[ PDF ] वासुदेवशरण अग्रवाल का जीवन परिचय 2024 | Vasudev Sharan Agrawal Jivan Parichay
इस आर्टिकल में हम वासुदेवशरण अग्रवाल जी के जीवन परिचय को बिल्कुल विस्तार से समझेंगे। बोर्ड की परीक्षा में सामान्य हिन्दी के विषय में विभिन्न लेखकों के जीवन परिचय लिखने का प्रश्न सामिल होता है, जिनमें से किसी एक लेखक के बारे में आपको लिखना होता है। और उन सभी लेखकों में से एक लेखक वासुदेवशरण अग्रवाल भी है जिनका, जीवन परिचय यहा पर एकदम संक्षेप में दिया जा रहा है। जिसे आप बहुत ही असानी से पढ़ कर याद कर सकते है और अपने परीक्षा में लिख सकते है।
अगर आप कक्षा 10 या 12 के छात्र है तो, यह जीवन परिचय आपके लिए काफी महत्वपुर्ण है क्योकी वासुदेव शरण अग्रवाल का जीवन परिचय कक्षा 12 के बोर्ड परीक्षा के सामान्य हिन्दी के विषय में आने की सम्भावना सबसे अधिक होती है। ऐसे में यदि आप इस जीवन परिचय को एकदम अच्छे से पढ़ कर समझे रहेंगे तो, आपको इससे परीक्षा में काफी मदद मिलेगी और आप हिन्दी के विषय में अच्छे अंक भी प्राप्त कर पायेंगे।
यहा पर हम इस जीवनी में वासुदेवशरण अग्रवाल जी के जीवन से जुड़े उन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को अच्छे से समझेंगे जो, बोर्ड की परीक्षाओं में पुछे जा सकते है। जैसे की, वासुदेव शरण अग्रवाल का जन्म कब और कहां हुआ था, वासुदेव शरण अग्रवाल के माता पिता का नाम क्या है, वासुदेव शरण अग्रवाल की रचनाएं कौन कौन सी हैं, वासुदेव शरण अग्रवाल की मृत्यु कब हुई थी, वासुदेव शरण अग्रवाल का साहित्य परिचय तथा साहित्य में स्थान आदि। इन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर आपको यहा पर बिल्कुल विस्तार से मिल जायेंगे। तो, अगर आप Vasudev Sharan Agrawal Jeevan Parichay एकदम अच्छे से समझना चाहते है तो, इस लेख को पुरा अन्त तक जरुर पढ़े।
ध्यान दे -- सभी परीक्षार्थी ध्यान रखे की परीक्षा में, जीवन परिचय के अन्तर्गत लेखक या कवि का जीवन परिचय, साहित्यिक सेवाएँ या योगदान, रचनाएँ या कृतियाँ तथा हिन्दी साहित्यिक में स्थान आदि बिन्दुओं का संक्षिप्त और सारगर्भित वर्णन करे। अगर आप इन सभी बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए परिक्षा में जीवन परिचय को लिखते है तो, आपको परीक्षा में पुरे अंक अवश्य प्राप्त होंगे।
वासुदेवशरण अग्रवाल की जीवनी (Vasudev Sharan Agrawal Biography)
नाम | वासुदेव शरण अग्रवाल |
जन्म तिथि | 7 अगस्त, 1904 |
जन्म स्थान | खेड़ा ग्राम, मेरठ जिला (उत्तर प्रदेश) |
मृत्यु तिथि | 27 जुलाई 1967 |
मृत्यु स्थान | वाराणसी |
आयु (मृत्यु के समय) | 63 वर्ष |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
भाषा | संस्कृत, हिंदी, प्राकृत, अंग्रेजी |
शिक्षा | एम. ए. (लखनऊ - 1929), पीएच.डी. (लखनऊ -1941), डी. लिट. (लखनऊ - 1946) |
व्यवसाय | संस्कृत और हिंदी साहित्य, सांस्कृतिक इतिहास, मुद्राशास्त्र, संग्रहालय विज्ञान और कला इतिहास। |
अवधि/काल | आधुनिक काल |
पुरस्कार | 1956 में गद्य भाष्य पद्मावत संजीवनी व्याख्या के लिए हिन्दी में साहित्य अकादमी पुरस्कार |
पिता का नाम | विष्णु अग्रवाल |
माता का नाम | सीता देवी अग्रवाल |
वासुदेव शरण अग्रवाल का जीवन परिचय
