[ PDF ] महादेवी वर्मा का जीवन परिचय और उनकी रचनाएँ | Mahadevi Verma Ka Jivan Parichay

महादेवी वर्मा का जीवन परिचय

इस आर्टिकल के माध्यम से हम महादेवी वर्मा का जीवन परिचय बिल्कुल अच्छे से समझेंगे। इनका जीवन परिचय कक्षा 9, 10, 11 और 12 के हिन्दी के परीक्षा में पुछा जाता है। और अगर आप कक्षा 9 से 12 तक के किसी भी क्लास के छात्र है तो, आपके लिये महादेवी वर्मा की जीवनी को जानना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। क्योकी अगर आप इनकी जीवनी को अच्छे से पढ़ कर याद कर लेते है। तो, इससे आपको बोर्ड परीक्षा में काफी मदद मिलेगी और आप हिन्दी के विषय में अच्छे अंक भी प्राप्त कर पाएंगे।

इस लेख में महादेवी वर्मा के जीवन से जुड़े उन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर को सामिल किया गया है, जो कक्षा 10 या 12 के परीक्षा में पुछा जाता है। जैसे की, महादेवी वर्मा का जन्म कब और कहां हुआ था, महादेवी वर्मा के पिता का नाम क्या था, महादेवी वर्मा को कौन सा पुरस्कार मिला है, महादेवी वर्मा की रचनाएं, महादेवी वर्मा का साहित्यिक परिचय और महादेवी वर्मा की मृत्यु कब हुई थी आदि। इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको यहा पर बिल्कुल विस्तार से मिल जायेंगे। तो, अगर आप mahadevi verma ka jeevan parichay एकदम अच्छे से समझना एवं पढ़ना चाहते है तो, इस लेख को पुरा अन्त तक जरुर पढ़े।


महादेवी वर्मा की जीवनी 2024 

पूरा नाम महादेवी वर्मा
अन्य नाम आधुनिक मीरा
जन्म तिथि 26 मार्च 1907
जन्म स्थान फर्रुखाबाद
मृत्यु तिथि 11 सितंबर 1987
मृत्यु स्थान इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश (भारत)
आयु (मृत्यु के समय) 80 वर्ष
राष्ट्रीयता भारतीय
व्यवसाय कवयित्री, उपन्यासकार, लघुकथा लेखिका
शिक्षा एम. ए. संस्कृत, प्रयागराज विश्वविद्यालय
साहित्यिक आन्दोलन छायावाद
काल/अवधि बीसवीं शताब्दी
भाषा साहित्यिक खड़ी बोली
शैली छायावादी, मुक्तक शैली
रचनाएँ नीरजा, सान्ध्य गीत, दीपशिखा, सप्तपर्णा, नीहार, रश्मि, हिमालय
पुरस्कार (1956 -पद्म भूषण), (1982 - ज्ञानपीठ पुरस्कार), (1988 - पद्म विभूषण)
पिता का नाम गोविन्द सहाय वर्मा
माता का नाम हेम रानी
पति का नाम डॉ स्वरूप नारायण वर्मा

महादेवी वर्मा का जीवन परिचय

महादेवी वर्मा का जन्म फर्सखाबाद में होली के दिन सन् 1907 (सं. 1964) में हुआ था। इनके पिताजी गोविन्द सहाय वर्मा इन्दौर के एक कॉलेज में अध्यापक थे और माता हेमरानी धर्मपरायण महिला थीं। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा इन्दौर में हुई। बी. ए. और एम. ए. की परीक्षाएँ प्रयाग विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण की 9 वर्ष की अल्पायु में स्वरूप नारायण वर्मा के साथ इनका विवाह हुआ किन्तु इनका विवाहित जीवन सुखी नहीं रहा ! इनके ससुर स्त्री शिक्षा के विरोधी थे। इस कारण विवाह होने से इनका अध्ययन क्रम टूट गया। माता की धार्मिक प्रवृत्ति होने के कारण घर में इन्हें रामायण और महाभारत की कथाएँ सुनने का पर्याप्त अवसर मिला। 

परिणामस्वरूप बचपन से ही इनके मन में साहित्य के प्रति आकर्षण उत्पन्न हो गया था और बचपन से ही काव्य रचना करने लगी थी तत्पश्चात प्रयाग महिला विद्यापीठ की प्रधानाचार्य नियुक्त हुईं और बहुत समय तक इस पद पर कार्य करती रहीं। कुछ वर्षों तक यह उत्तर प्रदेश विधानसभा की मनोनीत सदस्य भी रह चुकी हैं। इनकी साहित्यिक रचनाआ से प्रभावित होकर भारत सरकार ने इनको 'पद्म भूषण अलंकार से अलंकृत किया। इनको ज्ञानपीठ पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। जीवन के अन्तिम समय तक पाहित्य - साधना में लीन रहते हुए 11 सितम्बर, 1987 को इनका देहावसान हो गया।

महादेवी वर्मा का साहित्यिक परिचय

महादेवी वर्मा छायावाद और रहस्यवाद की प्रमुख कवयित्री हैं। छायावाद के चार महान कवियों के बृहद चतुष्ट्य में इनकी गणना की जाती है। महादेवी वर्मा का काव्य पीड़ा का काव्य है।

