प्रतापनारायण मिश्र का जीवन परिचय | Pratap Narayan Mishra Ka Jivan Parichay
इस आर्टिकल में हम प्रतापनारायण मिश्र का जीवन परिचय एकदम विस्तार से समझेंगे। यह जीवन परिचय कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिये काफी उपयोगी है, इसलिए यदि आप इन कक्षाओं में से किसी भी क्लास के स्टूडेंट है। तो इस प्रतापनारायण मिश्र की जीवनी को आप पूरे ध्यानपूर्वक से जरुर पढ़े, क्योकी इससे आपको परीक्षा में काफी मदद मिल सकती है। यहा पर आपको प्रताप नारायण मिश्र के जीवन से जुड़े उन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर मिल जायेंगे जो, अकसर परीक्षाओं में पुछे जाते है जैसे की - प्रतापनारायण मिश्र का जन्म कब और कहां हुआ था, प्रताप नारायण मिश्र की माता-पिता का नाम, प्रतापनारायण मिश्र की प्रमुख कृतियाँ, प्रतापनारायण मिश्र का साहित्य में स्थान, प्रतापनारायण मिश्र किस युग के लेखक थे और प्रतापनारायण मिश्र की मृत्यु कब हुई आदि। इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको यहा पर बिल्कुल विस्तार से मिल जायेंगे तो, अगर आप Pratapnarayan Mishra Ka Jeevan Parichay एकदम अच्छे से समझना चाहते हैं तो, इस लेख को पुरा अन्त तक अवश्य पढ़े।
प्रतापनारायण मिश्र की जीवनी (Pratap Narayan Mishra Biography In Hindi)
नाम | प्रतापनारायण मिश्र |
पूरा नाम | पण्डित प्रतापनारायण मिश्र |
जन्म तिथि | 24 सितंबर, 1856 |
जन्म स्थान | बैजे गाँव, उन्नाव, (उत्तर प्रदेश) |
मृत्यु तिथि | 6 जुलाई, 1894 |
आयु (मृत्यु के समय) | 38 वर्ष |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
भाषा | व्यावहारिक एवं खड़ीबोली |
सम्पादन | 'ब्राह्मण' एवं 'हिन्दुस्तानी' |
साहित्य काल | भारतेन्दु युग |
पिता का नाम | संकठा प्रसाद मिश्र |
प्रमुख कृतियाँ | कलि-कौतुक, हठी हम्मीर, मन की लहर, प्रताप पीयूष, भारत-दुर्दशा, गौ-संकट |
प्रतापनारायण मिश्र का जीवन परिचय (Pratap Narayan Mishra Ka Jivan Parichay)
प्रतापनारायण मिश्र आधुनिक हिन्दी गद्य के निर्माताओं में प्रमुख हैं। इनका जन्म उन्नाव जिले के 'बैजे' गाँव में सन् 1856 ई० में हुआ था। इनके पिता संकटाप्रसाद मिश्र अच्छे ज्योतिषी थे। इनके जन्म के कुछ समय पश्चात् इनके पिता सपरिवार कानपुर में आकर रहने लगे थे। इसलिए इनकी प्रारम्भिक शिक्षा कानपुर में हुई। इनके पिता इन्हें अपने पैतृक व्यवसाय में लगाना चाहते थे, परन्तु फक्कड़, मनमौजी और मस्त स्वभाव के मिश्र जी का मन नीरस ज्योतिष में न रमा। ये स्कूली शिक्षा का बन्धन भी स्वीकार नहीं कर सके ; अत : घर पर ही स्वाध्याय द्वारा इन्होंने संस्कृत, उर्दू, फारसी, अंग्रेजी तथा बाँग्ला भाषाओं का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया।
मिश्र जी विपुल प्रतिभा और विविध रुचियों के धनी थे। साहित्यकार होने के साथ-साथ ये सामाजिक जीवन से भी जुड़े हुए थे। ये हाजिर-जवाबी और विनोदी स्वभाव के लिए प्रसिद्ध थे। भारतेन्दु जी को ये अपना गुरु और आदर्श मानते थे। इन्होंने सदा 'हिन्दी, हिन्दू और हिन्दुस्तान' का समर्थन किया और नवजागरण का सन्देश घर-घर तक पहुँचाने के लिए सन् 1883 ई० में 'ब्राह्मण' नामक पत्र निकालना आरम्भ किया, जिसे घाटा उठाकर भी ये वर्षों तक चलाते रहे। सन् 1894 ई० में 38 वर्ष की अल्प आयु में ही इनका स्वर्गवास हो गया।
