2024 पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी संपूर्ण का जीवन परिचय [ PDF ]
इस आर्टिकल में हम पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जीवन परिचय एकदम विस्तार से देखेंगे। इनका जीवन परिचय कक्षा 10 के छात्रों के लिये काफी महत्वपुर्ण है, क्योकि क्लास 10 के बोर्ड परीक्षा में सामान्य हिन्दी के विषय में पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की जीवनी लिखने का प्रश्न पुछा जा सकता है। ऐसे में यदि आप कक्षा 10 के विद्यार्थी है तो, इस जीवनी को आप पूरे ध्यानपूर्वक से जरुर पढ़े क्योकी इससे आपको परीक्षा में काफी मदद मिल सकती है।
हम यहा इस लेख में पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी के जीवन से जुड़े उन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को समझेंगे जो, आपके परीक्षा में पुछे जा सकते हैं जैसे की- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी का जन्म कब और कहां हुआ था, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की माता-पिता का नाम क्या था, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की कृतियाँ, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का साहित्यिक परिचय, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की भाषा शैली, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की मृत्यु कब हूई थी आदि। इन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर आपको यहा पर बिल्कुल विस्तार से मिल जायेंगे। तो अगर आप वास्तव में padumlal punnalal bakshi ka jeevan parichay एकदम अच्छे से समझना चाहते हैं तो, इस लेख को पुरा अन्त तक अवश्य पढ़े।
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की जीवनी (Padumlal Punnalal Bakshi Biography In Hindi)
नाम | पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी |
जन्म तिथि | 27 मई, 1894 |
जन्म स्थान | खेरागढ़, छत्तीसगढ़ (भारत) |
मृत्यु तिथि | 28 दिसंबर, 1971 |
मृत्यु स्थान | रायपुर, छत्तीसगढ़ (भारत) |
आयु (मृत्यु के समय) | 77 वर्ष |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा | बी. ए. |
विद्यालय | केंद्रीय हिन्दू विद्यालय (वाराणसी) |
व्यवसाय | लेखक, अध्यापक, पत्रकार |
विधा | गद्य और पद्य |
काल | आधुनिक काल |
विषय | कविता, निबंध, कहानी |
भाषा | संस्कृत प्रधान, सरल तथा व्यावहारिक, उर्दू , फारसी के शब्दों का प्रयोग |
शैली | विचारात्मक, भावात्मक आलोचनात्मक |
निबन्ध संग्रह | पंचपात्र, पदमवन |
आलोचना | हिन्दी साहित्य विमर्श और विश्व साहित्य |
सम्पादन | सरस्वती, छाया |
पिता का नाम | पुन्नालाल बख्शी |
माता का नाम | श्रीमती मनोरमा देवी |
पत्नी का नाम | लक्ष्मी देवी |
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जीवन परिचय
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जन्म 27 मई, सन् 1894 में छतीसगढ़ के खेरागढ़ नामक स्थान में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। इनके पिता पुन्नालाल और पितामह उमराव बख्शी थे जो साहित्य के प्रेमी थे। इसी कारण बख्शी जी की बचपन से कविता करने में बहुत रुचि थी। उन्होंने बी. ए. तक की शिक्षा ग्रहण की और इसके बाद हिन्दी साहित्य की सेवा में लग गये।
इनकी रचनाएँ 'हितकारिणी' नामक पत्रिका में प्रकाशित होती थीं। बाद में 'सरस्वती' नामक पत्रिका में प्रकाशित होने लगी, इन्होंने कहानियाँ भी लिखीं। अंग्रेजी साहित्य का भी गहन अध्ययन किया। जिसका परिचय छायावादी काव्य की समालोचना में मिलता है आचार्य द्विवेदी जी इनके गम्भीर अध्ययन और प्रतिभा से बहुत प्रभावित थे इसी कारण उन्होंने 'सरस्वती' के सम्पादन का कार्य भार सौंप दिया।
बख्शी जी ने सरस्वती का सम्पादन सन् 1920 से 1927 तक बड़ी कुशलता के साथ किया। 'सरस्वती' के सम्पादन के बाद बख्शी जी खेरागढ़ के एक हाईस्कूल में अध्यापक का कार्य करने लगे और जीवन के अन्तिम क्षण तक अध्यापन कार्य के साथ-साथ हिन्दी साहित्य की सेवा में लीन रहे। दिसम्बर सन् 1971 को इनका देहावसान हो गया।
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का साहित्यिक परिचय
