भारतीय रेलवे पर निबंध | Essay On Indian Railways In Hindi

Essay On Indian Railways In Hindi

इस लेख में हम भारतीय रेलवे पर निबंध को सम्पुर्ण रुप से समझेंगे। यह निबंध उन सभी विद्यार्थियों के लिये काफी मददगार साबित हो सकता हैं, जो इस समय किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है। क्योकी इस निबंध के माध्यम से आप भारतीय रेलवे की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते है, जिससे की आपको किसी भी परीक्षा में काफी मदद मिल सकती है।

इस निबंध में हम आपके साथ भारतीय रेलवे से जुड़ी बहुत से महत्वपूर्ण जानकारियां साझा करेंगे जैसे की- भारत में पहली बार ट्रेन कब चली थी, भारतीय रेलवे का क्षेत्र एवं विस्तार, भारत में सबसे पहले ट्रेन कहाँ चली थी, भारतीय रेल की स्थापना कब हुई थी, भारतीय रेल का जनक कौन है और भारतीय रेलवे द्वारा दी जाने वाली सेवा आदि। इस प्रकार के भारतीय रेल से सम्बंधित और भी बहुत से प्रश्नों के उत्तर आपको इस निबंध में एकदम विस्तार से मिल जायेंगे। तो अगर आप indian railways essay in hindi को बिल्कुल अच्छे से पढ़ना चाहते है, तो इस लेख को आप पुरा अन्त तक जरुर पढ़े।

आपको बताते चले की, यह निबंध कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिये भी काफी कारगर साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार क्लास 6 से 12 तक के स्टूडेंट्स को उनके विद्यालय से होमवर्क या फिर प्रोजेक्ट कार्य के रुप में भारतीय रेलवे पर निबंध लिखने को दे दिया जाता है। ऐसे में यदि आप भी उन छात्रों में से है, जिन्हे इस प्रकार का होमवर्क या प्रोजेक्ट वर्क मिला है, तो आप इस लेख में दिये गए essay on indian railways in hindi की सहायता से अपना प्रोजेक्ट वर्क अथवा होमवर्क बहुत ही असानी से पुरा कर सकते है। तो चलिये अब हम रेलवे पर निबंध को एकदम विस्तारपूर्वक से समझे।

भारतीय रेलवे पर निबंध हिन्दी में (Indian Railways Par Nibandh)

जब 16 अप्रैल, 1853 को भारत में पहली रेलगाड़ी ने बम्बई (मुम्बई) से थाणे के मध्य 34 किमी की दूरी तय की थी, तब शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि आने वाले दिनों में भारतीय रेल विश्व में परिचालन में अपना दूसरा स्थान बना लेगी, लेकिन यह आज का सच है। तब से लेकर अब तक भारतीय रेलवे ने बहुत तेजी से प्रगति की है और इस समय यह एशिया की सबसे बड़ी व विश्व की दूसरी सबसे बड़ी रेल-प्रणाली है। इसमें लगभग 14 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है, जो देश के किसी भी उपक्रम में सबसे अधिक है तथा केन्द्रीय कर्मचारियों की कुल संख्या का 40% है।

भारतीय रेलवे का क्षेत्र एवं विस्तार

भारतीय रेल नेटवर्क को 18 क्षेत्रों में बाँटा गया है। इनके प्रशासन एवं प्रबन्धन के लिए 21 रेलवे बोर्डों का भी गठन किया गया है। प्रत्येक रेलवे बोर्ड, केन्द्रीय कैबिनेट के रेलवे मन्त्रालय के अधीन होता है। भारत में रेल इंजनों का निर्माण चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स, वाराणसी के डीजल लोकोमोटिव वर्क्स तथा भोपाल स्थित भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड नामक कारखानों में किया जाता है। सवारी डिब्बों के निर्माण के लिए पेराम्बूर एवं चेन्नई में इण्टीग्रल कोच फैक्ट्री तथा कपूरथला में रेल कोच फैक्ट्री हैं। भारतीय रेल अन्तर्राष्ट्रीय रेल नेटवर्क स्थापित करने की दिशा में प्रयासरत् है।

इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर भारत एवं पाकिस्तान के मध्य 'समझौता एक्सप्रेस' का परिचालन वर्ष 2004 से प्रारम्भ हुआ था। इसके बाद वर्ष 2008 से भारत एवं बांग्लादेश के मध्य 'मैत्री एक्सप्रेस' का परिचालन किया गया। भारतीय रेल पिछले कुछ वर्षों से न केवल अपने देश में रेल डिब्बे और इंजन के निर्माण में आत्मनिर्भर बनी है, बल्कि यह अन्य देशों को इसकी आपूर्ति भी करती है।

आज देशभर में रेलों का व्यापक जाल बिछा हुआ है। इस समय देश में सात हज़ार से अधिक रेलवे स्टेशन हैं तथा रेलमार्ग की कुल लम्बाई 63 हज़ार किमी से अधिक है, जिसके लगभग 28 % भाग का विद्युतीकरण हो चुका है। आज भारत की रेल पटरियों पर प्रतिदिन 19 हजार से भी अधिक ट्रेनें दौड़ती रहती हैं, जिनमें 12 हज़ार यात्री ट्रेनें और 7 हज़ार मालवाहक ट्रेनें हैं। 

भारतीय रेलवे में कई प्रकार की रेलगाड़ियाँ हैं। मेल एवं एक्सप्रेस रेलगाड़ियों के अतिरिक्त पर्यटन के लिए विशेष रेलगाड़ियाँ भी चलाई जाती हैं। पैसेंजर रेलगाड़ियाँ महानगरों की जीवन-रेखा का कार्य करती हैं। महानगरों के अतिरिक्त भी कुछ क्षेत्रों में पैसेंजर रेलगाड़ियों का परिचालन किया जाता है। राजधानी एक्सप्रेस, गरीब रथ, जनशताब्दी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, दुरन्तो गतिमान बन्दे भारत इत्यादि यहाँ की कुछ अतिविशिष्ट रेलगाड़ियाँ हैं। भारतीय रेलवे समय-समय पर विशेष प्रकार की रेलगाड़ियों का परिचालन भी करवाता है।

भारत में कुछ अति विशिष्ट रेलगाड़ियाँ हैं, जो अपनी विशेषता के लिए विश्वभर के पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई हैं। इनमें डेक्कन ओडिसी, पैलेस ऑन व्हील्स, हेरिटेज ऑन व्हील्स, महाराजा एक्सप्रेस, फेयरी क्वीन एवं रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स नामक रेलगाड़ियाँ शामिल हैं। भारतीय रेल पटरियों पर हाई स्पीड बुलेट ट्रेन चलाए जाने की चर्चा जोरों पर है। वर्ष 2014 के अन्तरिम रेल बजट में भारत में बुलेट ट्रेन परियोजनाओं के आधारभूत संरचनात्मक विकास हेतु ₹ 100 करोड़ का प्रस्ताव रखा गया था।

वर्ष 2017 में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत में पहली बुलेट ट्रेन का शिलान्यास किया गया। वर्ष 2014 में दिल्ली से आगरा के मध्य 160 किमी प्रति घण्टे की गति से दौड़ने वाली सेमी हाई स्पीड ट्रेन के सफल परीक्षण ने यह सिद्ध कर दिया। है कि आने वाले समय में भारत बुलेट ट्रेन दौड़ाकर तकनीक और रफ़्तार के क्षेत्र में विश्व के विकसित देशों के समकक्ष आ खड़ा होगा। वर्ष 2021-22 तक मुम्बई से अहमदाबाद के मध्य देश में पहली बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा गया है।

