[ PDF ] रामवृक्ष बेनीपुरी का जीवन परिचय 2024 | Ramvriksh Benipuri Ka Jivan Parichay


इस आर्टिकल में हम, रामवृक्ष बेनीपुरी का जीवन परिचय एकदम विस्तारपूर्वक से समझेंगे। यदि आप रामवृक्ष बेनीपुरी की जीवनी के खोज में है, तो आपका खोज यहा समाप्त होता है क्योकी यहा पर हमने रामवृक्ष बेनीपुरी की संपूर्ण जीवनी बिल्कुल विस्तार से दिया है। इनकी जीवनी उन विद्यार्थियों के लिये काफी महत्वपुर्ण है जो कक्षा 9 से 12 तक के किसी क्लास में पढ़ रहे है, या फिर किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है। दोनो ही प्रकार के छात्रों के लिये यह जीवनी काफी उपयोगी साबित हो सकता हैं। इसलिए आप इस जीवनी को पूरे ध्यानपूर्वक से जरुर पढ़े, क्योकी इससे आपको परीक्षा में काफी मदद मिल सकती है।

यहा पर हम रामवृक्ष बेनीपुरी जी के जीवन से जुड़े उन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को समझेंगे, जो आपके कक्षा 9 से 12 तक के परीक्षा एवं प्रतियोगी परीक्षा में पुछे जा सकते हैं, जैसे की- रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म कब और कहाँ हुआ था, रामवृक्ष बेनीपुरी के पिता का नाम, रामवृक्ष बेनीपुरी की प्रमुख रचनाएं, रामवृक्ष बेनीपुरी की भाषा शैली, रामवृक्ष बेनीपुरी का साहित्य में स्थान और रामवृक्ष बेनीपुरी जी की मृत्यु कब हुई थी आदि। इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको यहा पर एकदम विस्तार से मिल जायेंगे। तो अगर आप वास्तव में Rambriksh Benipuri Ka Jeevan Parichay बिल्कुल अच्छे से समझना एवं पढ़ना चाहते है तो, इस लेख को पुरा अन्त तक अवश्य पढ़े।

रामवृक्ष बेनीपुरी की जीवनी 2024 (Rambriksh Benipuri Biography In Hindi)

पूरा नाम रामब्रीक्ष बेनीपुरी
जन्म तिथि 23 दिसंबर 1899
जन्म स्थान बेनीपुर गांव, मुजफ्फरपुर (भारत)
मृत्यु तिथि 7 सितंबर 1968
मृत्यु स्थान मुजफ्फरपुर (भारत)
उम्र (मृत्यु के समय) 68 वर्ष
राष्ट्रीयता भारतीय
व्यवसाय लेखक, पत्रकार, कवि, नाटककार, निबंधकार, उपन्यासकार, राजनीतिज्ञ, स्वतंत्रता सेनानी
साहित्यिक आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन, किसान महासभा, जनो तोडो अभियान
पिता का नाम फूलवन्त सिंह
माता का नाम ज्ञात नही
पत्नी का नाम ज्ञात नही
पुत्र का नाम डॉ. प्रभा बेनीपुरी
पुरस्कार राष्ट्रभाषा परिषद की ओर से साहित्य में योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

रामवृक्ष बेनीपुरी जी का जीवन परिचय

रामवृक्ष बेनीपुरी जी का जन्म सन् 1902 ई० में बिहार में मुजफ्फरपुर जिले के बेनीपुर नामक ग्राम में हुआ था। इनके पिता फूलवन्त सिंह एक साधारण कृषक थे। बचपन में ही इनके माता-पिता का स्वर्गवास हो जाने के कारण इनका लालन-पालन मौसी की देख-रेख में हुआ। मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने से पूर्व ही इनका शिक्षाक्रम टूट गया और सन् 1920 ई० में ये गांधी जी के नेतृत्व में, असहयोग आन्दोलन में सम्मिलित हो गये। बाद में इन्होंने हिन्दी साहित्य सम्मेलन से विशारद की परीक्षा उत्तीर्ण की।  इन्होंने अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन किया और देशवासियों में देशभक्ति की भावना जाग्रत की। 

