आतंकवाद पर निबंध : समस्या और समाधान | Aatankwad Par Nibandh

Aatankwad Par Nibandh

इस लेख में हम आतंकवाद पर निबंध को विस्तार से देखेंगे। अगर आप 10वीं या 12वीं कक्षा के छात्र हैं तो यह निबंध आपके लिए बहुत ही उपयोगी है। क्योंकि Aatankwad Par Nibandh अक्सर बोर्ड परीक्षाओं में सामान्य हिंदी के परीक्षा में पूछा जाता है। ऐसे में अगर आपको आतंकवाद पर निबंध याद होगा, तो आप अपने बोर्ड परीक्षा में हिंदी विषय में अच्छे अंक प्राप्त कर पाएंगे और इसलिए इस लेख में हमने हिन्दी में आतंकवाद पर निबंध को विस्तार से आपके साथ साझा किया है।

साथ ही अगर आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो यह निबंध आपके लिए भी महत्वपूर्ण है। क्योकी प्रतियोगी परीक्षाओं में आतंकवाद से सम्बंधित बहुत से प्रश्न पुछे जाते है। और इस निबंध में आतंकवाद से जुड़े बहुत से ऐसे प्रश्नों के उत्तर को सामिल किया गया है, जो प्रतियोगीता परीक्षाओं के लिये इम्पोर्टेन्ट है जैसे की- आतंकवाद क्या है, आतंकवाद की परिभाषा क्या है, आतंकवाद का अर्थ, आतंकवाद के कारण, आतंकवाद की समस्या और आतंकवाद का समाधान आदि। इस प्रकार के आतंकवाद से जुड़े और भी बहुत से प्रश्नों को आप इस निबंध के माध्यम से विस्तार से समझ सकते है। इसलिए अगर आप competitive exams की तैयारी कर रहे छात्रों में से है, तो आप इस लेख में दिये गए आतंकवाद की समस्या और समाधान पर निबंध को बिल्कुल अच्छे से पढ़े, क्योकी इससे आपको परीक्षा में काफी सहायता मिल सकती है।

इसके अलावा कॉलेज में पढ़ रहे, विद्यार्थियों को कई बार प्रोजेक्ट वर्क में आतंकवाद पर एक विस्तार टिप्पणी या निबंध लिखने को दे दिया जाता है, और अगर आप भी कॉलेज के छात्र है और आपको इस प्रकार का प्रोजेक्ट कार्य मिला है, तो आप यहा पर दिये गए Aatankwad Par Nibandh की मदद से अपना प्रोजेक्ट वर्क बड़े ही असानी से पूरा कर सकते हैं। तो आइये अब terrorism essay in hindi को हम एकदम विस्तारपूर्वक से देखें।


आतंकवाद की समस्या और समाधान पर निबंध (Essay On Aatankwad In Hindi)

प्रस्तावना -- मनुष्य भय से निष्क्रिय और पलायनवादी बन जाता है। इसीलिए लोगों में भय उत्पन्न करके कुछ असामाजिक तत्त्व अपने नीच स्वार्थों की पूर्ति करने का प्रयास करने लगते हैं। इस कार्य के लिए वे हिंसापूर्ण साधनों का प्रयोग करते हैं। ऐसी स्थितियाँ ही आतंकवाद का आधार हैं। आतंक फैलाने वाले आतंकवादी कहलाते हैं। ये कहीं से बनकर नहीं आते। ये भी समाज के एक ऐसे अंग हैं जिनका काम आतंकवाद के माध्यम से किसी धर्म, समाज अथवा राजनीति का समर्थन कराना होता है। ये शासन का विरोध करने में बिलकुल नहीं हिचकते तथा जनता को अपनी बात मनवाने के लिए विवश करते रहते हैं।

आतंकवाद का अर्थ

'आतंक + वाद' से बने इस शब्द का सामान्य अर्थ है - आतंक का सिद्धान्त। यह अंग्रेजी के टेररिज़्म शब्द का हिन्दी रूपान्तर है। 'आतंक' का अर्थ होता है- पीड़ा, डर, आशंका। इस प्रकार आतंकवाद एक ऐसी विचारधारा है, जो अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बल प्रयोग में विश्वास रखती है। ऐसा बल प्रयोग प्रायः विरोधी वर्ग, समुदाय या सम्प्रदाय को भयभीत करने और उस पर अपनी प्रभुता स्थापित करने की दृष्टि से किया जाता है। आतंक, मौत, त्रास ही इनके लिए सब कुछ होता है।

आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या

आज लगभग समस्त विश्व में आतंकवाद सक्रिय है। ये आतंकवादी समस्त विश्व में राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए सार्वजनिक हिंसा और हत्याओं का सहारा ले रहे हैं। भौतिक दृष्टि से विकसित देशों में तो आतंकवाद की इस प्रवृत्ति ने विकराल रूप ले लिया है। कुछ आतंकवादी गुटों ने तो अपने अन्तर्राष्ट्रीय संगठन बना लिये हैं। जे० सी० स्मिथ अपनी बहुचर्चित पुस्तक 'लीगल कण्ट्रोल ऑफ इण्टरनेशनल टेररिज़्म' में लिखते हैं कि इस समय संसार में जैसा तनावपूर्व वातावरण बना हुआ है, उसको देखते हुए यह कहा जा सकता है कि भविष्य में अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद में और तेजी आएगी। किसी देश द्वारा अन्य देश में आतंकवादी गुटों को समर्थन देने की घटनाएँ बढ़ेंगी; राजनयिकों की हत्याएँ, विमान-अपहरण की घटनाएँ बढ़ेगी और रासायनिक हथियारों का प्रयोग अधिक तेज होगा। श्रीलंका में तमिलों, जापान में रेड आर्मी, भारत में सिख-होमलैण्ड और स्वतन्त्र कश्मीर चाहने वालों आदि के हिंसात्मक संघर्ष आतंकवाद की श्रेणी में आते हैं।

भारत में आतंकवाद

स्वाधीनता के पश्चात् भारत के विभिन्न भागों में अनेक आतंकवादी संगठनों द्वारा आतंकवादी हिंसा फैलायी गयी। इन्होंने बड़े-बड़े सरकारी अधिकारियों को मौत के घाट उतार दिया और इतना आतंक फैलाया कि अनेक अधिकारियों ने सेवा से त्यागपत्र दे दिये। भारत के पूर्वी राज्यों नागालैण्ड, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल और असोम में भी अनेक बार उग्र आतंकवादी हिंसा फैली, किन्तु अब यहाँ असोम के बोडो आतंकवाद को छोड़कर शेष सभी शान्त हैं। बंगाल के नक्सलवाड़ी से जो नक्सलवादी आतंकवाद पनपा था, वह बंगाल से बाहर भी खूब फैला। बिहार तथा आन्ध्र प्रदेश अभी भी उसकी भयंकर आग से झुलस रहे हैं। 

कश्मीर घाटी में भी पाकिस्तानी तत्त्वों द्वारा प्रेरित आतंकवादी प्रायः राष्ट्रीय पर्वों (15 अगस्त, 26 जनवरी, 2 अक्टूबर आदि) पर भयंकर हत्याकाण्ड कर अपने अस्तित्व की घोषणा करते रहते हैं। इन्होंने कश्मीर की सुकोमल घाटी को अपनी आतंकवादी गतिविधियों का केन्द्र बनाया हुआ है। आये दिन निर्दोष लोगों की हत्याएँ की जा रही हैं और उन्हें आतंकित किया जा रहा है, जिससे वे अपने घर, दुकानें और कारखाने छोड़कर भाग खड़े हों। ऐसा कोई भी दिन नहीं बीतता जिस दिन समाचार-पत्रों में किसी आतंकवादी घटना में दस-पाँच लोगों के मारे जाने की खबर न छपी हो। स्वातन्त्र्योत्तर आतंकवादी गतिविधियों में सबसे भयंकर रहा पंजाब का आतंकवाद। बीसवीं शताब्दी की नवीं दशाब्दी में पंजाब में जो कुछ हुआ, उससे पूरा देश विक्षुब्ध और हतप्रभ रह गया।

पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार से कश्मीर और अब देश के अन्य भागों में बरपायी जाने वाली और दिल दहला देने वाली घटनाएँ आतंकवाद का सबसे घिनौना रूप हैं। सीमा पार के आतंकवादी हमलों में अब तक एक लाख से भी अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं। हाल के वर्षों में संसद पर हमला हुआ, इण्डियन एयर लाइन्स के विमान 814 का अपहरण कर उसे कन्धार ले जाया गया, फिर चिट्टी सिंहपुरा में सिक्खों का कत्लेआम किया गया तथा अमरनाथ यात्रियों पर हमले किये गये।