इसलिए उन्हें आधुनिक युग की 'मीरा' कहा जाता है। साहित्य और संगीत का अपूर्व संयोग करके 'गीत' विधा को विकास की चरम सीमा पर पहुँचा देने का श्रेय महादेवी वर्मा को ही है। महादेवी वर्मा मूलतः कवि हैं किन्तु उनका गद्य भी कम महत्त्वपूर्ण नहीं है। उनके गद्य में भी काव्य जैसा आनन्द आता है। इस प्रकार हिन्दी साहित्य जगत में महादेवी वर्मा का उच्चतम स्थान है।

महादेवी वर्मा की रचनाएँ

श्रीमती महादेवी वर्मा मूलत: कवयित्री हैं। साथ में उच्चकोटि की गद्य लेखिका भी हैं। 'नीहार' , 'रश्मी' , 'नीरजा' , 'यामा' , 'सान्ध्य गीत' , 'दीपशिखा' आपकी प्रमुख काव्य रचनाएँ हैं। 'यामा' और 'दीपशिखा' पर आपको पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। 'अतीत के चलचित्र' , 'शृंखला की कड़ियाँ' , 'स्मृति की रेखाएँ' इनके गद्यात्मक संस्मरण हैं। इन संस्मरणों में काव्य का सा आनन्द ही आता है।

FAQ: महादेवी वर्मा के प्रश्न उत्तर

प्रश्न -- महादेवी वर्मा कौन थी?

उत्तर -- महादेवी वर्मा एक भारतीय हिंदी भाषा की निबंधकार, कवयित्री, स्केच स्टोरी राइटर और हिंदी साहित्य की एक प्रख्यात शख्सियत थी। जिन्हें हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माना जाता था।

प्रश्न -- महादेवी वर्मा का जन्म कब हुआ था?

उत्तर -- महादेवी वर्मा जी का जन्म 26 मार्च सन् 1907 में हुआ था।

प्रश्न -- महादेवी वर्मा का जन्म कहां हुआ था?

उत्तर -- महादेवी वर्मा जी का जन्म फर्रुखाबाद में हुआ था।

प्रश्न -- महादेवी वर्मा का उपनाम क्या है?

उत्तर -- महादेवी वर्मा को आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है।

प्रश्न -- महादेवी वर्मा के पिता का नाम क्या था?

उत्तर -- महादेवी वर्मा के पिता जी का नाम गोविन्द सहाय वर्मा था।

प्रश्न -- महादेवी वर्मा के पति का क्या नाम है?

उत्तर -- महादेवी वर्मा के पति जी का नाम डॉ स्वरूप नारायण वर्मा है।

प्रश्न -- महादेवी वर्मा को कौन सा पुरस्कार मिला है?

उत्तर -- महादेवी वर्मा जी को 1956 में पद्म भूषण, 1982 में  ज्ञानपीठ पुरस्कार और 1988 पद्म विभूषण पुरस्कार मिले है।

प्रश्न -- महादेवी वर्मा का साहित्य में क्या स्थान है?

उत्तर -- महादेवी वर्मा का हिन्दी साहित्य जगत में उच्चतम स्थान है।

प्रश्न -- महादेवी वर्मा की मृत्यु कब और कहां हुई थी?

उत्तर -- महादेवी वर्मा जी की मृत्यु इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में 11 सितंबर 1987 में हुई थी।

महादेवी वर्मा का जीवन परिचय PDF

यहा पर महादेवी वर्मा की जीवनी को pdf के रुप में भी शेयर किया गया है। जिसे आप बहुत ही असानी से डाउनलोड कर सकते है और उस पीडीएफ की सहायता से महादेवी वर्मा के जीवन परिचय को आप कभी भी अपने समयानुसार अध्ययन कर सकते हैं। महादेवी वर्मा का जीवन परिचय pdf डाउनलोड करने के लिये नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करे और पीडीएफ फ़ाईल को डाउनलोड करे।


निष्कर्ष

यहा पर इस लेख में हमने mahadevi verma biography in hindi को बड़े ही विस्तार से सहज भाषा में समझा। यह जीवनी बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिये काफी महत्वपुर्ण है। तो, अगर आप उन छात्रों में से है जो, इस समय बोर्ड के परीक्षा तैयारी कर रहा है। तो  इस जीवनी को आप जरुर से पढ़े एवं याद करे, क्योकी इससे आपको परीक्षा में काफी मदद मिल सकती है। इसी के साथ हम आशा करते है की आपको यह जीवनी जरुर पसंद आया होगा और हमे उमीद है की, इस लेख की सहायता से आपको, महादेवी वर्मा का जीवन परिचय कैसे लिखते हैं अच्छे से समझ में आ गया होगा। अगर आपके मन में इस लेख से सम्बंधित कोई सवाल हो तो, आप हमे नीचे कमेंट करके पुछ सकते हैं। साथ ही इस mahadevi verma ki jeevani को आप अपने सहपाठी एवं मित्र के साथ साझा जरुर करे।

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