2023 आत्मनिर्भर भारत पर निबंध | Essay On Aatm Nirbhar Bharat in Hindi

Essay On Aatm Nirbhar Bharat in Hindi

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इस निबंध में हम आत्मनिर्भर से सम्बन्धित जितने भी महत्वपूर्ण प्रश्न होंगे उन सभी को समझने का पूर्ण प्रयास करेंगे, जैसे को- आत्मनिर्भर भारत योजना क्या है, आत्मनिर्भर भारत का अर्थ, आत्मनिर्भर भारत क्यों जरूरी है, आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना, आत्मनिर्भर भारत अभियान के पांच स्तंभ और आत्मनिर्भर भारत की चुनौतियां आदि। इस प्रकार के आत्मनिर्भर भारत से सम्बंधित और भी कई प्रश्नों के उत्तर आपको इस निबंध में विस्तारपूर्वक से देखने को मिल जायेंगे। तो, अगर आप Aatmnirbhar Bharat Essay in Hindi को बिल्कुल अच्छे से पढ़ना चाहते है, तो इस लेख को आप पुरा अन्त तक जरुर पढ़े।


आत्मनिर्भर भारत पर निबंध हिन्दी में (Aatm Nirbhar Bharat Essay in Hindi)

प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कोविड -19 वैश्विक महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था में सम्भावित गिरावट को रोकने व आपदा को अवसर में बदलने हेतु मई, 2020 में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत ₹ 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की गयी जो देश की जीडीपी का लगभग 10% है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मुख्य रूप से भूमि, श्रम तरलता और कानूनों पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।

यह आर्थिक पैकेज छोटे व्यवसायों, कपड़ा उद्योग, घरेलू उद्योगों, मजदूरों, एमएसएमई सहित विभिन्न वर्गों की जरूरतों को पूरा करेगा। इसके साथ ही प्रधानमन्त्री ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने का समय आ गया है। इसके लिए उन्होंने लोकल उत्पादों को प्रयोग करने, प्रचार करने तथा वैश्विक बनाने का आह्वान किया। इसके लिए उन्होंने 'वोकल फॉर लोकल' का मन्त्र दिया।

आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना

आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना का आशय भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। वर्तमान भूमण्डलीकरण के युग में आत्मनिर्भरता की परिभाषा में बदलाव आया है। अतः प्रधानमन्त्री ने कहा है कि भारत की आत्मनिर्भरता (Self-Reliance), आत्मकेन्द्रित (Self-Centered) से अलग है। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में वैश्वीकरण का बहिष्कार नहीं किया जाएगा, बल्कि दुनिया के विकास में मद्द की जाएगी। भारत 'वसुधैव कुटुम्बकम' की संकल्पना में विश्वास करता है अर्थात् भारत की संस्कृति दुनिया को एक परिवार मानती है। 

अत: भारत की प्रगति में विश्व की प्रगति समाहित रही है। इस अभियान का लक्ष्य देश में एक मजबूत आर्थिक पूरा किया परिवेश को निर्मित करना है, जिसमें सभी लोग प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो सकेंगे, यह मिशन दो चरणों में जाएगा। पहले चरण में चिकित्सा, वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे स्थानीय विनिर्माण तथा निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। वहीं दूसरे चरण में रत्न, आभूषण, फार्मा, स्टील जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे पूर्ति के साथ निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के पाँच स्तम्भ

आत्मनिर्भर भारत पाँच स्तम्भों पर खड़ा होगा, जो इस प्रकार हैं

(1). अर्थव्यवस्था (Economy) जो वृद्धिशील परिवर्तन के स्थान पर बड़ी छलांग सुनिश्चित करती हो।

(2). अवसंरचना (Infrastructure) ऐसी अवसंरचना को बढ़ावा देना, जो आधुनिक की पहचान बने।

(3). प्रौद्योगिकी (Technology) जो 21 वीं सदी की प्रौद्योगिकी संचालित व्यवस्था पर आधारित हो।

(4). गतिशील जनसांख्यिकी (Vibrant Demography) जो आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है।

(5). माँग (Demand) भारत की माँग व आपूर्ति शृंखला की पूरी क्षमता का उपयोग किया जाएगा।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के आर्थिक पैकेज एवं अन्य बिंदु

▪︎ प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए इस अभियान के तहत कुल 20 लाख करोड़ के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की गई, जो देश के GDP का 10% है।

▪︎ 20 लाख करोड़ के इस पैकेज को 5 किस्तों में बाँटकर खर्च किया जाना है।

▪︎ इस पैकेज का उद्देश्य अर्थव्यवस्था में सुधार लाना है।

▪︎ इस योजना में सभी प्रवासी मजदूर, छोटे और बड़े बिजनेसमैन तथा सभी प्रकार के व्यापारी शामिल हैं, जिन्हें आर्थिक सहायता दी जाएगी।

▪︎ इस योजना से फैक्ट्री से जुड़े 3.8 करोड़, टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़े 4.5 करोड़ तथा एमएसएमई (MSME) से जुड़े 11 करोड़ लोगों को लाभ होगा।

