2024 गोस्वामी तुलसीदास का जीवन परिचय | Tulsidas Ka Jivan Parichay [ PDF ]
इस आर्टिकल में हम तुलसीदास जी के जीवन परिचय को एकदम विस्तार से देखेंगे। यह जीवनी कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिये बेहद ही महत्वपूर्ण है, क्योकी तुलसीदास का जीवन परिचय कक्षा 10, 11 और 12 के हिन्दी के परीक्षा में लिखने को जरुर आता है। इसलिए यदि आप कक्षा 9 से 12 तक के किसी भी क्लास के छात्र है। तो इस तुलसीदास की जीवनी को आप पूरे ध्यानपूर्वक से जरुर पढ़े, ताकी अगर आपके हिन्दी के परीक्षा में तुलसीदास का जीवन परिचय और उनकी रचनाएँ लिखने का प्रश्न आये, तो आप उस प्रश्न को असानी से कर सके।
तुलसीदास का जीवन परिचय बोर्ड के परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिये और भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण है, क्योकी बोर्ड की परीक्षा में "तुलसीदास का साहित्यिक जीवन परिचय एवं इनकी रचनाएँ लिखें" ऐसे प्रश्न के आने की काफी ज्यादा संभावना होती है। इसलिए यदि आप बोर्ड के परीक्षा की तैयारी कर रहे है, तो इस जीवनी को आप जरुर याद करे, क्योकी इससे आपको परीक्षा में काफी मदद मिल सकती है।
आपको बता दे को, यह जीवनी न केवल बोर्ड के परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिये ही उपयोगी है, बल्की जो छात्र प्रतियोगीता परीक्षा की तैयारी कर रहे है उनके लिये भी यह जीवनी समान रूप से उपयोगी है। क्योकी बहुत से प्रतियोगी परीक्षाओं में तुलसीदास जी के जीवन से सम्बंधित काफी सारे प्रश्न पुछे जाते है, ऐसे में यदि आप उन छात्रों में से है जो इस समय किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है, तो आप भी इस तुलसीदास की जीवन को अच्छे से जरुर पढ़े।
यहा इस लेख में हम तुलसीदास जी के जीवन से जुड़े उन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को समझेंगे जो, आपके बोर्ड की परीक्षा एवं प्रतियोगी परीक्षा में पुछे जा सकते हैं जैसे की- तुलसीदास का जन्म कब और कहां हुआ था, तुलसीदास का पूरा नाम क्या है, तुलसीदास के माता पिता का नाम क्या था, तुलसीदास की प्रमुख रचनाएँ, तुलसीदास का साहित्यिक परिचय और तुलसीदास का मृत्यु कब और कहां हुई थी आदि। इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको यहा पर एकदम विस्तार से देखने को मिल जायेंगे। अगर आप वास्तव में Tulsidas Ka Jeevan Parichay बिल्कुल विस्तारपूर्वक से समझना चाहते हैं तो, इस लेख को आप पूरा अन्त तक अवश्य पढ़े।
गोस्वामी तुलसीदास की जीवनी
पूरा नाम | गोस्वामी तुलसीदास |
वास्तविक नाम | रामबोला दुबे |
जन्म तिथि | 13 अगस्त 1532 |
जन्म स्थान | राजापुर उर्फ रकरा, बांदा (उत्तर प्रदेश) |
मृत्यु तिथि | 31 जुलाई 1623 |
मृत्यु स्थान | अस्सी घाट, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू |
भाषा | ब्रज तथा अवधी |
पिता का नाम | आत्माराम दुबे |
माता का नाम | हुलसी दुबे |
पत्नी का नाम | रत्नावली |
पुत्र का नाम | तारकी |
गुरु का नाम | नरहरिदास |
सम्मान | संत, गोस्वामी, अभिनववाल्मीकि, भक्तशिरोमणि: |
शैली | दोहा, चौपाई, कवित्त, सवैया, पद |
रचनाएँ | रामचरितमानस, जानकी मंगल, पार्वती मंगल, रामलला नहछू, बरवै रामायण दोहावली, गीतावली, कवितावली, विनय पत्रिकान |
तुलसीदास का जीवन परिचय और उनकी रचनाएँ