वर्तमान में रेल की आधारभूत संरचना के विकास पर काफी जोर दिया जा रहा है। रेलवे ट्रैक का नवीनीकरण किया जा रहा है यही कारण है कि वर्ष 2018-19 में रेल दुर्घटना में अप्रत्याशित रूप से कमी आई है। वर्ष 2022 तक रेलवे लाइन का 100 फीसदी विद्युतीकरण का लक्ष्य है, जिससे ईंधन पर हो रहे खर्चों में करोड़ों रुपये की बचत होगी तथा रेलवे की क्षमता भी बढ़ेगी।

इसी प्रकार स्वच्छ भारत अभियान के तहत रेलवे स्टेशनों पर साफ-सफाई व्यापक रूप से की जा रही है, जिसका सकारात्मक प्रभाव आज हम देख रहे हैं। रेलवे यात्रियों की सुरक्षा के लिए 'रेल सुरक्षा' मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया तथा हेल्पलाइन नम्बर 182 जारी किया गया है। वर्ष 2018 में भारतीय रेलवे को गति एवं विकास के लिए गुजरात के बड़ोदरा में देश का पहला राष्ट्रीय रेल और परिवहन विश्वविद्यालय खोला गया।

भारतीय रेल में यात्रा करने वाले अधिकांश यात्री आज अपने मोबाइल से ही टिकट बुक (आरक्षित) कर रहे हैं साथ ही अनारक्षित टिकटों के लिए यूटीएस (UTS) मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है। वर्तमान में रेलवे को और आकर्षक व आर्थिक दृष्टि से मजबूत करने के लिए अत्याधुनिक सेवा से युक्त कॉर्पोरेट ट्रेन 'तेजस' चलाई जा रही है। प्रथम 'तेजस' ट्रेन दिल्ली-लखनऊ मार्ग पर वर्ष 2019 में चलाई गई। इसके अतिरिक्त दो और तेजस ट्रेन मुम्बई-अहमदाबाद तथा काशी-महाकाल चल रही हैं।

भारतीय रेलवे द्वारा दी जाने वाली सेवा

भारतीय रेल अपने यात्रियों को विविध प्रकार की सुविधाएं प्रदान करती है, इनमें वे सभी सुविधाएँ भी सम्मिलित हैं, जो हमारे दैनिक जीवन से सम्बन्धित होती हैं, जैसे- भोजन-जलपान, विश्राम गृह, अमानत घर, व्हील चेयर, प्राथमिक उपचार, बुक स्टॉल आदि। भारतीय रेल में लम्बी दूरी की यात्राओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था भी रहती है, ताकि यात्रीगण चिन्तामुक्त होकर यात्रा का आनन्द ले सकें। उच्च श्रेणी की रेलगाड़ियों में यात्रियों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। धन और समय की बचत रेल यात्रा की सबसे बड़ी विशेषता है।

रेल यात्रा के दौरान कई बार यात्रियों को लूटपाट, हिंसा का भी सामना करना पड़ता है। इन स्थितियों से निपटने के लिए भारतीय रेलवे ने रेलवे पुलिस बल की व्यवस्था कर रखी है, जो ऐसी स्थितियों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। रेलवे पुलिस द्वारा यथासम्भव प्रयास किया जाता है कि यात्रियों को यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। भारतीय रेल की यह प्रशासनिक इकाई रेलवे अपराधों पर नियन्त्रण के साथ-साथ आकस्मिक दुर्घटनाओं में यात्रियों का सहयोग करती है।

रेलवे पुलिस आकस्मिक चैकिंग के द्वारा अवैध गतिविधियों को नियन्त्रित करने के प्रयास के साथ-साथ बिना टिकट के यात्रियों को भी पकड़ती है। भारतीय रेल की प्रशासनिक व्यवस्था को सन्तोषजनक श्रेणी में रखा जा सकता है। इन सभी सुविधाओं को देखते हुए रेलगाड़ी से बेहतर यात्रा का कोई अन्य विकल्प प्रतीत नहीं होता। इस प्रकार, भारतीय रेल यात्रियों को यथासम्भव सुविधाएँ देती है, पर साथ ही यात्रियों से भी यह अपेक्षा रखती है कि वे टिकट लेकर या आरक्षण कराकर यात्रा करें।