ये अंग्रेजी शासन के दौरान देशभक्ति की ज्वाला भड़काने के आरोप में अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन किया और देशवासियों में देशभक्ति की भावना जाग्रत की। ये अंग्रेजी शासन के दौरान देशभक्ति की ज्वाला भड़काने के आरोप में अनेक बार जेल गये। श्रीरामचरितमानस के अध्ययन से इनकी रुचि साहित्य-रचना की ओर जाग्रत हुई। राष्ट्रमाता के साथ-साथ इन्होंने माता सरस्वती की भी आराधना की। इन्होंने अधिकांश ग्रन्थों की रचना जेल में रहकर ही की थी। ये आजीवन साहित्य-साधना करते रहे और सन् 1968 ई० में इस नश्वर संसार से अमरलोक के लिए प्रस्थान कर गये।

रामवृक्ष बेनीपुरी का साहित्यिक योगदान

बेनीपुरी जी छात्र-जीवन से ही पत्र-पत्रिकाओं में लिखने लगे थे। पत्रकारिता से ही उनकी साहित्य-साधना का प्रारम्भ हुआ। इन्होंने अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन करके पत्रकारिता में विशेष सम्मान प्राप्त किया। इन्हे 'हिन्दी साहित्य सम्मेलन' के संस्थापकों में भी माना जाता है। बेनीपुरी जी ने नाटक, कहानी, उपन्यास, आलोचना, रेखाचित्र, संस्मरण, जीवनी, यात्रावृत्त आदि विभिन्न साहित्यिक विधाओं पर अपनी लेखनी चलाकर हिन्दी साहित्य के भण्डार में विपुल वृद्धि की। नाटकों में इन्होंने अपने युग की झलक देकर अपनी राष्ट्रीय भावना का परिचय दिया है। इनके उपन्यासों और कहानियों में देशभक्ति और लोक-कल्याण की भावना पायी जाती है। बेनीपुरी जी राष्ट्र की आ आकांक्षाओं के अनुरूप साहित्य-सृजन करने वाले उत्कृष्ट कोटि के साहित्यकार थे।

रामवृक्ष बेनीपुरी की रचनाएँ

बेनीपुरी जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी साहित्यकार थे। इन्होंने स साहित्य की विविध विधाओं में ग्रन्थ-रचना की। इनकी रचनाओं के विवरण स निम्नलिखित है

1). उपन्यास --- 'पतितों के देश में'।
2). कहानी-सयह --- 'चिता के फूल। 
3). नाटक --- 'अम्बपाली' , 'सीता की माँ' , 'रामराज्य'।
4). निबन्ध-संग्रह --- 'गेहूँ और गुलाब' , 'वन्दे वाणी विनायकौ' , 'मशाल'।
5). रेखाचित्र और संस्मरण --- 'माटी की मूरतै' , 'लाल तारा' , 'जंजीरें और दीवारें' , 'मील के पत्थर।
6). जीवनी --- 'महाराणा प्रताप सिंह' , 'कार्ल मार्क्स' , 'जयप्रकाश नारायण'।
7). यात्रावृत्त --- 'पैरों में पंख बाँधकर' , 'उड़ते चलें'।
8). आलोचना --- 'विद्यापति पदावली' , 'बिहारी-सतसई की सुबोध टीका।
9). पत्र-पत्रिकाएँ --- 'बालक' , 'तरुण भारती' , 'युवक' , 'किसान मित्र' , 'जनता' , 'हिमालय' , 'नयी धारा' , 'चुन्नू-मुन्ने' , 'योगी' आदि।

