[ PDF ] सुभद्राकुमारी चौहान का जीवन परिचय | Subhadra Kumari Chauhan Ka Jivan Parichay
इस आर्टिकल में हम सुभद्राकुमारी चौहान का जीवन परिचय बिल्कुल विस्तार से देखेंगे। इनकी जीवनी के साथ साथ हम यहा पर, सुभद्राकुमारी चौहान जी के जीवन से जुड़े बहुत से महत्वपुर्ण प्रश्नों के उत्तर भी जानेंगे, इसके अलावा हम सुभद्राकुमारी चौहान की सबसे लोकप्रिय कविता भी यहा पर देखेंगे।
सुभद्राकुमारी चौहान की जीवनी बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिये काफी महत्वपुर्ण है, क्योकी बोर्ड परीक्षा के सामान्य हिन्दी के विषय में "सुभद्रा कुमारी चौहान की सम्पुर्ण जीवनी लिखिए" इस प्रकार के प्रश्न आने की काफी ज्यादा संभावना होती है। ऐसे में यदि आप भी बोर्ड के परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों में से एक है, तो इस जीवनी को आप पूरे ध्यानपूर्वक से अवश्य पढ़े। ताकी अगर आपके परीक्षा में सुभद्राकुमारी चौहान की जीवनी लिखने का प्रश्न आये, तो आप उस प्रश्न को असानी से कर सके।
यहा पर हम सुभद्राकुमारी चौहान के जीवन से सम्बंधित उन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को समझेंगे जो आपके बोर्ड के परीक्षा में पुछे जा सकते हैं, जैसे की- सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म कब और कहां हुआ था, सुभद्रा कुमारी चौहान के माता-पिता का नाम क्या था, सुभद्रा कुमारी चौहान के पति का नाम क्या था, सुभद्रा कुमारी चौहान के कितने बच्चे थे, सुभद्रा कुमारी चौहान की भाषा शैली, सुभद्रा कुमारी चौहान का साहित्यिक परिचय, सुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाएँ, सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु कब हुई थी और सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु कहाँ हुई आदि। इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको यहा पर एकदम विस्तार से मिल जायेंगे। तो अगर आप वास्तव में Subhadra Kumari Chauhan Ka Jeevan Parichay बिल्कुल अच्छे से समझना चाहते है तो, इस लेख को पुरा अन्त तक अवश्य पढ़े।
सुभद्राकुमारी चौहान की जीवनी (Subhadra Kumari Chauhan Ka Jivan Parichay)
नाम | सुभद्राकुमारी चौहान |
जन्म तिथि | 16 अगस्त 1904 |
जन्म स्थान | प्रयागराज, उत्तर प्रदेश (भारत) |
मृत्यु तिथि | 15 फ़रवरी 1948 |
जन्म स्थान | सिवनी, मध्य प्रदेश (भारत) |
आयु (मृत्यु के समय) | 43 वर्ष |
मृत्यु का करण | मोटर दुर्घटना |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | कवयित्री |
विषय | हिन्दी |
पिता का नाम | ठाकुर रामनाथ सिंह |
माता का नाम | ज्ञात नही |
पति का नाम | ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान |
संतान | 5 |
पुत्रों के नाम | अजय चौहान विजय चौहान और अशोक चौहान |
पुत्रियों के नाम | सुधा चौहान और ममता चौहान |
भाषा | खड़ी बोली |
शैली | गीत शैली |
रचनाएँ | त्रिधारा, मुकुल, सीधे-सादे चित्र, बिखरे मोती, उन्मादि |
सुभद्राकुमारी चौहान का जीवन परिचय 2024
कवयित्री सुभद्राकुमारी चौहान का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में सन् 1904 को एक सम्भ्रान्त परिवार में हुआ था। आपके पिता रामनाथ सिंह उदार प्रकृति के व्यक्ति थे। सन् 1919 में इनका विवाह खण्डवा के लक्ष्मण सिंह चौहान के साथ हुआ था। सुभद्रा में राष्ट्रीयता की भावना बचपन से ही विद्यमान थी। सत्याग्रह आन्दोलन छिड़ने पर आपने पढ़ाई छोड़ दी।
आन्दोलन में सक्रिय भाग लेने के कारण कई बार जेल यात्रा भी करनी पड़ी। इनके पति भी स्वतन्त्रता के पूर्ण समर्थक थे। बी. ए. , एल. एल. बी. होते भी इन्होंने वकालत नहीं की। ससुराल खण्डवा पहुँचने पर सुभद्रा कुमारी माखनलाल चतुर्वेदी के सम्पर्क में आयीं। इनसे आपको साहित्य-सृजन में विशेष प्रेरणा मिली। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद उत्तर प्रदेश की सरकार ने आपको विधान परिषद् सभा का सदस्य मनोनीत करके आपका सम्मान किया। सन् 1948 में एक मोटर दुर्घटना में आपका असामयिक निधन हो गया।
सुभद्राकुमारी चौहान का साहित्यिक परिचय
आधुनिक युग के कवियों में श्रीमती चौहान की कविता कई दृष्टियों से नवीन और महत्त्वपूर्ण है। खड़ी बोली में वात्सल्य और दाम्पत्य जीवन के उन जैसे चित्र अन्य किसी कवि ने प्रस्तुत नहीं किये हैं। वीर रस की तो वे हिन्दी की एकमात्र कवयित्री हैं। इस दृष्टि में हिन्दी की कवयित्रियों में सुभद्रा जी का एक विशिष्ट और महत्त्वपूर्ण स्थान है।
