुरुषवाचक सर्वनाम में अंतर है। इसे समझने की कोशिश करें

▪︎ राम अच्छा लड़का है। वह अभी पढ़ रहा होगा।
यहाँ राम अभी उपस्थित नहीं है, सिर्फ उसकी चर्चा हो रही है, इसलिए वह -- पुरुषवाचक सर्वनाम।

▪︎ उसका नाम राम है। देखो, वह पढ़ रहा है।
राम कुछ दूरी पर है। उसकी ओर इशारा किया जा रहा है, इसलिए वह -- निश्चयवाचक सर्वनाम।

▪︎ तुम्हें प्रतिदिन दूध पीना चाहिए। यह स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
यहाँ दूध अभी रखा हुआ नहीं है। सिर्फ चर्चा हो रही है, इसलिए यह -- पुरुषवाचक सर्वनाम।

▪︎ इस दूध को क्यों नहीं पी रहे हो ? यह बहुत मीठा है।
दूध का गिलास निकट है। उसकी ओर इशारा किया जा रहा है, इसलिए यह -- निश्चयवाचक सर्वनाम।

(3). अनिश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं

अनिश्चयवाचक सर्वनाम सिर्फ दो हैं -- 'कुछ' और 'कोई' (किसी)। 'किसी', 'कोई' का ही रूप है। इससे व्यक्ति, वस्तु या भाव के अनिश्चय का बोध होता है। जैसे -- 
• नदी में कोई तैर रहा है।  (अनिश्चित व्यक्ति) 
• नदी में कुछ तैर रहा है।  (अनिश्चित वस्तु या कोई जीव-जंतु) 
• किसी को खिला दो।  (अनिश्चित व्यक्ति) 
• कुछ खिला दो।  (अनिश्चित वस्तु) 
• कुछ बातें हो रही हैं।  (अनिश्चित भाव)

'कोई' का प्रयोग प्रायः सजीव के लिए होता है, लेकिन 'कुछ' का प्रयोग निर्जीव या छोटे जीव-जंतु के लिए।

(4). संबंधवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं

जो सर्वनाम प्रधान वाक्य और आश्रित वाक्यों में प्रयुक्त संज्ञा या सर्वनाम से संबंध जोड़ता है, उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे -- 
जो .. सो, जिसकी .. उसकी, जहाँ .. वहाँ, जैसा .. वैसा, जैसी .. वैसी आदि।

जो सोता है, सो खोता है। जहाँ न जाए रवि, वहाँ जाए कवि। जिसकी लाठी, उसकी भैंस। जैसा करोगे, वैसा पाओगे।

'जो' के बाद 'सो' का और 'जिसकी' के बाद 'उसकी' का आना नियत या निश्चित है। इसलिए ऐसे सर्वनामों को 'नित्य-संबंधी' सर्वनाम भी कहते हैं।

(5). निजवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं

'आप' निजवाचक सर्वनाम है। इससे निज या स्वयं का बोध होता है। जैसे --

• मैं आप ही चला जाऊँगा = मैं स्वयं (खुद) चला जाऊँगा।
• आप अपना काम आप ही करते हैं = आप अपना काम स्वयं करते हैं ? 

पुरुषवाचक सर्वनाम 'आप' और निजवाचक सर्वनाम 'आप' में अंतर है। इसे समझें

(i) पुरुषवाचक सर्वनाम (आप) का प्रयोग आदर के लिए होता है। एकवचन में 'आप' और बहुवचन में 'आपलोग' होता है, लेकिन निजवाचक 'आप' के साथ एकवचन या बहुवचन की बात नहीं आती है। जैसे --

• आप क्या कर रहे हैं ? (आप -- पुरुषवाचक, एकवचन)
• अपलोग क्या कर रहे हैं ?  (आपलोग -- पुरुषवाचक, बहुवचन)
• वह आप ही चला गया।  (आप -- निजवाचक)
• समाज के लोग आप ही उठ खड़े होंगे।  (आप -- निजवाचक) 

(ii) पुरुषवाचक 'आप ?' प्रायः मध्यमपुरुष और कभी-कभी अन्यपुरुष के लिए प्रयुक्त होता है, लेकिन निजवाचक 'आप' तीनों पुरुषों के लिए प्रयुक्त होता है। जैसे -- 
• आप कहाँ रहते हैं ?  (आप --- मध्यमपुरुष)
• महात्मा गाँधी हमारे राष्ट्रपिता हैं। आपका (इनका) जन्म पोरबन्दर में हुआ था। (आप -- अन्यपुरुष )
• मैं आप ही चला गया/हमलोग आप ही चले गये। (उत्तमपुरुष) 
• तू आप ही चला गया/तुम आप ही चले गये। (मध्यमपुरुष)
• वह आप ही पढ़ता है/वे आप ही पढ़ते हैं। (अन्यपुरुष) 

(iii) पुरुषवाचक 'आप' वाक्य में अकेले आता है, लेकिन निजवाचक 'आप' संज्ञा या दूसरे सर्वनाम के साथ आता है। जैसे -- 
• आप काम करते हैं। (० + आप) -- पुरुषवाचक  
• राम आप ही काम करता है। (संज्ञा + आप) -- निजवाचक
• वह आप ही चला गया। (सर्वनाम + आप) -- निजवाचक