रेलगाड़ियों में वितरित किए जाने वाले प्रसाद आदि को ग्रहण न करें। रेलगाड़ियों के नियत समय को ध्यान में रखें। रेलगाड़ी से शरीर का कोई अंग बाहर न निकालें। यात्रा के दौरान खरीदे गए खाद्य-पदार्थों की गुणवत्ता के बारे में सुनिश्चित कर लें या फिर रेलगाड़ी की पैण्ट्री से ही खाद्य वस्तुएँ खरीदें। चलती हुई रेलगाड़ी के गेट पर खड़े होने का प्रयास न करें। बच्चों के परिप्रेक्ष्य में विशेष सावधानी बरतें।

परस्पर सामंजस्य से भारतीय रेल और बेहतर सुविधाएँ प्रदान कर सकने में सक्षम हो सकती है। भारत में रेल न केवल देश की परिवहन सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करती है, बल्कि देश को एक सूत्र में बाँधने एवं राष्ट्र के एकीकरण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति में भारतीय रेल का प्रमुख योगदान रहा है। देश में विभिन्न वस्तुओं की ढुलाई एवं यात्री परिवहन का प्रमुख साधन रेल ही है।

निष्कर्ष 

देश के कोने-कोने तक लोगों को आपस में जोड़ने के अतिरिक्त रेलगाड़ी ने व्यापार, पर्यटन एवं शिक्षा को भी सुलभ ने बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसकी सहायता से कृषि एवं औद्योगिक विकास को भी गति प्राप्त हुई है। आज़ादी के बाद से भारतीय रेल ने अनन्त उपलब्धियाँ अर्जित की हैं।

FAQ: भारतीय रेल के बारे में पुछे जाने वाले कुछ प्रश्न

प्रश्न -- भारत में पहली बार ट्रेन कब चली?

उत्तर -- भारत में पहली बार ट्रेन 16 अप्रैल, 1853 को चली थी।

प्रश्न -- भारत में सबसे पहले ट्रेन कहाँ चली थी?

उत्तर -- भारत में सबसे पहले ट्रेन महाराष्ट्र के मुंबई में बोरीबंदर स्टेशन से थाणे तक चली थी।

प्रश्न -- भारत में रेल दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर -- भारत में भारतीय रेल परिवहन दिवस (Indian Rail Transport day) 16 अप्रैल को मनाया जाता है।

प्रश्न -- भारतीय रेल की स्थापना कब हुई थी?

उत्तर -- भारतीय रेल की स्थापना 6 मई 1836 को हुई थी।

प्रश्न -- भारतीय रेल का जनक कौन है?

उत्तर -- लॉर्ड डलहौजी को भारतीय रेलवे के पिता के रूप में जाना जाता है।

प्रश्न -- भारत में पहली ट्रेन ने कितना सफर तय किया था?

उत्तर -- भारत में पहली ट्रेन ने मुम्बई से थाणे के मध्य 34 किमी की दूरी तक का सफर तय किया था।

भारतीय रेलवे पर निबंध Pdf

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अंतिम शब्द

यहां इस लेख में हमने भारतीय रेलवे पर निबंध को पूरे विस्तार से समझा। इस निबंध के माध्यम से हमें भारतीय रेलवे से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब जानने को मिले, जो प्रतियोगी परीक्षाओं या सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए निश्चित रूप से फायदेमंद है। इसके साथ ही छोटी कक्षा के विद्यार्थियों को भी रेलवे पर इस निबंध से काफी मदद मिली होगी, वे इस निबंध की मदद से अपने स्कूल से मिले होमवर्क या प्रोजेक्ट वर्क को आसानी से पूरा कर सकते हैं।

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