अपादान कारक | परिभाषा एवं उदाहरण | Apadan Karak Kise Kahate Hain

Apadan Karak Kise Kahate Hain

इस आर्टिकल में हम कारक के पाँचवें भाग अपादान कारक को एकदम विस्तार से समझेंगे। जैसा की आप जानते है की कारक के मुख्य रुप से आठ भाग होते है और अगर आप कारक को एकदम अच्छे से समझना चाहते है तो, आपको इसके सभी भागों को अच्छे से पढ़ना होगा।

और इसलिए इस लेख में हम इसके पाँचवें भाग यानी की अपादान कारक को अच्छे से समझने वाले है, यदि आप उन छात्रों में से है जो, इस समय किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। तो आपके लिये अपादान कारक को समझना काफी उपयोगी साबित हो सकता हैं, क्योकी इससे सम्बंधित प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पुछे जाते है।

इस लेख में हम अपादान कारक से जुड़े उन महत्वपुर्ण प्रश्नों के उत्तर जानेंगे, जो परीक्षाओं में पुछे जा सकते हैं जैसे की- अपादान कारक की परिभाषा, अपादान कारक का चिन्ह क्या है, अपादान कारक के उदाहरण, करण कारक और अपादान कारक में अन्तर आदि। इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको यहा पर एकदम विस्तारपूर्वक से मिल जायेंगे, इसलिए आप इस लेख को पूरे ध्यानपूर्वक से अवश्य पढ़े। तो चलिये अब हम apadan karak kise kahate hain एकदम अच्छे से समझे।

कारक के अन्य भाग:-

अपादान कारक किसे कहते हैं (Apadan Karak Kise Kahate Hain)

परिभाषा -- संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से दूर होने, निकलने, डरने, रक्षा करने, विद्या सीखने, तुलना करने का भाव प्रकट होता है, उसे अपादान कारक कहते हैं। दुसरे शब्दों में, जब संज्ञा या सर्वनाम के किसी रुप से किन्ही दो वस्तु के अलग होने का बोध होता है, तब वह अपादान कारक कहलाता है। अपादान कारक का परसर्ग कारक चिह्न (से) होता हैं।

अपादान कारक उदाहरण

अपादान कारक की परिभाषा को देखने के बाद, अब हम अपादान कारक को और भी बेहतर से समझने के लिये इसका एक उदाहरण देखते है, जिससे की इसे समझने में आपको असानी हो।

उदाहरण -- राकेश के हाथ से घड़ी गिर गई।

इस वाक्य में राकेश के हाथ घड़ी अलग हो रही है, और यहा विभिक्ती चिह्न (से) का प्रयोग हो रहा है। अतः यहा पर राकेश का हाथ अपादान कारक है।

करण कारक और अपादान कारक में अन्तर

करण और अपादान दोनों कारकों में 'से' चिह्न का प्रयोग होता है, किन्तु इन दोनों में मूलभूत अन्तर है। करण क्रिया का साधन या उपकरण है। कर्ता कार्य सम्पन्न करने के लिए जिस उपकरण या साधन का प्रयोग करता है, उसे करण कहते हैं; जैसे- 'मैं कलम से लिखता हूँ।' यहाँ कलम लिखने का उपकरण है।

अतः कलम शब्द का प्रयोग करण कारक में हुआ है। अपादान में अलगाव का भाव निहित है, जैसे - 'पेड़ से पत्ता गिरा।' यहाँ अपादान कारक पेड़ में है, पत्ते में नहीं, जो अलग हुआ है उसमें अपादान कारक नहीं माना जाता, अपितु जहाँ से अलग हुआ है, उसमें अपादान कारक होता है। पेड़ तो अपनी जगह स्थित है, पत्ता अलग हो गया। अतः स्थिर वस्तु अपादान कारक होगी।

FAQ: अपादान कारक से सम्बंधित प्रश्न उत्तर

प्रश्न -- अपादान कारक की परिभाषा क्या है?
उत्तर -- वाक्य में किसी संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से एक वस्तु या व्यक्ति का दुसरी वस्तु या व्यक्ति से अलग होने या तुलना करने के भाव का बोध होता है, वहा अपादान कारक होता है।

प्रश्न -- अपादान कारक में कौन सी विभक्ति का प्रयोग होता है?
उत्तर -- अपादान कारक में (से) विभक्ति चिन्ह का प्रयोग होता है।

प्रश्न -- अपादान कारक के 10 उदाहरण?
उत्तर -- अपादान कारक के 10 उदाहरण निम्न है-
1). मोहन स्कूल से घर आया।
2). मुझे शेर से डर लगता है।
3). राकेश छत से गिर गया।
4). आपने मुझे हानि से बचाया।
5). अंकित ममता से छोटा है।
6). हिरन शेर से डरता है।
7). आसमान से बिजली गिरती है।
8). साप बिल से निकला। 
9). मैं मुंबई से आया हूँ।
10). मैं जोशी जी से आशुलिपि सीखता हूँ।

अपादान कारक को वीडियो के माध्यम से समझे



निष्कर्ष

इस लेख के माध्यम से हमने कारक के पांचवें भाग अपादान कारक को एकदम विस्तारपूर्वक से समझा। आपको बता दे की, हमने कारक के और भी जितने अन्य भाग है उन सभी पर भी विस्तार से लेख लिखा है, यदि आपने उन सभी को नही पढ़ा, तो आप उन सभी भागों को भी जरुर पढ़े, जिससे की आपको (कारक) एकदम अच्छे से समझ में आ जाये।

इसी के साथ हम आशा करते है की आपको यह लेख जरुर पसंद आया और हमे उमीद है की इस लेख की सहायता से Apadan Karak Kise Kahate Hain आप बिल्कुल अच्छे से समझ गए होंगे। यदि आपके मन में इस लेख से सम्बंधित कोई प्रश्न है तो आप कमेंट के माध्यम से पुछ सकते है। साथ ही इस Apadan Karak को आप अपने सभी मित्रों के साथ शेयर भी जरुर करे।

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