अलंकार किसे कहते हैं? परिभाषा | भेद | उदाहरण | Alankar Kise Kahate Hain

Alankar Kise Kahate Hain

इस आर्टिकल में हम हिन्दी व्याकरण के अलंकार के बारे में विस्तार से जानेंगे। यदि आप कक्षा 8 से 12 तक के छात्र है तो, आपके लिये ये आर्टिकल काफी सहायक है क्योकी कक्षा 8 से 12 तक के छात्रों के हिन्दी के विषय में अलंकार का अध्याय होता है जोकि आपके लिये काफी महत्वपुर्ण है क्योकी परीक्षाओं में अलंकार से सम्बन्धित प्रश्न पुछे जाते है ऐसे में अगर आप Alankar In Hindi को अच्छे से पढ़े रहेंगे तो आप परिक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर पायेंगे।

और इसलिये इस आर्टिकल में हम अलंकार से सम्बंधित सभी प्रश्नों के उत्तर को विस्तार से समझेंगे। जैसे -  अलंकार की परिभाषा, अलंकार किसे कहते हैं, अलंकार कितने प्रकार के होते है आदि इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको यहा पर विस्तार से मिल जायेंगे। इसलिए आप इस आर्टिकल को शुरू से अन्त तक पढ़े ताकी आपको Alankar In Hindi अच्छे से समझ में आ जाये। तो चलिए विस्तार से समझे की alankar kise kahate hain


अलंकार किसे कहते हैं (Alankar Kise Kahate Hain)

अलंकार का शाब्दिक अर्थ है आभूषण। आभूषण का प्रयोग शारीरिक सौन्दर्य की वृद्धि के लिए किया जाता है। काव्य में अलंकार भी कविता का आकर्षण बढ़ाने वाले आभूषण होते हैं। भाषा को शब्दार्थ से सुसज्जित तथा सुन्दर बनाने के लिए चमत्कारपूर्ण अलंकारों का प्रयोग किया जाता है। अलंकृत भाषा से सजी कविता पाठकों का मन मोह लेती है। इस प्रकार काव्य की सुन्दरता में वृद्धि करने वाले उपकरणों को अलंकार कहते हैं।

अलंकार की परिभाषा (Alankar Ki Paribhasha)

परिभाषा -- काव्य में वर्णित तथ्य को सौन्दर्य प्रदान करने वाले अस्थिर धर्म को अलंकार कहते हैं। अथवा काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्त्वों को अलंकार कहते हैं।

अलंकार कितने प्रकार के होते हैं (Alankar Kitne Prakar Ke Hote Hain)

अलंकार की परिभाषा को जानने के बाद अब हम अलंकार के भेद को विस्तारपूर्वक समझेंगे। अलंकार कितने प्रकार के होते हैं इसके बारे में बात करे तो, मुख्य रुप से अलंकार चार प्रकार के होते है।

(1). शब्दालंकार
(2). अर्थालंकार
(3). उभयालंकार
(4). पाश्चात्य अलंकार

अब हम इन सभी भेदों को बारी-बारी से विस्तारपूर्वक समझते है।

(1) शब्दालंकार

परिभाषा -- काव्य के शब्दगत चमत्कार को शब्दालंकार कहते है। अथवा जहाँ शब्दों के प्रयोग से सौन्दर्य में वृद्घि होती है और काव्य में चमत्कार आ जाता है, वहाँ शब्दालंकार माना जाता है।

पहचान -- अलंकारिक शब्दों के स्थान पर उनके पर्यायवाची प्रयोग करने पर अलंकार समाप्त हो जाता है।

शब्दालंकार कितने प्रकार के होते है

अभी हमने ऊपर शब्दालंकार किसे कहते, शब्दालंकार की परिभाषा और शब्दालंकार की पहचान को विस्तार से जाना। अब हम शब्दालंकार के भेद के बारे में जानते है। शब्दालंकार कितने प्रकार के होते है इसके बारे में बात की जाए तो, शब्दालंकार सात प्रकार के होते है।
  1. अनुप्रास
  2. यमक
  3. श्लेष
  4. वक्रोक्ति
  5. पुनरुक्तिप्रकाश
  6. पुनरुक्तिवदाभास
  7. वीप्सा

(2) अर्थालंकार

परिभाषा -- जिन शब्दों के अर्थ से चमत्कार स्पष्ट होता है उसे अर्थालंकार कहते है। अथवा जहाँ शब्दों के अर्थ से चमत्कार स्पष्ट हो, वहाँ अर्थालंकार माना जाता है।

पहचान -- अलंकारिक शब्दों के स्थान पर उनके पर्यायवाची प्रयोग करने पर अलंकार ज्यों का त्यों बना रहता है।

अर्थालंकार कितने प्रकार के होते है

अभी हमने ऊपर अर्थालंकार किसे कहते, अर्थालंकार की परिभाषा और अर्थालंकार की पहचान को विस्तार से जाना। अब हम अर्थालंकार के भेद के बारे में जानते है। अर्थालंकार कितने प्रकार के होते है इसके बारे में बात की जाए तो, अर्थालंकार मुख्य रुप से तेरह प्रकार के होते है।
  1. उपमा
  2. रूपक
  3. उत्प्रेक्षा
  4. भ्रान्तिमान
  5. सन्देह
  6. दृष्टान्त
  7. अतिशयोक्ती
  8. विभावना
  9. अन्योक्ति
  10. विरोधाभास
  11. विशेषोक्ति
  12. प्रतीप
  13. अर्थान्तरन्यास