प्रतापनारायण मिश्र की प्रमुख कृतियाँ
नाटक -- हठी हम्मीर, कलि-कौतुक, भारत दुर्दशा, गौ संकट।
पद्य-नाटक -- संगीत शाकुन्तला
कविता-संग्रह -- प्रताप लहरी।
निबन्ध-संग्रह -- निबन्ध नवनीत, प्रताप पीयूष। इनकी सभी रचनाओं (पचास से भी अधिक) का संग्रह 'प्रतापनारायण मिश्र ग्रन्थावली' नाम से प्रकाशित किया गया है। इनके अतिरिक्त मिश्र जी ने 10 से अधिक उपन्यास, जीवन-चरित और नीति-ग्रन्थों के अनुवाद भी किये हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं -- राधारानी, पंचामृत, कथा-माला, चरिताष्टक।
प्रतापनारायण मिश्र का साहित्य में स्थान
प्रतापनारायण मिश्र आधुनिक हिन्दी-गद्य निर्माताओं की वृहत्त्रयी में से एक हैं और भारतेन्दु युग के साहित्यकारों में इनका महत्त्वपूर्ण स्थान है। स्मरणीय है कि मिश्र जी को न तो भारतेन्दु जी जैसे साधन मिले थे और न भट्ट जी जैसी लम्बी आयु; फिर भी इन्होंने अपनी प्रतिभा व लगन से उस युग में महत्त्वपूर्ण स्थान बना लिया था।
प्रतापनारायण मिश्र का जीवन परिचय pdf
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प्रतापनारायण मिश्र का जीवन परिचय वीडियो के द्वारा समझे
FAQ: प्रतापनारायण मिश्रा के प्रश्न उत्तर
प्रश्न -- प्रतापनारायण मिश्रा कौन थे?
उत्तर -- प्रतापनारायण मिश्रा भारत में एक हिंदी निबंधकार थे। वह सभी भारतीयों को "हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान" का जाप करने और विश्वास करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रसिद्ध हैं।
प्रश्न -- प्रतापनारायण मिश्र का जन्म कब हुआ था?
उत्तर -- प्रतापनारायण मिश्र जी का जन्म 24 सितंबर सन् 1856 में हुआ था।
प्रश्न -- प्रतापनारायण मिश्र का जन्म कहां हुआ था?
उत्तर -- प्रतापनारायण मिश्र का जन्म उत्तर प्रदेश के जिलें उन्नाव के बैजे नामक ग्राम में हुआ था।
प्रश्न -- प्रतापनारायण मिश्र के पिता का नाम?
उत्तर -- प्रतापनारायण मिश्र के पिता जी का संकठा प्रसाद मिश्र था।
प्रश्न -- पंडित प्रतापनारायण मिश्र किस युग के लेखक थे?
उत्तर -- पंडित प्रतापनारायण मिश्र भारतेन्दु युग के लेखक थे।
प्रश्न -- पंडित प्रतापनारायण मिश्र की मृत्यु कब हुई?
उत्तर -- 6 जुलाई सन् 1894 ई० में 38 वर्ष की अल्प आयु में, पंडित प्रताप नारायण मिश्र की मृत्यु हो गई।
निष्कर्ष
यहा पर इस लेख में हमने Pratap Narayan Mishra Ka Jivan Parichay एकदम अच्छे से पढ़ा। इस जीवनी के मध्याम से हमने प्रतापनारायण मिश्र के जीवन से जुड़े बहुत से महत्वपुर्ण प्रश्नों के उत्तर को जाना, जिससे की आपको इनकी जीवनी को समझने में काफी असानी हुई होगी। यह जीवनी आपको कैसी लगी हमे कमेंट के माध्यम से जरुर बताये। और हम आशा करते है की इस लेख की सहायता से, प्रताप नारायण मिश्र का जीवन परिचय कैसे लिखें? आप अच्छे से समझ गये होंगे। यदि आपके मन में इस लेख को लेकर कोई सवाल है तो, आप नीचे कमेंट करके पुछ सकते हैं। साथ ही इस pratap narayan mishra ki jivani को आप अपने सभी सहपाठी एवं मित्रों के साथ शेयर जरुर करे।
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