▪︎ इस योजना से भारत के 10 करोड़ मजदूरों को लाभ होगा।

▪︎ इस अभियान के राहत पैकेज के अन्तर्गत महत्त्वपूर्ण क्षेत्र हैं - मेक इन इंडिया, निवेश को प्रेरित करना, उत्तम आधारिक संरचना, बेहतर वित्तीय सेवा तथा कृषि प्रणाली का विकास आदि। 

▪︎ सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में उन 10 क्षेत्रों की पहचान की है, जिनमें घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।

▪︎ इसके साथ ही सरकार ने इन 10 क्षेत्रों में आयात में कटौती का निर्णय लिया है। इन क्षेत्रों में शामिल हैं - रत्न एवं आभूषण, टेक्सटाइल्स, फर्नीचर, फार्मास्युटिकल्स, पूँजीगत सामान तथा मशीनरी, फुट वियर, मोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरकंडीशनर आदि।

आत्मनिर्भर भारत अभियान की चुनौतियाँ

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित पैकेज की अपार सम्भावनाएँ हैं, इसके बावजूद इसके समक्ष कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जिसे कुछ विशेषज्ञों ने उजागर किया है, जो इस प्रकार हैं।

☞ घोषित किया गया पैकेज वास्तविकता में घोषित मूल्य से बहुत कम माना जा रहा है, क्योंकि इसमें सरकार के राजकोषीय पैकेज के हिस्से के रूप में RBI की पूर्व घोषणाएँ शामिल हैं।

☞ सरकार द्वारा की जाने वाली अप्रत्यक्ष सहायता; जैसे - भारतीय रिजर्व बैंक के ऋण सुगमता उपायों का लाभ सीधे लाभार्थी तक नहीं पहुँच पाता है।

☞ पैकेज में घोषित राशि GDP के 10% होने के बावजूद वास्तविक रूप से GDP के 5% से भी कम राशि लोगों तक पहुँचने की उम्मीद है।

☞ भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता का स्तर वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्द्धा के अनुकूल नहीं है, साथ ही अधिक वित्तीय तथा तकनीकी संसाधनों की आवश्यकता है, जो एक प्रमुख चुनौती है।

☞ भारत द्वारा 10 क्षेत्रों में आयात में कटौती की दिशा में अपनाए जाने वाले उपायों को WTO में चुनौती दी जा सकती है।

☞ भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता का स्तर भी वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्द्धा के अनुकूल नहीं है।

आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाए जाने वाले कुछ महत्त्वपूर्ण कदम

(1). भारत को अपनी आधारिक संरचना (Basic Infrastructure) पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है।

(2). भारत को इच्छाशक्ति (Infect), समावेशन (Inclusion), निवेश (Investment), नवाचार (Innovation) पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है।

(3). अपने उत्पादों को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने हेतु उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता है।

(4). 21 वीं सदी में चुनौतियाँ और भी बढ़ रही हैं। अतः नए भारत के निर्माण की दिशा में भारत को भविष्य में और अधिक संरचनात्मक सुधारों की जरूरत हो सकती है।

निष्कर्ष  

इस प्रकार, आत्मनिर्भर भारत अभियान के समक्ष चुनौतियाँ अवश्य हैं, किन्तु इसकी लक्षित कार्यप्रणाली एक समावेशी विकास को बढ़ावा देती है, जिसमें विकास के सभी पहलु शामिल हैं, जो समानता व समता जैसे मानदण्ड को पूरा करते हैं, आने वाली समस्याओं के निदान के लिए तत्पर रहने के अनुकूल हैं, साथ ही इसमें नागरिकों के सशक्तीकरण जैसे पहलू भी शामिल हैं, जो बेहतर भारत के निर्माण की पूँजी हैं। अत: भारत को दृढ़ इच्छाशक्ति, समावेशन, नवाचार, निवेश पर कुशलतापूर्ण ध्यान देकर उन उद्यमों में निवेश पर अधिक ध्यान देना, जिससे भारत को वैश्विक ताकत के रूप में उभरने की अधिक सम्भावना है और वैश्विक पटल पर आत्मनिर्भर भारत विश्व के अन्य देशों का मार्गदर्शक बन सकेगा।

आत्मनिर्भर भारत पर निबंध Pdf

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अंतिम शब्द

यहा पर इस लेख में हमने Essay On Aatm Nirbhar Bharat In Hindi को बिल्कुल अच्छे से समझा, इस लेख में हमने जो "आत्मनिर्भर भारत पर निबंध" आपके साथ शेयर किया है, वो कक्षा 6 से 12 तक के स्टूडेंट्स के लिये सहायक है। तो यदि आप क्लास 6 से 12 तक के किसी भी क्लास के छात्र है, तो आप इस निबंध को जरुर पढ़े इससे आपको काफी मदद मिलेगी। और साथ ही अगर आप उन छात्रों में से हो, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है, तो आपके लिये भी यह निबंध काफी मददगार साबित हो सकता हैं, इसलिए आप भी इस आत्मनिर्भर पर निबंध को अच्छे से जरुर पढ़े और समझे।

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