आतंकवाद का जिम्मेदार कौन

आतंकवादी गतिविधियों को गुप्त और अप्रत्यक्ष रूप से प्रश्रय देने वाला अमेरिका भी अन्ततः अपने खोदे हुए गड्ढे में खुद ही गिर गया। राजनैतिक मुखौटों में छिपी उसकी काली करतूतें अविश्वसनीय रूप से उजागर हो गयीं जब उसके प्रसिद्ध शहर न्यूयॉर्क में 11 सितम्बर, 2001 को 'वर्ल्ड ट्रेड टावर' पर आतंकवादी हमला हुआ। अन्य देशों पर हमले करवाने में अग्रगण्य इस देश पर हुए इस वज्रपात पर सारा संसार अचम्भित रह गया। 'ओसामा बिन लादेन' नामक हमले के उत्तरदायी आतंकवादी को ढूँढ़ने में अमेरिकी सरकार ने जो सरगर्मियाँ दिखायीं उसने सिद्ध कर दिया कि जब तक कोई देश स्वयं पीड़ा नहीं झेलता तब तक उसे पराये की पीड़ा का अनुभव नहीं हो सकता।

भारत वर्षों से चीख-चीख कर सारे विश्व के सामने यह अनुरोध करता आया था कि पाकिस्तान अमेरिका द्वारा दी गयी आर्थिक और अस्त्र-शस्त्र सम्बन्धी सहायता का उपयोग भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए कर रहा है, अतः अमेरिका पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र घोषित करे और उसे किसी भी किस्म की सहायता देना बन्द करे; किन्तु भारतीयों के मारे जाने से अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष या देश का कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन पाकिस्तान का पोषण करते रहने से उन्हें इस समस्त दक्षिण एशियाई क्षेत्र पर दृष्टि रखने के लिए एक सैन्य क्षेत्र अवश्य मिला है।

आतंकवाद के विविध रूप

भारत के आतंकवादी गतिविधि निरोधक कानून 1985 में आतंकवाद पर विस्तार से विचार किया गया है और आतंकवाद को तीन भागों में बाँटा गया है।

(1). समाज के एक वर्ग-विशेष को अन्य वर्गों से अलग-थलग करने और समाज के विभिन्न वर्गों के बीच व्याप्त आपसी सौहार्द को खत्म करने के लिए की गयी हिंसा।

(2). ऐसा कोई कार्य, जिसमें ज्वलनशील, बम तथा आग्नेयास्त्रों का प्रयोग किया गया हो।

(3). ऐसी हिंसात्मक कार्यवाही, जिसमें एक या उससे अधिक व्यक्ति मारे गये हों या घायल हुए हों, आवश्यक सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा हो तथा सम्पत्ति को हानि पहुँची हो। इसके अन्तर्गत प्रमुख व्यक्तियों का अपहरण या हत्या या उन्हें छोड़ने के लिए सरकार के सामने उचित-अनुचित माँगें रखना, वायुयानों का अपहरण, बैंक डकैतियाँ आदि सम्मिलित हैं।

आतंकवाद का समाधान

भारत में विषमतम स्थिति तक पहुँचे आतंकवाद के समाधान पर सम्पूर्ण देश के विचारकों और चिन्तकों ने अनेक सुझाव रखे, किन्तु यह समस्या अभी भी अनसुलझी ही है। इस समस्या का वास्तविक हल ढूँढ़ने के लिए सर्वप्रथम यह आवश्यक है कि साम्प्रदायिकता का लाभ उठाने वाले सभी राजनीतिक दलों की गतिविधियों में परिवर्तन हो। साम्प्रदायिकता के इस दोष से आज भारत के सभी राजनीतिक दल न्यूनाधिक रूप में दूषित अवश्य हैं।

दूसरे, सीमा पार से प्रशिक्षित आतंकवादियों के प्रवेश और वहाँ से भेजे जाने वाले हथियारों व विस्फोटक पदार्थों पर कड़ी चौकसी रखनी होगी तथा सुरक्षा बलों को आतंकवादियों की अपेक्षा अधिक अत्याधुनिक स्त्र - शस्त्रों से लैस करना होगा।

तीसरे, आतंकवाद को महिमामण्डित करने वाली युवकों की मानसिकता बदलने के लिए आर्थिक सुधार करने होंगे। चौथे, राष्ट्र की मुख्यधारा के अन्तर्गत संविधान का पूर्णतः पालन करते हुए पारस्परिक विचार-विमर्श से सिक्खों, कश्मीरियों और असमियों की माँगों का न्यायोचित समाधान करना होगा और तुष्टीकरण की नीति को त्यागकर समग्र राष्ट्र एवं राष्ट्रीयता की भावना को जाग्रत करना होगा। पाँचवें कश्मीर के आतंकवाद को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सख्ती से कुचलना होगा। इसके लिए सभी राजनैतिक दलों को सार्थक पहल करनी होगी। यदि सम्बन्धित पक्ष इन बातों का ईमानदारी से पालन करें तो इस महारोग से मुक्ति सम्भव है।