(3) उभयालंकार

परिभाषा -- जो शब्द और अर्थ दोनों में चमत्कार की वृद्धि करते हैं, उन्हें उभयालंकार कहते हैं। अथवा कविता के शब्दों तथा अर्थो दोनों में एक साथ सौन्दर्य उत्पन्न करने वाली शैली को उभयालंकार कहते हैं।

पहचान -- अलंकारिक शब्दों में से कुछ शब्दों के स्थान पर उनके पर्यायवाची प्रयोग करने पर अलंकार समाप्त हो जाता है तथा कुछ शब्दों में अलंकार बना रहता है।

उभयालंकार कितने प्रकार के होते है

अभी हमने ऊपर उभयालंकार किसे कहते, उभयालंकार की परिभाषा और उभयालंकार की पहचान को विस्तार से जाना। अब हम उभयालंकार के भेद के बारे में जानते है। उभयालंकार कितने प्रकार के होते है इसके बारे में बात की जाए तो, उभयालंकार के मुख्य रुप से 2 भेद होते है। ( i ) संकर ( ii ) संसृष्टि

(i) संकर अलंकार --- काव्य में जब शब्दालंकार तथा अर्थालंकार अथवा एक से दो अलंकार इस प्रकार प्रयोग किए जायें कि वे आपस में घुल-मिल जायें तो वह संकर अलंकार होता है। अथवा जहाँ पर दो या अधिक अलंकार आपस में 'नीर-क्षीर' के समान सापेक्ष रूप से घुले-मिले रहते हैं, वहाँ 'संकर' अलंकार होता है; जैसे --

"नाक का मोती अधर की कान्ति से,
बीज दाड़िम का समझकर भ्रान्ति से।
देखकर सहसा हुआ शुक मौन है,
सोचता है अन्य शुक यह कौन है?" 

(ii) संसृष्टि अलंकार --- जब काव्य में शब्दालंकार तथा अर्थालंकार अथवा एक से दो अलंकार इस प्रकार प्रयोग किये जाते हैं कि उनका अस्तित्व बना रहे तो वह संसृष्टि अलंकार होता है। अथवा जहाँ दो अथवा दो से अधिक अलंकार परस्पर मिलकर भी स्पष्ट रहें, वहाँ 'संसृष्टि' अलंकार होता है; जैसे --
तिरती गृह वन मलय समीर,
साँस, सुधि, स्वप्न, सुरभि, सुखगान।
मार केशर-शर, मलय समीर,
ह्रदय हुलसित कर पुलकित प्राण।

(4) पाश्चात्य अलंकार 

हिन्दी साहित्य पर पाश्चात्य प्रभाव पड़ने के फलस्वरूप पाश्चात्य अलंकारों का समावेश हुआ है। प्रमुख पाश्चात्य अलंकार है - मानवीकरण, भावोक्ति, ध्वन्यात्मकता और विरोध चमत्कार। परीक्षा की दृष्टि से मानवीकरण अलंकार ही महत्त्वपूर्ण है, इसलिए यहाँ उसी का विवरण दिया गया है।

मानवीकरण -- जहाँ प्रकृति पदार्थ अथवा अमूर्त भावों को मानव के रूप में चित्रित किया जाता है, वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है; जैसे --
"दिवसावसान का समय, मेघमय आसमान से उतर रही है। 
वह संध्या-सुन्दरी परी-सी, धीरे-धीरे-धीरे।"
यहाँ संध्या को सुन्दर परी के रूप में चित्रित किया गया है, अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।


यहा इस आर्टिकल में हमने अलंकार किसे कहते हैं इसके बारे में विस्तार से जाना। हमने यहा पर अलंकार से सम्बंधित कई सारे प्रश्नों के उत्तर को विस्तारपूर्वक समझा जैसे - alankar kise kahate hain, alankar ki paribhasha, और alankar ke bhed इन सभी प्रश्नों के उत्तर को हमने विस्तारपूर्वक जाना। और हम आशा करते है की आपको ये आर्टिकल अच्छा लगा होगा। और हमे उमीद है इस आर्टिकल में हमने alankar in hindi से सम्बंधित जोभी जानकारी आपके साथ शेयर किया। वो आपको जरुर पसंद आया होगा और अलंकार किसे कहते हैं आप अच्छे से समझ गये होंगे। अगर आपके मन में कोई प्रश्न हो तो, आप हमे नीचे कमेंट करके पुछ सकते है। और इस आर्टिकल को आप अपने दोस्तो के साथ शेयर जरुर करे।

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1 Response to "अलंकार किसे कहते हैं? परिभाषा | भेद | उदाहरण | Alankar Kise Kahate Hain"

  1. Alankar vakyo ka abhushan hain. bahot hi sundar sentense hain. Alankar ko grammar ke rup me sikhna hi chahiye.

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