राष्ट्रीय एकता पर निबंध 500 शब्दों में | Essay On National Unity In Hindi [ PDF ]
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क्योंकि बोर्ड परीक्षाओं में हिंदी विषय में निबंध जरूर पूछे जाते हैं, जो लगभग 8 से 10 अंकों के होते हैं। और हो सकता है कि आपके बोर्ड एग्जाम में आपसे हिंदी में राष्ट्रीय एकता पर निबंध लिखने के लिए कहा जाए, तो ऐसे में यदि आप इस National Unity Essay In Hindi को अच्छे से पढ़ लेंगे, तो आपके लिए परीक्षा में यह निबंध लिखना आसान हो जाएगा और आप हिंदी विषय में अच्छे अंक भी प्राप्त कर पाएंगे।
इसके अलावा, ऐसे कई छात्र हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं और यदि आप उन छात्रों में से एक हैं, तो यह निबंध आपके लिए भी उपयोगी हो सकता है। क्योंकि बहुत से प्रतियोगी परीक्षाओं में राष्ट्रीय एकता से संबंधित कई प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए आप इस राष्ट्रीय एकता पर निबंध को ध्यान से पढ़ें। तो आइये अब Essay On National Unity In Hindi पर विस्तार से नजर डालते हैं।
राष्ट्रीय एकता पर निबंध (Essay On National Unity In Hindi 500 Words)
"हम जब-जब असंगठित हुए, हमें आर्थिक व राजनीतिक रूप में इसकी कीमत चुकानी पड़ी। हमारे विचारों में जब-जब संकीर्णता आई, आपस में झगड़े हुए। हमने जब कभी नए विचारों से अपना मुख मोड़ा, हमें हानि ही हुई, हम विदेशी शासन के अधीन हो गए।” ये बातें स्व. प्रधानमन्त्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय एकता सम्मेलन के दौरान कही थीं। सचमुच राष्ट्रीय एकता सशक्त और समृद्ध राष्ट्र की आधारशिला होती है। राष्ट्रीय एकता का तात्पर्य है - राष्ट्र के विभिन्न घटकों में परस्पर एकता, प्रेम एवं भाईचारे का कायम रहना।
भारत में कई धर्मों एवं जातियों के लोग रहते हैं, जिनके रहन-सहन एवं आस्था में अन्तर तो है ही, साथ ही उनकी भाषाएँ भी अलग-अलग हैं। इन सबके बावजूद पूरे भारतवर्ष के लोग भारतीयता की जिस भावना से ओत-प्रोत रहते हैं, उसे राष्ट्रीय एकता का विश्वभर में सर्वोत्तम उदाहरण कहा जा सकता है। रवीन्द्रनाथ 'टैगोर' ने कहा है “भारत की एकता तथा चेतना समय की कसौटी पर सही सिद्ध हुई है।”
राष्ट्र की आन्तरिक शान्ति तथा सुव्यवस्था और बाहरी दुश्मनों से रक्षा के लिए राष्ट्रीय एकता परम आवश्यक है। यदि हम भारतवासी किसी कारणवश छिन्न-भिन्न हो गए, तो हमारी पारस्परिक फूट को देखकर अन्य देश हमारी स्वतन्त्रता को हड़पने का प्रयास करेंगे। इतिहास के अध्ययन से हमें पता चलता है कि प्राचीनकाल में समूचा भारत एक ही सांस्कृतिक सूत्र में आबद्ध था, किन्तु आन्तरिक दुर्बलता के कारण विदेशी शक्तियों ने हम पर आधिपत्य स्थापित कर लिया। इन विदेशी शक्तियों ने हमारी सभ्यता और संस्कृति को नष्ट करना शुरू किया, जिससे हमारी आस्थाओं एवं धार्मिक मूल्यों का धीरे-धीरे पतन होने लगा। हमें राष्ट्रीय एकता कायम रखने की आवश्यकता है, तभी हम 'डॉ. एस राधाकृष्णन' की कही गई इस बात को सही साबित कर सकते हैं - "भारत ही अकेला देश है, जहाँ मन्दिरों, गिरिजाघरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और मठों में शान्तिपूर्ण सह-अस्तित्व है।"