डॉ० अग्रवाल का जन्म सन् 1904 ई० में मेरठ जनपद के खेड़ा ग्राम में हुआ था। इनके माता-पिता लखनऊ में रहते थे; अत: इनका बचपन लखनऊ में व्यतीत हुआ और यहीं इनकी प्रारम्भिक शिक्षा भी हुई। इन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से एम० ए० तथा लखनऊ विश्वविद्यालय से इन 'पाणिनिकालीन भारत' नामक शोध-प्रबन्ध पर डी० लिट्० की उपाधि प्राप्त की।
डॉ० अग्रवाल ने पालि, संस्कृत एवं अंग्रेजी भाषाओं; भारतीय संस्कृति और पुरातत्त्व का गहन अध्ययन करके उच्चकोटि के विद्वान् के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पुरातत्त्व एवं प्राचीन इतिहास विभाग के वि अध्यक्ष और बाद में आचार्य पद को सुशोभित किया। डॉ० अग्रवाल ने लखनऊ तथा मथुरा के पुरातत्त्व संग्रहालयों में निरीक्षक पद पर, केन्द्रीय सरकार के पुरातत्त्व विभाग में संचालक पद पर तथा दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय में अध्यक्ष तथा आचार्य पद पर भी कार्य किया। भारतीय संस्कृति और पुरातत्त्व का यह महान् पण्डित एवं साहित्यकार सन् 1967 ई० में परलोक सिधार गया।
वासुदेव शरण अग्रवाल का साहित्यिक योगदान
डॉ० अग्रवाल भारतीय संस्कृति, पुरातत्त्व और प्राचीन त इतिहास के प्रकाण्ड पण्डित एवं अन्वेषक थे। इनके मन में भारतीय संस्कृति को वैज्ञानिक अनुसन्धान की दृष्टि से प्रकाश में लाने की उत्कट इच्छा थी; अत: इन्होंने उत्कृष्ट कोटि के अनुसन्धानात्मक निबन्धों की रचना की। इनके अधिकांश निबन्ध प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति से सम्बद्ध हैं।
इन्होंने अपने निबन्धों में प्रागैतिहासिक, वैदिक एवं पौराणिक धर्म का उद्घाटन किया। निबन्ध के अतिरिक्त इन्होंने पालि, प्राकृत और संस्कृत के अनेक ग्रन्थों का सम्पादन और पाठ-शोधन का कार्य किया। जायसी के 'पद्मावत' पर इनकी टीका सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। इन्होंने बाणभट्ट के 'हर्षचरित' का सांस्कृतिक अध्ययन प्रस्तुत किया और प्राचीन महापुरुषों -- श्रीकृष्ण, वाल्मीकि, मनु आदि का आधुनिक दृष्टि से बुद्धिसम्मत चरित्र प्रस्तुत किया। हिन्दी-साहित्य के इतिहास में अपनी मौलिकता, विचारशीलता और विद्वत्ता के लिए ये चिरस्मरणीय रहेंगे।
वासुदेव शरण अग्रवाल कि कृतियाँ
डॉ० वासुदेवशरण अग्रवाल ने निबन्ध, शोध एवं सम्पादन के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण कार्य किया। इनकी प्रमुख रचनाओं का विवरण निम्नवत् है
निबन्ध-संग्रह -- 'पृथिवीपुत्र' , 'कल्पलता' , 'कला और संस्कृति' , 'कल्पवृक्ष' , 'भारत की एकता' , 'माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः' , 'वाग्धारा' आदि इनके प्रसिद्ध निबन्ध-संग्रह हैं।
शोध प्रबन्ध -- 'पाणिनिकालीन भारतवर्ष'।
आलोचना-ग्रन्थ -- ‘पद्मावत की संजीवनी व्याख्या' तथा 'हर्षचरित का सांस्कृतिक अध्ययन'।
सम्पादन -- पालि, प्राकृत और संस्कृत के एकाधिक ग्रन्थों का।
वासुदेव शरण अग्रवाल का साहित्य में स्थान
भारतीय संस्कृति और पुरातत्त्व के विद्वान डॉ० वासुदेवशरण अग्रवाल का निबन्ध-साहित्य अत्यधिक समृद्ध है। पुरातत्त्व और अनुसन्धान के क्षेत्र में उनकी समता कोई नहीं कर सकता। विचार-प्रधान निबन्धों के क्षेत्र में तो इनका योगदान सर्वथा अविस्मरणीय है। निश्चय ही हिन्दी-साहित्य में इनका मूर्धन्य स्थान है।
FAQ: वासुदेव शरण अग्रवाल के बारे में पुछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर
प्रश्न -- वासुदेव शरण अग्रवाल का जन्म कब हुआ था?