बख्शी जी ने हिन्दी साहित्य की विविध रूपों में सेवा की किन्तु बहुत कम लोग ही उनके नाम से परिचित थे। इन्होंने पाश्चात्य निबन्ध शैली और समालोचना को हिन्दी साहित्य में समाविष्ट किया और ललित निबन्धों की सुन्दर परम्परा का श्रीगणेश किया। बख्शी जी कवि, निबन्धकार, कहानीकार और सम्पादक के रूप में हमारे सामने आते हैं। इनकी प्रसिद्धि का प्रमुख कारण इनके निराले कथा-शिल्प और ललित निबन्ध हैं। संक्षेप में बख्शी जी द्विवेदी युग के एक प्रमुख साहित्यकार हैं।
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की कृतियाँ
बख्शी जी ने हिन्दी साहित्य की अनेक विधाओं पर अपनी लेखनी चलायी है। इनकी प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं
कहानी संग्रह -- अंजलि झलमला।
निबन्ध संग्रह -- हिन्दी कथा साहित्य, विश्व साहित्य।
आलोचनात्मक ग्रन्थ -- हिन्दी उपन्यास साहित्य, विश्व साहित्य।
आत्मचरित्र -- मेरी आत्मकथा।
काव्य -- शतदल, अश्रुदल।
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी की भाषा
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की भाषा सरल एवं प्रवाहपूर्ण है। इन्होंने अपने निबन्धों में यत्र-तत्र शिष्ट हास्य-व्यंग्य को अपनाया है, जिसके कारण इनके निबन्धों में रोचकता आ गयी है। इनकी भाषा में मुहावरों का प्रयोग पर्याप्त हुआ है।
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की शैली
बख्शी जी की शैली भावुकता का जामा पहिने हुए है। इन्होंने अपनी रचनाओं में निम्न शैलियों का प्रयोग किया है
1). व्यास शैली
2). उद्धरण शैली
3). विवेचनात्मक शैली
4). संस्मरणात्मक शैली।
बख्शी जी अपनी शैलीगत विशेषताओं के कारण विशेष शैलीकार के रूप में प्रसिद्ध हैं।
FAQ: पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी के प्रश्न उत्तर
प्रश्न -- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी कौन थे?
उत्तर -- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी हिन्दी के निबंधकार थे।
प्रश्न -- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी का जन्म कब हुआ था?
उत्तर -- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जन्म 27 मई सन् 1894 में हुआ था।
प्रश्न -- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर -- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जन्म छतीसगढ़ के खेरागढ़ नामक ग्राम में हुआ था।
प्रश्न -- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की माता का नाम क्या था?
उत्तर -- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की माता जी का नाम श्रीमती मनोरमा देवी था।
प्रश्न -- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी के पिता का नाम क्या था?
उत्तर -- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी के पिता जी का नाम पुन्नालाल बख्शी था।
प्रश्न -- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी किस काल के लेखक हैं?
उत्तर -- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी आधुनिक काल के लेखक थे।
प्रश्न -- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की मृत्यु कब हूई थी?
उत्तर -- पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की मृत्यु 28 दिसंबर सन् 1971 में हूई थी।
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जीवन परिचय pdf
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निष्कर्ष
यहा पर इस लेख के माध्यम से हमने पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की जीवनी को बिल्कुल विस्तारपूर्वक से समझा। यदि आप कक्षा 10 के छात्र है तो, आपके लिये यह जीवनी काफी महत्वपुर्ण एवं उपयोगी है। इसलिए आप इसे अच्छे से जरुर पढ़े। यह जीवनी आपको कैसी लगी हमे कमेंट के माध्यम से जरुर बताये। हम आशा करते है की इस लेख की सहायता से आप अच्छे से समझ गये होंगे की, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जीवन परिचय कैसे लिखें? यदि आपके मन में इस लेख से सम्बंधित कोई सवाल है तो, आप नीचे कमेंट करके पुछ सकते हैं। साथ ही इस Padumlal Punnalal Bakshi Ki Jivani को आप अपने सभी मित्रों के साथ शेयर जरुर करे।
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