आज देश की राष्ट्रीय एकता को सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद से है। आतंकवाद न केवल हमारी , बल्कि सम्पूर्ण विश्व की समस्या है। आतंकवादियों द्वारा कभी मुम्बई को निशाना बनाया जाता है, तो कभी देश की राजधानी दिल्ली को। आज कश्मीर की समस्या आतंकवाद की ही देन है। पिछले दो दशकों में इस आतंकवाद ने देश के कई राज्यों में अपार क्षति पहुँचाई है। राष्ट्रीय एकता में बाधक अनेक शक्तियों में अलगाव की राजनीति भी एक है।
यहाँ के राजनेता वोट बैंक बनाने के लिए कभी अल्पसंख्यकों में अलगाव के बीज बोते हैं, कभी आरक्षण के नाम पर पिछड़े वर्गों को देश की मुख्य धारा से अलग करते हैं, तो कभी किसी विशेष जाति, प्रान्त या भाषा के हिमायती बनकर देश की राष्ट्रीय एकता को खण्डित करने की कोशिश करते हैं।
इतिहास साक्षी है कि अनेक धर्मों, अनेक जातियों और अनेक भाषाओं वाला यह देश अनेक विसंगतियों के बावजूद सदा एकता के एकसूत्र में बँधा रहा है। यहाँ अनेक जातियों का आगमन हुआ और वे धीरे-धीरे इसकी मूल धारा में विलीन हो गईं। उनकी परम्पराएँ, विचारधाराएँ और संस्कृतियाँ इस देश के साथ एक रूप हो गईं।
भारत की यह विशेषता आज भी ज्यों-की-त्यों बनी हुई है। भारत के नागरिक होने के नाते हमारा कर्त्तव्य है कि हम इस भावना को नष्ट न होने दें वरन् इसको और अधिक पुष्ट बनाएँ। आज आवश्यकता है हम सब देशवासियों को महात्मा गाँधी के इस कथन से प्रेरणा लेकर अपने कर्मपथ पर दृढ़प्रतिज्ञ होकर चलते हुए देश एकता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए भारतमाता की सेवा में तन-मन-धन से जुट जाने की — "जब तक हम एकता के सूत्र में बँधे हैं, तब तक मज़बूत हैं और जब तक खण्डित हैं, तब तक कमज़ोर हैं।" आज आवश्यकता है केन्द्रीय सरकार द्वारा राष्ट्रीय एकता परिषद् को फिर से सक्रिय करने की, ताकि देशवासी आन्तरिक मतभेदों को भुलाकर आपस में प्रेम-भाईचारे के साथ रह सकें।
"बाधाएँ आती हैंघिरें प्रलय की घोर घटाएँपाँवों के नीचे अंगारेसिर पर बरसें यदि ज्वालाएँनिज हाथों में हँसते-हँसतेआग लगाकर जलना होगाकदम मिलाकर चलना होगा।"
राष्ट्रीय एकता पर निबंध Pdf
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अंतिम शब्द
यहा पर हमने राष्ट्रीय एकता पर निबंध 500 Words में विस्तार से देखा। अगर आप बोर्ड के परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, तो यह निबंध आपके लिये काफी महत्वपुर्ण है, यानी की अगर आप कक्षा 10 या 12 के स्टूडेंट है तो आपको इस निबंध को अच्छे से जरुर पढ़ना चाहिए। क्योकी बोर्ड के परीक्षा में हिन्दी के विषय में राष्ट्रीय एकता पर निबंध पुछ सकता है और अगर आप इसे पहले से पढ़ कर समझे रहेंगे तो आपको इसे परीक्षा में लिखने में आसानी होगी।
और कई बार ऐसा होता है की आपको आपके स्कूल से National Unity Essay In Hindi लिख कर लाने का होम वर्क मिला होता है, यदि आप भी उन स्टूडेंट्स में से एक है जिन्हे होमवर्क के रुप में राष्ट्रीय एकता पर निबंध लिख कर लाने को कहा गया है, तो आप यहा पर दिये निबंध की सहायता से अपना होमवर्क आसानी से पुरा कर सकते है।
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