उत्तर -- वासुदेव शरण अग्रवाल जी का जन्म 7 अगस्त, सन् 1904 में हुआ था।
प्रश्न -- वासुदेव शरण अग्रवाल का जन्म कहां हुआ था?
उत्तर -- वासुदेव शरण अग्रवाल जी का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ जिला के खेड़ा नामक ग्राम में हुआ था।
प्रश्न -- वासुदेव शरण अग्रवाल के माता-पिता का नाम?
उत्तर -- वासुदेव शरण अग्रवाल के माता-पिता का नाम कही पर भी जिक्र नही किया गया है। लेकिन फिर भी माना जाता है की, इनके पिता का नाम विष्णु अग्रवाल तथा माता का नाम सीता देवी अग्रवाल था।
प्रश्न -- वासुदेव शरण अग्रवाल की मृत्यु कब हुई?
उत्तर -- वासुदेव शरण अग्रवाल जी की मृत्यु 27 जुलाई सन् 1967 में हुई थी।
प्रश्न -- वासुदेव शरण अग्रवाल की दो रचनाएं?
उत्तर -- वासुदेव शरण अग्रवाल जी की दो रचनाएं है - (मलिक मुहम्मद जायसी - पद्मावत) और (पाणिनिकालीन भारतवर्ष)।
वासुदेव शरण अग्रवाल का जीवन परिचय pdf
छात्रों की सुविधा हेतू वासुदेव शरण अग्रवाल का जीवन परिचय pdf के रुप में भी यहा पर दिया गया है। जिसे आप सभी छात्र बहुत ही असानी से डाउनलोड कर सकते हैं और उस पीडीएफ की मदद से वासुदेव शरण अग्रवाल जी के जीवनी को कभी भी पढ़ सकते हैं। पीडीएफ को डाउनलोड करने के लिए नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करे और पीडीएफ को डाउनलोड करे।
निष्कर्ष
यहा पर इस लेख में हमने वासुदेवशरण अग्रवाल का सम्पुर्ण जीवन परिचय एकदम अच्छे से समझा। जोकी, बोर्ड की परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए काफी मददगार है। हमने यहा पर इनके जीवन से सम्बंधित बहुत से महत्वपूर्ण प्रश्नों को समझा जिससे की आपको इनका जीवन परिचय अच्छे से समझ में आ जाये। साथ ही हमने इस लेख में वासुदेवशरण अग्रवाल के जीवन को pdf के रुप में भी शेयर किया, जिसे आप बहुत से असानी से डाउनलोड कर सकते है।
इसी के साथ हम आशा करते है की आपको यह जीवनी जरुर पसंद आया होगा और हमे उमीद है की, इस लेख की सहायता से आपको वासुदेव शरण अग्रवाल का जीवन परिचय कैसे लिखें अच्छे से समझ में आ गया होगा। अगर आपके मन में इस लेख को लेकर या अन्य कोई सवाल हो तो, आप नीचे कमेंट कर सकते है। साथ ही इस vasudev sharan agrawal ki jeevani को आप अपने सहपाठी एवं मित्रों के साथ शेयर जरुर करे।
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