गोस्वामी तुलसीदास का जन्म संवत् 1554 अर्थात् सन् 1497 ई. माना जाता है, परन्तु तुलसीदास के जन्म तिथि तथा जन्म स्थान के विषय में विद्वानों के विभिन्न मत हैं। डॉ. नगेन्द्र के हिन्दी साहित्य के इतिहास के अनुसार उनकी जन्म तिथि तथा जन्म स्थान निम्न हैं
(1). जन्म तिथि --
(अ) 1497 ई. , (ब) 1526 ई. , (स) 1532 ई.।
(2). जन्म स्थान --
(अ) राजापुर (बांदा), (ब) सोरों (एटा), (स) सूकर क्षेत्र (आजमगढ़)।
तुलसीदास के पिता का नाम आत्माराम दुबे और माँ का नाम हुलसी था। ये सरयूपारीण ब्राह्मण थे। कह जाता है कि मूल नक्षत्र में जन्म होने के कारण इनके माता-पिता ने इनका परित्याग कर दिया था। इस कारण इनका बचपन बड़े कष्ट में व्यतीत हुआ।
सौभाग्य से इनकी भेंट बाबा नरहरिदास से हो गयी। इन्होंने ही इनका पालन-पोषण तथा शिक्षा-दीक्षा की अतः तुलसीदास ने इनको अपना गुरु मान लिया। बड़े होने पर तुलसीदास काशी चले गये। वहाँ शेष सनातन नामक विद्वान् से वेदों, शास्त्रों, पुराणों व दर्शन का गहन अध्ययन किया। अध्ययन समाप्त करके ये अपन जन्मभूमि राजापुर ग्राम लौट आये।
अपने ग्राम में रहते हुए दीनबन्धु पाठक की सुन्दर कन्या रत्नावलि के साथ इनका विवाह हो गया। तुलसीदा ली गई। घर लौटने पर तुलसीदास ने जब अपनी पत्नी को नहीं पाया तो उसका वियोग सहन न कर सके और सीधे लगभग आधी रात के समय अपनी पत्नी के पास पहुंचे। पत्नी को उनका ये व्यवहार उचित नहीं लगा। उन्होंने तुलसी को फटकारा और कहा
"लाज न आयी आपको दौरे आयेहु साथ"
पत्नी की यह बात तुलसी के हृदय में ऐसी लगी कि उनका मन संसार से विमुख हो गया और वह संन्यासी होकर राम की भक्ति में लीन हो गये। उन्होंने संन्यास लेकर काशी, चित्रकूट और अयोध्या अदि तीर्थ स्थानों का भ्रमण किया। अब इनका जीवन तीर्थयात्रा, भजन, कीर्तन, सत्संग और राम कथा विवेचन में ही व्यतीत होता था। राम भक्ति और काव्य रचना में रत रहते हुए सन् 1623 ई. (सम्वत् 1680) में काशी के असी घाट पर तुलसीदास जी का स्वर्गवास हो गया।
तुलसीदास का साहित्यिक परिचय
तुलसी भक्ति काल की सगुण काव्यधारा की रामाश्रयी शाखा के प्रमुख एवं प्रतिनिधि कवि हैं। इन्होंने रामचरितमानस, विनय पत्रिका जैसे लगभग 12 उत्कृष्ट ग्रन्थों की रचना करके हिन्दी साहित्य की जो अभिवृद्धि की है, वह अन्य किसी कवि ने नहीं की इनका 'रामचरित मानस' हिन्दी साहित्य का ही नहीं, अपितु, विश्व साहित्य का श्रेष्ठतम ग्रन्थ है। इसी एकमात्र ग्रन्थ के आधार पर तुलसीदास की गणना, विश्व साहित्य की महान विभूतियों में की जा सकती है। अपनी अद्वितीय काव्य-प्रतिभा, समन्वयवादी भावना और लोकमंगलकारी साधना के कारण तुलसी हिन्दी साहित्य में विशिष्ट स्थान रखते हैं। अत : तुलसी को हिन्दी साहित्य का सर्वश्रेष्ठ कवि माना जा सकता है।
तुलसीदास की प्रमुख रचनाएँ
तुलसी ने लगभग 12 ग्रन्थों की रचना की है। उनके प्रमुख ग्रन्थ इस प्रकार हैं — रामचरित मानस, विनय पत्रिका, कवितावली, गीतावली, दोहावली, बरवै रामायण, पार्वती मंगल, जानकी मंगल, वैराग्य संदीपनी, रामलला नहछू आदि। इन ग्रन्थों में रामचरित मानस हिन्दी का ही नहीं अपितु विश्व का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य है। समूचे भारत मैं यह ग्रन्थ बड़े सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। साहित्य के क्षेत्र में तो इसकी समता का अन्य कोई ग्रन्थ है ही नहीं। दूसरा श्रेष्ठ ग्रन्थ विनय पत्रिका है। इसमें तुलसी ने भगवान राम से अपने उद्धार के लिए विनय की है। इस प्रकार तुलसीदास हिन्दी साहित्य के अमर कवि माने गये हैं।
FAQ: तुलसीदास के प्रश्न उत्तर
प्रश्न -- तुलसीदास कौन थे?