सुभद्राकुमारी चौहान की रचनाएँ
मुकुल नक्षत्र और त्रिधारा आपकी कविताओं के संग्रह हैं। 'मुकुल' पर आपको हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा सेक्सरिया पुरस्कार प्रदार किया गया था। आप उच्च स्तर की कहानी लेखिका भी रही हैं। 'उमादिनी' और 'बिखरे मोती' दो आपके कहानी संग्रह हैं।
सुभद्रा कुमारी चौहान की सबसे लोकप्रिय कविता "झांसी की रानी"
इस समाधि में छिपी हुई है,एक राख की ढेरी ।जल कर जिसने स्वतन्त्रता की,दिव्य आरती फेरी ॥यह समाधि, यह लघु समाधि है,झाँ की रानी की ।अंतिम लीलास्थली यही है,लक्ष्मी मरदानी की ॥कहीं कहीं पर बिखर गयी वह,भग्न विजय-माला सी ।उसके फूल यहाँ संचित हैं,है यह स्मृति-शाला-सी ॥सहे वार पर वार अंत तक,लड़ी वीर बाला-सी ।आहुति-सी गिर चढ़ी चिता पर,चमक उठी ज्वाला-सी ॥बढ़ जाता है मान वीर का,रण में बली होने से ।मूल्यवती होती सोने की,भस्म यथा सोने से ॥रानी से भी अधिक हमें अब,यह समाधि है प्यारी ॥यहाँ निहित है स्वतन्त्रता की,आशा की चिनगारी ॥इससे भी सुंदर समाधियाँ,हम जग में हैं पाते ।उनकी गाथा पर निशीथ में,क्षुद्र जंतु ही गाते ॥पर कवियों की अमर गिरा में,इसकी अमिट कहानी ।स्नेह और श्रद्धा से गातीहै, वीरों की बानी ॥बुंदेले हरबोलों के मुख,हमने सुनी कहानी ।खूब लड़ी मरदानी वह थी,झाँसी वाली रानी ॥वह समाधि, यह चिर समाधिहै, झाँसी की रानी की ।अंतिम लीलास्थली यही है,लक्ष्मी मरदानी की ॥
FAQ: सुभद्रा कुमारी चौहान के महत्त्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न -- सुभद्रा कुमारी चौहान कौन थी।
उत्तर -- सुभद्रा कुमारी चौहान एक भारतीय कवियत्री थीं।
प्रश्न -- सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म कब हुआ था?
उत्तर -- सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म 16 अगस्त सन् 1904 में हुआ था।
प्रश्न -- सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म कहां हुआ था?
उत्तर -- सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था।
प्रश्न -- सुभद्रा कुमारी चौहान के पिता का नाम क्या था?
उत्तर -- सुभद्रा कुमारी चौहान के पिता जी का नाम ठाकुर रामनाथ सिंह था।
प्रश्न -- सुभद्रा कुमारी चौहान के पति का नाम क्या था?
उत्तर -- सुभद्रा कुमारी चौहान के पति का नाम ठाकुर लक्ष्मण सिंह चौहान था।
प्रश्न -- सुभद्रा कुमारी चौहान के कितने बच्चे थे?
उत्तर -- सुभद्रा कुमारी चौहान के 5 बच्चे थे, जिनमें 3 पुत्र और 2 पुत्री थी।
प्रश्न -- सुभद्रा कुमारी चौहान की अमर कविता कौन सी है?
उत्तर -- सुभद्रा कुमारी चौहान की अमर कविता "खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी" है।
प्रश्न -- सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु का कारण क्या था?
उत्तर -- सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु एक मोटर दुर्घटना के करण से हुआ था।
प्रश्न -- सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु कब हुई थी?
उत्तर -- सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु 15 फ़रवरी सन् 1948 में हुई थी।
प्रश्न -- सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु कहाँ हुई?
उत्तर -- सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु भारत के मध्य प्रदेश में सिवनी नामक शहर में हुई थी।
सुभद्रा कुमारी चौहान का जीवन परिचय pdf
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निष्कर्ष
यहा पर इस लेख के माध्यम से हमने subhadra kumari chauhan ka jivan parichay बिल्कुल अच्छे से समझा। यह जीवनी आपको कैसा लगा, कमेंट के माध्यम से अपना अनुभाव हमारे साथ जरुर साझा करे। हम आशा करते है की आपको यह लेख जरुर पसंद आया होगा और हमे उमीद है की इस लेख की सहायता से सुभद्रा कुमारी चौहान का जीवन परिचय कैसे लिखे? आप एकदम अच्छे से समझ गये होंगे। अगर आपके मन में इस लेख से सम्बंधित कोई प्रश्न है तो, आप नीचे कमेंट करके पुछ सकते हैं। साथ ही इस subhadra kumari chauhan ki jivani को आप अपने सभी मित्रों के साथ शेयर जरुर करे।
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