रामवृक्ष बेनीपुरी का साहित्य में स्थान

बेनीपुरी जी ने हिन्दी की विविध विधाओं में साहित्य - सृजन किया है। फिर भी वे ललित निबन्धकार, रेखाचित्रकार, संस्मरण-लेखक तथा पत्रकार के रूप में विशेष उभरकर आये हैं। ये शब्दों के जादूगर, भाषा के सम्राट और व्यंग्यप्रधान चित्रात्मक शैली के समर्थ लेखक हैं। इन्होंने अपनी बहुमुखी प्रतिभा से हिन्दी-साहित्य को मात्रा और गुण दोनों दृष्टियों से समृद्ध किया है।

FAQ: रामवृक्ष बेनीपुरी के प्रश्न उत्तर

प्रश्न -- रामवृक्ष बेनीपुरी कौन थे?

उत्तर -- रामवृक्ष बेनीपुरी एक स्वतंत्रता सेनानी, समाजवादी नेता संपादक और हिंदी लेखक थे। इन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए नौ साल जेल में बिताए थे।

प्रश्न -- रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म कहाँ हुआ था?

उत्तर -- रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म भारत के बिहार राज्य में एक भूमिहार ब्राह्मण परिवार में मुजफ्फरपुर जिले के बेनीपुर नामक एक छोटे से गाँव में हुआ था।

प्रश्न -- रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्म कब हुआ था?

उत्तर -- रामवृक्ष बेनीपुरी जी का जन्म 23 दिसंबर सन् 1899 में हुआ था।

प्रश्न -- रामवृक्ष बेनीपुरी के पिता का क्या नाम था?

उत्तर -- रामवृक्ष बेनीपुरी के पिता जी का नाम फूलवन्त सिंह था।

प्रश्न -- रामवृक्ष बेनीपुरी के गांव का नाम क्या था?

उत्तर -- रामवृक्ष बेनीपुरी जी के गांव का नाम बेनीपुर था।

प्रश्न -- रामवृक्ष बेनीपुरी जी की मृत्यु कब हुई थी?

उत्तर -- रामवृक्ष बेनीपुरी की मृत्यु 7 सितंबर सन् 1968 में हुई थी।

रामवृक्ष बेनीपुरी का जीवन परिचय PDF

रामवृक्ष बेनीपुरी जी के जीवनी को यदि आप पीडीएफ के रुप में डाउनलोड करना चाहते हैं, तो आप नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करे और पीडीएफ फ़ाईल को असानी से डाउनलोड करे। इस PDF की सहायता से आप कभी भी अपने समयानुसार रामवृक्ष बेनीपुरी की सम्पुर्ण जीवनी का अध्ययन कर सकते हैं। इसलिए इस पीडीएफ फ़ाईल को आप डाउनलोड जरुर करे।



निष्कर्ष

यहा पर इस लेख में हमने Rambriksh Benipuri Ka Jivan Parichay को बिल्कुल अच्छे से देखा, हमने यहा इनके जीवन से सम्बंधित बहुत से महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर को जाना, जो किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र के लिये काफी सहयोगी है। यह जीवनी आपको कैसा लगा हमे कमेंट के माध्यम से जरुर बताये।हमे उमीद है की इस लेख में हमने जो, रामवृक्ष बेनीपुरी का जीवन परिचय हिंदी में दिया है वो, आपको जरुर पसंद आया होगा। यदि आपके मन में इस लेख को लेकर कोई प्रश्न है तो, आप नीचे कमेंट करके पुछ सकते हैं। साथ ही इस rambriksh benipuri ki jivani को आप अपने सभी सहपाठी एवं मित्रों के साथ शेयर जरुर करे।

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1 Response to "[ PDF ] रामवृक्ष बेनीपुरी का जीवन परिचय 2024 | Ramvriksh Benipuri Ka Jivan Parichay"

  1. Mam Aap bhihar se h sayad kyunki aapne jeevan parichay me kuch bhihari word use Kiya h .

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