निष्कर्ष

यह एक विडम्बना ही है कि महावीर, बुद्ध, गुरु नानक और महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों की जन्मभूमि पिछले कुछ दशकों से सबसे अधिक अशान्त हो गयी है। देश की 150 करोड़ जनता ने हिंसा की सत्ता को स्वीकार करते हुए इसे अपने दैनिक जीवन का अंग मान लिया है भारत के विभिन्न भागों में हो रही आतंकवादी गतिविधियों ने देश की एकता और अखण्डता के लिए संकट उत्पन्न कर दिया है। आतंकवाद का समूल नाश ही इस समस्या का समाधान है। टाडा के स्थान पर भारत सरकार द्वारा एक नया आतंकवाद निरोधक कानून पोटा लाया गया जिसे दूसरी सरकार ने यह कहते हुए कि ये सख्त और व्यापक कानून आतंकवाद को समाप्त करने की गारण्टी नहीं है; इन्हें समाप्त कर दिया। आतंकवाद पर सम्पूर्णता से अंकुश लगाने की इच्छुक सरकार को अपने उस प्रशासनिक तन्त्र को भी बदलने पर विचार करना चाहिए, जो इन कानूनों पर अमल नहीं करता है, तब ही इस समस्या का स्थायी समाधान निकल पाएगा।

आतंकवाद पर निबंध pdf

यहा से आप आतंकवाद पर निबंध का पीडीएफ फ़ाईल भी डाउनलोड कर सकते हैं, और इस PDF की मदद से आप कभी भी जब चाहे बिना इंटरनेट के आतंकवाद पर निबंध हिन्दी में पढ़ सकते हैं। Aatankwad Par Nibandh Pdf Download करने के लिये नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करें और पीडीएफ फ़ाईल को सरलतापूर्वक डाउनलोड करें।

अंतिम शब्द

यहा पर इस लेख में हमने essay on terrorism in hindi को बिल्कुल विस्तार से देखा, यह निबंध कक्षा 10वीं एवं 12वीं के छात्रों, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों और कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों, सभी के लिए उपयोगी है। यहा पर दिया गया Aatankwad Par Nibandh आपको कैसा लगा, कमेंट के माध्यम से आप अपने विचार हमारे साथ जरुर साझा करें। हम आशा करते है की आपको यह निबंध जरुर पसंद आया होगा और हमे उमीद है की इस लेख की सहायता से आतंकवाद पर निबंध कैसे लिखें? आप बिल्कुल अच्छे से समझ गए होंगे। यदि आपके मन में इस लेख को लेकर कोई सवाल है, तो आप नीचे कमेंट करके पुछ सकते हैं। और साथ ही इस निबंध को आप आपने सभी मित्रों के साथ शेयर भी जरुर करें।

यदि आप अन्य विषयों पर निबंध पढ़ना चाहते है तो नीचे बहुत से और भी विभिन्न विषयों पर निबंध दिया गया है आप उन सभी को भी जरुर पढ़े।

बाढ़ | योग | भ्रष्टाचार | कम्प्यूटर | इंटरनेट | जातिवाद | दहेज प्रथा | जल संकट | चंद्रयान 2 | मेरा विद्यालय | बेरोजगारी | नक्सलवाद | भारतीय रेलवे | आत्मनिर्भर भारत |  डिजिटल इंडिया | गंगा प्रदूषण | ऑनलाइन शिक्षा | ओजोन परत | गणतंत्र दिवस | शिक्षक दिवस | हिंदी दिवस | राष्ट्रभाषा हिन्दी | राष्ट्रीय एकता | पर्यावरण प्रदूषण | जनसंख्या वृद्धि | सोशल मीडिया | 5G टेक्नोलॉजी | साइबर क्राइम | महिला सशक्तीकरण | काला धन | स्वच्छ भारत अभियान | जलवायु परिवर्तन |  बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ | विज्ञान वरदान या अभिशाप

0 Response to "आतंकवाद पर निबंध : समस्या और समाधान | Aatankwad Par Nibandh"

Post a Comment

विज्ञापन