Trilochan Ka Jivan Parichay 2025 - त्रिलोचन शास्त्री जी का जीवन परिचय

trilochan ka jivan parichay

इस आर्टिकल में हम त्रिलोचन शास्त्री का जीवन परिचय एकदम विस्तार देखेंगे। यह जीवनी कक्षा 10 के छात्रों के लिये काफी महत्वपुर्ण है, क्योकी क्लास 10 के बोर्ड की परीक्षा में सामान्य हिन्दी के विषय में त्रिलोचन शास्त्री के जीवन से सम्बंधित प्रश्न पुछे जाते है। ऐसे में यदि आप कक्षा 10 के विद्यार्थी है, तो इस जीवनी को आप पूरे ध्यानपूर्वक से जरुर पढ़े।

इस लेख में आपको त्रिलोचन शास्त्री जी के जीवन से सम्बंधित जितने भी महत्वपूर्ण प्रश्न है उन सभी के उत्तर मिल जायेंगे, जैसे की- कवि त्रिलोचन का जन्म कब और कहां हुआ, त्रिलोचन जी का वास्तविक नाम, त्रिलोचन शास्त्री के पिता का नाम क्या था, त्रिलोचन की काव्य रचनाएँ और त्रिलोचन जी की मृत्यु कब हुई थी आदि। इस सभी महत्वपुर्ण प्रश्नों के उत्तर जानने के लिये आप इस लेख पुरा अन्त तक अवश्य पढ़े। तो चलिये अब हम trilochan shastri ka jeevan parichay एकदम विस्तारपूर्वक से देखें।


त्रिलोचन शास्त्री की जीवनी

पूरा नाम त्रिलोचन शास्त्री
वास्तविक नाम वासुदेव सिंह
जन्म तिथि 20 अगस्त, 1917
जन्म स्थान चिरानी पट्टी, सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश)
मृत्यु तिथि 9 दिसम्बर, 2007
मृत्यु स्थान ग़ाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)
आयु (मृत्यु के समय) 90 वर्ष
राष्ट्रीयता भारतीय
शिक्षा (एम.ए. अंग्रेजी से) एवं (संस्कृत में शास्त्री की उपाधि)
विद्यालय का नाम काशी हिंदू विश्वविद्यालय
भाषा खड़ी बोली
पुरस्कार/सम्मान (1981 में साहित्य अकादमी पुरस्कार) (1989-1990 शलाका सम्मान)
रचनाएँ (काव्य संग्रह) धरती गुलाब और बुलबुल, दिगन्त, ताप के ताए हुये दिन, शब्द उस जनपद का कवि हूँ अरधान, तुम्हें सौंपता हूँ, जीने की कला आदि।
सम्पादन प्रभाकर, वानर, हंस, आज, समाज आदि।
कहानी संग्रह देश काल
पिता का नाम जगरदेव सिंह

त्रिलोचन शास्त्री का जीवन परिचय

त्रिलोचन शास्त्री का वास्तविक नाम वसुदेव सिंह है। इनका जन्म सुल्तानपुर (उ. प्र.) जिले के चिरानी पट्टी में 20 अगस्त सन् 1917 ई. को हुआ था। शास्त्री परीक्षा उत्तीर्णोपरान्त इन्होंने एम. ए. (पूर्वार्द्ध) की परीक्षा उत्तीर्ण की। स्वाध्याय से त्रिलोचन ने उर्दू , फारसी, अरबी तथा अन्य अनेक भारतीय भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया। 'ताप के ताए हुए दिन' इनका काव्य संग्रह है, जिस पर साहित्य अकादमी पारितोषिक भी प्राप्त हो चुका है। त्रिलोचन शास्त्री एक कवि होने के साथ साथ एक सफल सम्पादक के रूप में भी जाने जाते हैं। उन्होंने पत्रकारिता के साथ-साथ कोशसम्पादन भी भली-भाँति किया है। त्रिलोचन जी ने अनेक पत्रिकाओं से सम्बद्ध रहकर कार्य किया जिनमें वे 'हंस' तथा 'कहानी' पत्रिकाओं से विशेष रूप सम्बद्ध रहे। इनके अतिरिक्त वे 'आज' , 'जनवार्ता' , 'समाज' , 'प्रदीप' , और 'चित्रलेखा' , आदि पत्रिकाओं के सह-सम्पादक के रूप में सुचारू कार्य किया, वे सागर विश्वविद्यालय में मुक्तिबोध पीठ के अतिथि प्रोफेसर के रूप में कार्य कर चुके हैं। यह महान विभूति 9 दिसम्बर सन 2007 ई. को 90 वर्ष की आयु में परलोक सिधार गया।

त्रिलोचन की रचनाएँ

इनकी प्रमुख काव्य रचनाएँ इस प्रकार हैं -- 'धरती' , 'दिगन्त' , 'शब्द' , 'ताप के ताए हुए दिन' , 'गुलाब और बुलबुल' , 'उस जनपद का कवि हूँ , 'अरधान' तथा 'तुम्हें सौंपता हूँ' , 'चेती' , 'जीने की कला' , 'फूल नाम है एक' , 'सबका अपना आकाश' , 'अगर चोर मर जाता' , 'आदगी की गंध' , 'एक लहर फैली अनन्त की' , आदि।

त्रिलोचन जननीवन से जुड़े हुए कवि हैं उनकी कविताओं में माटी की महक है। उन्होंने मानवीय अनुभूतियो। का सहज एवं सजीव चित्रण किया है, इनकी कविताओं में प्रगतिशीलता का गुण विद्यमान है। भाषा सरल है सुबोध है तथा जनमानस के अति निकट है। शिल्पगत सौंदर्य की दृष्टि से वे स्वयं अपनी तुलना में आप ही हैं। ताप के ताए हुए दिन (1980) के कविता संग्रह पर उन्हें सन् 1981 में साहित्य अकादमी पुुस्कार प्राप्त हुआ था।

FAQs : त्रिलोचन शास्त्री के जीवन सम्बंधित कुछ प्रश्न

प्रश्न -- त्रिलोचन जी का जन्म कब हुआ था?

उत्तर -- त्रिलोचन जी का जन्म 20 अगस्त सन् 1917 में हुआ था।

प्रश्न -- त्रिलोचन जी का जन्म कहां हुआ था?

उत्तर -- त्रिलोचन जी का जन्म उत्तर प्रदेश के जिले सुल्तानपुर के चिरानी पट्टी में हुआ था।

प्रश्न -- त्रिलोचन का पूरा नाम क्या है?

उत्तर -- त्रिलोचन का पूरा नाम त्रिलोचन शास्त्री है।

प्रश्न -- त्रिलोचन जी का वास्तविक नाम?

उत्तर -- त्रिलोचन जी का वास्तविक नाम वासुदेव सिंह था।

प्रश्न -- त्रिलोचन शास्त्री के पिता का नाम क्या था?

उत्तर -- त्रिलोचन के पिता जी का नाम जगरदेव सिंह था।

प्रश्न -- त्रिलोचन जी की मृत्यु कब हुई थी?

उत्तर -- त्रिलोचन जी की मृत्यु ग़ाजियाबाद में 9 दिसम्बर सन् 2007 में हुई थी।

त्रिलोचन का जीवन परिचय PDF

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