(6). प्रश्नवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं

'कौन' और 'क्या' यही दो प्रश्नवाचक सर्वनाम हैं। इनसे प्रश्न का बोध होता है। जैसे --
• कौन दौड़ रहा है ? (कौन -- प्रश्नवाचक सर्वनाम) 
• क्या पढ़ रहे हो ? (क्या -- प्रश्नवाचक सर्वनाम)

'कौन' और 'क्या' प्रश्नवाचक सर्वनाम हैं, लेकिन दोनों के प्रयोग में थोड़ा अंतर है --

(i) जहाँ 'कौन' का प्रयोग प्रायः मनुष्य के लिए आता है , वहाँ 'क्या' का प्रयोग प्रायः पशु-पक्षियों, कीट-पतंगों और निर्जीव वस्तुओं के लिए। जैसे --
• वहाँ कौन खड़ा है? (पुरुष/लड़का हो सकता है।)
• वहाँ कौन खड़ी है? (स्त्री/लड़की हो सकती है।) 
• वहाँ क्या खड़ा है? (पशु-पक्षी या वस्तु हो सकती है।) 

(ii) लेकिन, 'कौन' के साथ यदि सा/सी/से जोड़ दिया जाए, तो निर्जीव वस्तु के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। जैसे --
• कौन-सा पेड़ कट गया? 
• कौन-सी कलम अच्छी है?

(iii) कभी-कभी 'क्या' का प्रयोग व्यंग्य, प्रशंसा, तुच्छता या नकारात्मक भावों के लिए भी किया जाता है। जैसे --
• अरे भई ! भ्रष्ट नेता के क्या कहने ! --- व्यंग्य 
• वाह ! ताजमहल के क्या कहने !  --- प्रशसा 
• मैं क्या टाटा-बिरला हूँ।  ---  नकारात्मक 

सर्वनाम का रूपांतर

सर्वनाम का रूपांतर वचन, पुरुष और कारक के अनुसार होता है। इसपर लिंग का प्रभाव नहीं पड़ता है। जैसे --

(1). लिंग के अनुसार
मैं (राम) खाता हूँ। वह (लड़का) पढ़ता है।
मैं (सीता) खाती हूँ। वह (लड़की) पढ़ती है।

स्पष्ट है कि सर्वनाम (मैं, वह) पर लिंग का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

(2). वचन और पुरुष के अनुसार
संज्ञा की तरह सर्वनाम के भी दो वचन होते हैं -- एकवचन और बहुवचन। वचन के आधार पर इनके रूपों में अंतर आता है। जैसे --

पुरुष

एकवचन

बहुवचन

उत्तमपुरुष मैं हम
मध्यमपुरुष तू तुम
अन्यपुरुष यह, वह ये, वे

(3). कारक के अनुसार
संज्ञा की तरह सर्वनाम पर भी कारक का प्रभाव पड़ता है, लेकिन दोनों में थोड़ा अंतर है। जहाँ संज्ञा में संबोधनकारक भी होता है, वहाँ सर्वनाम में संबोधनकारक नहीं होता। इसमें सात ही कारक होते हैं।

सर्वनाम किसे कहते हैं PDF

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FAQ:- सर्वनाम से सम्बंधित कुछ प्रश्न

प्रश्न -- सर्वनाम की परिभाषा क्या है?
उत्तर -- संज्ञा के स्थान पर जो शब्द उपयोग किये जाते है, उन्हे ही सर्वनाम कहा जाता हैं।

प्रश्न -- सर्वनाम किसे कहते हैं इसके कितने भेद हैं उदाहरण सहित?
उत्तर -- संज्ञा के बदले जिन शब्दों का प्रयोग होता है, उन्हें सर्वनाम कहते हैं, इसके 6 भेद होते है।

प्रश्न -- सर्वनाम के कितने भेद होते हैं उदाहरण सहित बताइए?
उत्तर -- सर्वनाम के मुख्य रुप से 6 भेद होते हैं, जोकि निम्न है-
(1). पुरुषवाचक सर्वनाम
(2). निश्चयवाचक सर्वनाम
(3). अनिश्चयवाचक सर्वनाम 
(4). संबंधवाचक सर्वनाम
(5). निजवाचक सर्वनाम
(6). प्रश्नवाचक सर्वनाम

सर्वनाम किसे कहते हैं वीडियो के माध्यम से समझे



निष्कर्ष

यहा पर इस लेख मे हमने हिन्दी व्याकरण के एक बहुत ही महत्वपूर्ण तॉपिक को समझा जोकि है 'सर्वनाम' हमने इस लेख के माध्यम से आपको बताया की सर्वनाम किसे कहते हैं, सर्वनाम की परिभाषा क्या है, सर्वनाम कितने प्रकार के होते है, इसके अलावा और भी बहुत से सवालो के जवाब इस लेख मे विस्तारपुर्वक समझाया गया है।

यहा पर शेयर किये गए "सर्वनाम" की सम्पूर्ण जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट के माध्यम से आप आपनी राय हमारे साथ अवश्य साझा करे। हम पुर्ण रुप से विश्वास है की आपको हमारे द्वारा शेयर की गई यह लेख जरुर पसंद आया होगा और हमे उमीद है की इस लेख की सहायता से Sarvanam kise kahate hain आप बिल्कुल अच्छे से समझ गए होंगे। यदि आपके मन में इस लेख से सम्बंधित कोई सवाल है, तो आप नीचे कमेंट कर सकते है। और साथ हो इस लेख को आप अपने सभी दोस्तो के साथ शेयर भी जरुर करें।

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