संप्रदान कारक, परिभाषा एवं उदाहरण | Sampradan Karak Kise Kahate Hain
इस आर्टिकल में हम कारक के चौथे भाग, सम्प्रदान कारक को एकदम विस्तार से समझेंगे। हिन्दी व्याकरण में कारक एक महत्त्वपूर्ण विषय है, और कारक के आठ भाग होते है। कारक को बेहतर से समझने के लिये हमे इसके सभी भागों का गहन अध्ययन करना आवश्यक है। और इसलिए इस लेख में हम कारक के चौथे भाग यानी की, सम्प्रदान कारक को बिल्कुल विस्तारपूर्वक समझेंगे। यह लेख प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिये काफी उपयोगी साबित हो सकता है, क्योकी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्प्रदान कारक से जुड़े बहुत से प्रश्न पुछे जाते है, ऐसे में इस लेख की सहायता से आप सम्प्रदान कारक को अच्छे से समझ कर अपने परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं।
यहा पर हम सम्प्रदान कारक से सम्बंधित उन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को समझने का पुर्ण प्रयास करेंगे, जो किसी भी कंपीटीटिव एग्जाम में पुछे जा सकते हैं जैसे की- संप्रदान कारक की परिभाषा, संप्रदान कारक के उदाहरण, संप्रदान कारक का चिन्ह क्या है और कर्म कारक एवं संप्रदान कारक में क्या अंतर है आदि। इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको यहा पर बिल्कुल विस्तार से मिल जायेंगे। तो अगर आप वास्तव में sampradan karak kise kahate hain एकदम अच्छे से समझना चाहते हैं तो, इस लेख को पुरा अन्त तक अवश्य पढ़े।
कारक के अन्य भाग:-
☞(कर्ता कारक)
☞(कर्म कारक)
☞(करण कारक)
☞(अपादान कारक)
☞(संबंध कारक)
☞(अधिकरण कारक)
☞(संबोधन कारक)
संप्रदान कारक किसे कहते हैं (Sampradan Karak Kise Kahate Hain)
परिभाषा -- जिसके लिए कुछ किया जाए या जिसको कुछ दिया जाए इसका बोध कराने वाले शब्द को सम्प्रदान कारक कहते हैं, दुसरे शब्दों में जिसके लिये क्रिया की जाती है या जिसे कुछ दिया जाता है उसे सम्प्रदान कारक कहा जाता है। जैसे -- उसने विद्यार्थी को पुस्तक दी इस वाक्य में विद्यार्थी सम्प्रदान है और इसका चिह्न 'को' है।
कर्म और सम्प्रदान कारक में अंतर
कर्म और सम्प्रदान कारक का विभक्ति चिह्न (को) है, परन्तु दोनों के अर्थों में अन्तर है। सम्प्रदान का (को, के लिए) अव्यय के स्थान पर या उसके अर्थ में प्रयुक्त होता है, जबकि कर्म के (को) का (के लिए) अर्थ से कोई सम्बन्ध नहीं है; जैसे --
कर्म कारक | सम्प्रदान कारक |
---|---|
उस लड़के को बुलाया। | उसने लड़के को मिठाइयाँ दीं। |
सुनील अनिल को मारता है। | सुनील अनिल को रुपए देता है। |
माँ ने बच्चों को खेलते देखा। | माँ ने बच्चे के लिए खिलौने खरीदे। |
सम्प्रदान कारक के प्रयोग का नियम
अब तक हमने सम्प्रदान कारक की परिभाषा और उसके उदाहरण को समझा। अब हम यह समझते है की, सम्प्रदान कारक का प्रयोग किन-किन स्थितियों में किया जाता है। तो, सम्प्रदान कारक का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में होता है -
स्थिति 1 -- किसी वस्तु को दिए जाने के अर्थ में को, के लिए अथवा के वास्ते का प्रयोग होता है; जैसे --
अतिथि के लिए चाय लाओ। |
उमेश को पुस्तकें दो। |
बाढ़ पीड़ितों के वास्ते चन्दा दीजिए। |
स्थिति 2 -- निमित्त प्रकट करने के लिए सम्प्रदान कारक का प्रयोग होता है, जैसे --
मैं गीता के लिए घड़ी लाया हूँ। |
वह आपके लिए फल लाया है। |
रोगी के वास्ते दवा लाओ। |
स्थिति 3 -- अवधि का निर्देश करने के लिए भी सम्प्रदान कारक का प्रयोग होता है, जैसे --
वह चार माह के लिए देहरादून जाएगा। |
वे पन्द्रह दिन के लिए लखनऊ आएँगे। |
मुझे दो दिन के लिए मोटर साइकिल चाहिए। |
स्थिति 4 -- 'चाहिए' शब्द के साथ भी सम्प्रदान कारक का प्रयोग होता है, जैसे --
मजदूरों को मजदूरी चाहिए। |
छात्रों के लिए पुस्तकें चाहिए। |
बच्चों के वास्ते मिठाई चाहिए। |
FAQ: संप्रदान कारक के प्रश्न उत्तर
प्रश्न -- संप्रदान कारक की परिभाषा क्या है?
उत्तर -- जब वाक्य में किसी को कुछ दिया जाए या किसी के लिए कुछ किया जाए, तो वह संप्रदान कारक कहलाता है।
प्रश्न -- संप्रदान कारक का चिन्ह क्या होता है?
उत्तर -- संप्रदान कारक का दो चिन्ह होता है- 'को' और के 'लिए'
प्रश्न -- कर्म और संप्रदान कारक में क्या अंतर है?
उत्तर -- सम्प्रदान कारक का ('को' , 'के लिए') अव्यय के स्थान पर या उसके अर्थ में प्रयुक्त होता है, जबकि कर्म के ('को' का 'के लिए') अर्थ से कोई सम्बन्ध नहीं है। कर्म और संप्रदान कारक में यही अंतर होता है।
प्रश्न -- संप्रदान कारक के 10 उदाहरण
उत्तर -- संप्रदान कारक के 10 उदाहरण निम्न है -
1). उमेश को पुस्तकें दो।
2). रोगी के वास्ते दवा लाओ।
3). मजदूरों को मजदूरी चाहिए।
4). छात्रों के लिए पुस्तकें चाहिए।
5). बच्चों के वास्ते मिठाई चाहिए।
6). अतिथि के लिए चाय लाओ।
7). मैं गीता के लिए घड़ी लाया हूँ।
8). वह आपके लिए फल लाया है।
9). बाढ़ पीड़ितों के वास्ते चन्दा दीजिए।
10). वह चार माह के लिए देहरादून जाएगा।
निष्कर्ष
यहा पर इस लेख के माध्यम से हमने सम्प्रदान कारक किसे कहते हैं एकदम अच्छे से समझा, जोकि कारक का चौथा भाग था। कारक के अन्य भागों को भी आप जरुर पढ़े जिससे की, आपको कारक अच्छे से समझ आ सके। इसी के साथ हम आशा करते है की यह लेख आपको जरुर पसंद आया होगा और हमे उमीद है की, इस लेख की सहायता से Sampradan Karak kise Kahate Hain आप बिल्कुल अच्छे से समझ गये होंगे। यदि इस लेख से सम्बंधित आपके मन में कोई सवाल है तो, आप नीचे कमेंट करके पुछ सकते हैं। साथ ही इस सम्प्रदान कारक को आप अपने सभी मित्रों के साथ शेयर जरुर करे।
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