विस्मयादिबोधक अव्यय | परिभाषा एवं भेद | Vismayadi Bodhak Avyay
अव्यय के चौथे भाग विस्मयादिबोधक को इस लेख में हम एकदम विस्तारपूर्वक से समझेंगे। हिन्दी व्याकरण में यह काफी महत्वपुर्ण तॉपिक है और इससे सम्बंधित बहुत से प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पुछे जाते है, ऐसे में यदि आप भी उन छात्रों में से है, जो प्रतियोगी परीक्षा या सरकार नौकरी की तैयारी कर रहा है, तो आपके लिये यह लेख काफी उपयोगी साबित हो सकता है। इसलिए आप इस लेख को पूरे ध्यानपूर्वक से अन्त तक जरुर पढ़े। इस लेख में विस्मयादिबोधक की दी गई जानकारी से आपको परीक्षा में काफी सहायता मिल सकता है।
यहा पर हम विस्मयादिबोधक से सम्बंधित उन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर देखेंगे, जो किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में पुछे जा सकते हैं जैसे की- विस्मयादिबोधक की परिभाषा क्या है, विस्मयादिबोधक कितने प्रकार के होते हैं, विस्मयादिबोधक के उदाहरण आदि। इस प्रकार के प्रश्न बहुत से परीक्षाओं में पुछे जाते है, और आपको यहा पर इन सभी प्रश्नों के उत्तर एकदम विस्तार से मिल जायेंगे। तो अगर आप vismayadi bodhak avyay kise kahate hain बिल्कुल अच्छे से समझना चाहते है, तो इस लेख को पुरा अन्त तक अवश्य पढ़े।
विस्मयादिबोधक अव्यय किसे कहते हैं (Vismayadi Bodhak Avyay Kise Kahate Hain)
परिभाषा -- जिन अव्यय शब्दों से हर्ष, शोक, क्रोध, भय, आश्चर्य, घृणा आदि तीव्र मनोभाव व्यक्त होते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैं। दुसरे शब्दों में, ऐसे शब्द जो वाक्य में आश्चर्य, शोक, हर्ष, क्रोध, घृणा आदि भाव व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त हो, वे विस्मयादिबोधक कहलाते है। ऐसे शब्दों के साथ विस्मयादिबोधक (!) चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। जैसे -- आह, बाह, काश, शाबाश, ए, ऐं, बाप रे, राम-राम, छी-छी आदि।
विस्मयादिबोधक के उदाहरण
विस्मयादिबोधक की परिभाषा को समझने के बाद, अब हम इसके कुछ उदाहरणों को समझते है।
▪︎ वाह ! वाह ! अच्छा किया ! (हर्ष के भाव)
▪︎ आह ! वह मर गया ! (शोक के भाव)
▪︎ बाप रे ! कितना भयानक शेर ! (आश्चर्य के भाव)
विस्मयादिबोधक के कार्य
चलिये विस्मयादिबोधक की परिभाषा और उदाहरण को समझने के बाद हम यह समझे की, विस्मयादिबोधक के क्या कार्य होते है। तो, विस्मयादिबोधक के निम्नलिखित प्रमुख कार्य हैं-
1). विस्मयादिबोधक हर्ष, शोक, घृणा, आश्चर्य आदि तीव्र मनोभावों को व्यक्त करता है। जैसे --
▪︎ वाह ! तुम प्रथम आये !
▪︎ छिः ! वह कितना नीच है !
2). विस्मयादिबोधक स्वीकार और तिरस्कार को व्यक्त करता है। जैसे --
▪︎ जी ! ठीक है !
▪︎ छिः ! बहुत गलत हुआ !
3). विस्मयादिबोधक संबोधन भी व्यक्त करता है। जैसे --
▪︎ ऐ ! जरा इधर आओ।
विस्मयादिबोधक के कितने भेद हैं
विस्मयादिबोधक के निम्नलिखित प्रमुख भेद हैं
(1). हर्षसूचक
(2). शोकसूचक
(3). आश्चर्यसूचक
(4). घृणासूचक
(5). स्वीकारसूचक
(6). संबोधनसूचक
1). हर्षसूचक
इससे हर्ष के भाव का बोध होता है। जैसे -- वाह, वाह-वाह, धन्य, धन्य-धन्य, शाबाश आदि।
2). शोकसूचक
इससे शोक के भाव का बोध होता है। जैसे -- अह, आह, ओह, हाय, काश, ऊह आदि।
3). आश्चर्यसूचक
इससे आश्चर्य के भाव का बोध होता है। जैसे -- ए, ऐ, ओहो, हैं, क्या, बाप रे आदि।
4). घृणासूचक
इससे घृणा के भाव का बोध होता है। जैसे -- छिः, छी-छी, धिक्, धिक्कार, हट आदि।
5). स्वीकारसूचक
इससे स्वीकार के भाव का बोध होता है । जैसे -- जी, हाँ, जी हाँ, ठीक, अच्छा आदि।
6). संबोधनसूचक
इससे कभी-कभी संबोधन भी व्यक्त होता है। जैसे -- हे, अरे, अजी, भई आदि।
FAQ: विस्मयादिबोधक से सम्बंधित कुछ प्रश्न
प्रश्न -- विस्मयादिबोधक की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए?
उत्तर -- जो शब्द हर्ष, शोक, क्रोध, आश्चर्य, घृणा आदि भावों को प्रकट करते है, उन्हे ही हम विस्मयादिबोधक कहते है। उदाहरण -- हाय राम ! अब में क्या करूँ?
प्रश्न -- विस्मयादिबोधक के कितने भेद हैं?
उत्तर -- विस्मयादिबोधक के प्रमुख 6 भेद हैं।
प्रश्न -- आश्चर्यसूचक से कौन सा भाव का बोध होता है?
उत्तर -- आश्चर्यसूचक से आश्चर्य के भाव का बोध होता है।
प्रश्न -- घृणासूचक से कौन सा भाव का बोध होता है?
उत्तर -- घृणासूचक से घृणा के भाव का बोध होता है।
प्रश्न -- स्वीकारसूचक से कौन सा भाव का बोध होता है?
उत्तर -- स्वीकारसूचक से स्वीकार के भाव का बोध होता है।
विस्मयादिबोधक को वीडियो के माध्यम से समझे
निष्कर्ष
यहा पर इस लेख में हमने विस्मयादिबोधक किसे कहते हैं, एकदम अच्छे से समझा। हमने आपके साथ यहा पर विस्मयादिबोधक से जुड़े उन सभी प्रश्नों के उत्तर साझा किये, जो किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये महत्त्वपूर्ण है। यहा पर दिये गये विस्मयादिबोधक की सभी जानकारी आपको कैसी लगी, कमेंट के माध्यम से आप अपनी राय हमारे साथ जरुर साझा करे। हम आशा करते है की आपको यह लेख जरुर पसंद आया होगा और हमे उमीद है की इस लेख की सहायता से विस्मयादिबोधक किसे कहते हैं आप बिल्कुल अच्छे से समझ गए होंगे। यदि आपके मन में इस लेख को लेकर कोई सवाल है, तो आप नीचे कमेंट करके पुछ सकते हैं। साथ ही इस Vismayadi Bodhak Avyay को आप अपने सभी मित्रों के साथ शेयर जरुर करें।
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