संबंध कारक किसे कहते हैं | परिभाषा एवं उदहारण | Sambandh Karak Kise Kahate Hain

Sambandh Karak Kise Kahate Hain

इस आर्टिकल में हम संबंध कारक किसे कहते हैं इसके बारे में विस्तार से जानेंगे, जोकि कारक का छठा भाग है। यहा पर हम संबंध कारक से जुड़े सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को एकदम विस्तार से समझेंगे, जिससे की आपको संबंध कारक क्या है अच्छे से समझने में असानी हो। हिन्दी व्याकरण में कारक काफी महत्वपुर्ण भाग होता है, और इससे सम्बंधित बहुत से प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी आते है, इसलिए यह लेख प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिये काफी उपयोगी है। कारक को बेहतर से समझने के लिये हमे इसके सभी भागों को समझना जरुरी है, और इस लेख में हम इसके छठें भाग (संबंध कारक) को बिल्कुल अच्छे से समझने वाले है।

हम यहा पर संबंध कारक से जुड़े उन महत्वपुर्ण प्रश्नो को समझेंगे जो प्रतियोगी परीक्षाओं में पुछे जा सकते हैं, जैसे की- संबंध कारक की परिभाषा क्या है, संबंध कारक का चिन्ह क्या है, संबंध कारक कैसे पहचाने और संबंध कारक के उदहारण आदि। इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको इस लेख में विस्तार से देखने को मिल जायेंगे, इसलिए आप इस लेख को पूरा अन्त तक अवश्य पढ़े। तो चलिये अब हम sambandh karak kise kahate hain एकदम अच्छे से समझे।

कारक के अन्य भाग:-

संबंध कारक किसे कहते हैं (sambandh karak kise kahate hain)

परिभाषा -- संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी अन्य शब्द के साथ संबंध या लगाव प्रतीत हो उसे संबंध कारक कहते हैं। दुसरे शब्दों में, जब वाक्य में किसी दो वस्तुओं के बिच के संबंध का बोध हो तो उसे संबंध कारक कहा जाता है। संबंध कारक में विभक्ति सदैव लगाई जाती है, और इसका विभक्ति चिन्ह का, के, की, रा, रे, री, ना, ने, नी, इत्यादि होता है।

संबंध कारक का उदहारण (sambandh karak ka udaharan)

अभी हमने संबंध कारक की परिभाषा को समझा, अब हम संबंध कारक को और भी बेहतर से समझने के लिये इसका उदहारण देखेंगे।

यह मोहन का किताब है।

जैसा की आप देख सकते है इस वाक्य में विभक्ति ( का ) का प्रयोग किया गया है और इसमें मोहन का सम्बंध किताब के साथ बताया जा रहा है, इसलिए यह संबंध कारक है।

संबंध कारक का प्रयोग (sambandh karak ka prayog)

अभी तक हमने संबंध कारक क्या होता है और इसके उदहारण को समझा। अब हम यह समझते है की, संबंध कारक का प्रयोग किन किन स्थितियों में किया जाता है। तो, संबंध कारक का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में होता है -

स्थिति ( i ) -- एक संज्ञा या सर्वनाम का, दूसरी संज्ञा या सर्वनाम से सम्बन्ध प्रदर्शित करने के लिए सम्बन्ध कारक का प्रयोग होता है; जैसे --

• अनीता सुरेश की बहन है।
• सुरेन्द्र वीरेन्द्र का मित्र है।
• अनिल अजय का भाई है।

स्थिति ( ii ) -- स्वामित्व या अधिकार प्रकट करने के लिए सम्बन्ध कारक का प्रयोग होता है; जैसे --

• आप किस की आज्ञा से आए हैं।
• नेताजी का लड़का बदमाश है।
• यह उमेश की कलम है।

स्थिति ( iii ) -- कर्तृत्व प्रकट करने के लिए सम्बन्ध कारक का प्रयोग होता है; जैसे -- 