उत्तर -- तुलसीदास जी एक रामानंदी वैष्णव हिंदू संत और कवि थे, जो देवता राम की भक्ति के लिए काफी प्रसिद्ध थे।
प्रश्न -- तुलसीदास का जन्म कब हुआ था?
उत्तर -- तुलसीदास का जन्म 13 अगस्त सन् 1532 में हुआ था। लेकिन आपको बता दे की, तुलसीदास के जन्म तिथि को लेकर विद्वानों के विभिन्न मत हैं।
प्रश्न -- तुलसीदास का जन्म कहां हुआ था?
उत्तर -- तुलसीदास का जन्म राजापुर, उत्तर प्रदेश के बांदा जिले का एक शहर में हुआ था। जिस प्रकार से तुलसीदास जी के जन्म तिथि को लेकर विद्वानों के विभिन्न मत है, ठीक इसी प्रकार इनके जन्म स्थान भी विद्वान अगल अलग बताते है।
प्रश्न -- तुलसीदास का पूरा नाम क्या है?
उत्तर -- तुलसीदास का पूरा नाम गोस्वामी तुलसीदास है तथा इनका वास्तविक नाम रामबोला दुबे है।
प्रश्न -- तुलसीदास के माता-पिता का नाम क्या था?
उत्तर -- तुलसीदास के माता जी का नाम हुलसी दुबे तथा पिता का नाम आत्माराम दुबे था।
प्रश्न -- तुलसी दास जी की भाषा कौन सी थी?
उत्तर -- तुलसी दास जी की भाषा अवधी और ब्रज थी।
प्रश्न -- तुलसीदास जी की मृत्यु कब हुई थी?
उत्तर -- तुलसीदास की मृत्यु उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 31 जुलाई 1623 में हुई थी।
तुलसीदास का जीवन परिचय pdf
यहा पर हमने सभी छात्रों की सुविधा के लिये तुलसीदास की जीवनी का पीडीएफ फ़ाईल भी शेयर किया है, जिसे आप बहुत ही असानी से डाउनलोड कर सकते हैं। और इस PDF की सहायता से आप जब चाहे तब तुलसीदास की जीवनी का अध्ययन कर सकते हैं। तुलसीदास का जीवन परिचय in Hindi PDF download करने के लिये नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करें, और पीडीएफ फ़ाईल को एकदम असानी से डाउनलोड करे।
निष्कर्ष
यहा पर इस लेख में हमने तुलसीदास का जीवन परिचय कम एवं सरल भाषा में समझा, जिससे की छात्रों को यह जीवनी याद करने में काफी असानी होगी। यह जीवनी आपको कैसा लगा कमेंट के माध्यम से अपना अनुभव हमारे साथ जरुर साझा करे। हम आशा करते है की आपको यह लेख जरुर पसंद आया होगा और हमे उमीद है की इस लेख की सहायता से तुलसीदास का जीवन परिचय कैसे लिखें? आप बिल्कुल अच्छे से समझ गये होंगे। यदि आपके मन में इस लेख से सम्बंधित कोई प्रश्न हो, तो आप नीचे कमेंट करके पुछ सकते हैं। साथ ही इस tulsidas ki jivani को आप अपने सभी सहपाठी एवं मित्रों के साथ शेयर जरुर करे।
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