प्रेमचन्द के उपन्यास
• शिवानी की कहानियाँ
कबीरदास के दोहे

स्थिति ( iv ) -- परिमाण प्रकट करने के लिए भी सम्बन्ध कारक का प्रयोग होता है; जैसे --

• पाँच मीटर की साड़ी
• चार पदों की कविता आदि।

स्थिति ( v ) -- मोलभाव प्रकट करने के लिए भी सम्बन्ध कारक का प्रयोग होता है; जैसे --

• दस रुपए की प्याज
• बीस रुपए के आलू
• पचास हजार की मोटर साइकिल आदि।

स्थिति ( vi ) -- निर्माण का साधन प्रदर्शित करने के लिए भी सम्बन्ध कारक का प्रयोग होता है; जैसे -- 

• ईंटों का मकान
• चमड़े का जूता
• सोने की अँगूठी आदि।

स्थिति ( vii ) -- सर्वनाम की स्थिति में सम्बन्ध कारक का रूप रा, रे, री हो जाता है; जैसे --

• मेरी पुस्तक
• तुम्हारा पत्र
• मेरे दोस्त आदि।

संबंध कारक को वीडियो के द्वारा समझे



FAQ: संबंध कारक के प्रश्न उत्तर

प्रश्न -- संबंध कारक की परिभाषा उदहारण सहित?

उत्तर -- संज्ञा या सर्वनाम शब्द के जिस रुप से उसका वाक्य में आए अन्य संज्ञा या सर्वनाम शब्दों से सम्बंध ज्ञात हो, उसे हम सम्बन्ध कारक कहते है। उदहारण -- मोहनी की पुस्तक वहां हैं।

प्रश्न -- संबंध कारक का विभक्ति चिन्ह क्या होता है?

उत्तर -- संबंध कारक का विभक्ति चिन्ह का, के, की, रा, रे, री, ना, ने, नी आदि होता है।

प्रश्न -- संबंध कारक के 10 उदाहरण?

उत्तर -- संबंध कारक के 10 उदाहरण निम्न है-
1). वह रमेश का बेटा है।
2). यह राकेश का भाई है।
3). यह रोहन का घर है।
4). यह उमेश की कलम है।
5). कमलेश के चार पुत्र है।
6). आप किस की आज्ञा से आए हैं।
7). नेताजी का लड़का बदमाश है।
8). अनीता सुरेश की बहन है।
9). सुरेन्द्र वीरेन्द्र का मित्र है।
10). अनिल अजय का भाई है।

निष्कर्ष

यहा पर इस लेख में हमने कारक के छठे भाग (संबंध कारक) के बारे में विस्तार से जाना। यदि आप प्रतियोगी परीक्षा या सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों में से है तो, आपके लिये यह लेख काफी उपयोगी है ऐसा इसलिए क्योकी प्रतियोगी परीक्षाओं में हिन्दी व्याकरण से सम्बंधित काफी सारे प्रश्न पुछे जाते है, जिसमें कारक भी एक महत्त्वपूर्ण भाग है। और हमने कारक के सभी भागों के बारे में संक्षेप से लेख लिखा है, कारक को बेहतर से समझने के लिये आप इस लेख के बाद उन सभी भागो को भी जरुर पढ़े।

यह लेख आपको कैसा लगा अपना सुझाव हमारे साथ जरुर साझा करे। हम आशा करते है की आपको यह लेख जरुर पसंद आया होगा और हमे उमीद है की इस लेख की सहायता से Sambandh Karak Kise Kahate Hain आप बिल्कुल अच्छे से समझ गये होंगे। यदि आपके मन में इस लेख से सम्बंधित कोई सवाल है, तो आप नीचे कमेंट करके पुछ सकते हैं। साथ ही इस Sambandh Karak को आप अपने सभी सहपाठी एवं मित्रों के साथ शेयर जरुर करे।

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