निबंध किसे कहते हैं- निबंध कैसे लिखे | परिभाषा एवं प्रकार | Nibandh Kise Kahate Hain
इस आर्टिकल हम निबंध किसे कहते हैं इसके बारे में विस्तार से समझेंगे। अगर आप निबंध लेखन को अच्छे से समझना चाहते है तो आप बिल्कुल सही जगह पर है, क्योकी इस लेख में हम निबंध से सम्बन्धित बहुत से महत्वपुर्ण प्रश्नों के उत्तर को समझेंगे जैसे की - निबंध किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं, निबंध की परिभाषा, निबंध के कितने भाग होते हैं, निबंध का जनक कौन है, निबंध लेखन का तरीका और निबंध कैसे लिखें आदि। ऐसे ही निबंध से जुड़े बहुत से सवालों के जवाब आपको इस लेख में विस्तारपूर्वक से मिल जायेंगे, जिससे की आपको Essay In Hindi को अच्छे से समझने में काफी असानी होगी।
यहा पर हमने जो निबंध लेखन का तरीका शेयर किया है, वो Class 9, 10, 11 और 12 में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिये काफी उपयोगी है, ऐसे में यदि आप कक्षा 9 से 12 तक के किसी भी क्लास के छात्र है तो, इस लेख में दिये गये निबंध लेखन के सभी तरीके को आप पूरे ध्यानपूर्वक से जरुर पढ़े।
मनुष्य अपने विचारों एवं भावों को अभिव्यक्त करने लिए भाषा के मौखिक एवं लिखित रूप का सहारा लेता है। किस भी व्यक्ति के लेखन कौशल के मूल्यांकन के लिए सामान्यतया सबसे अच्छी एवं ठोस कसौटी निबन्ध होती है। इसके माध्यम से व्यक्ति के ज्ञान, अनुभव, सोच एवं भावना को परखा जा सकता है। यदि आप nibandh lekhan in hindi को बिल्कुल अच्छे से समझना चाहते है, तो इस आर्टिकल को आप पूरा अन्त तक जरुर पढ़े। चलिये अब हम Nibandh Kise Kahate Hain एकदम विस्तार से समझे।
निबन्ध किसे कहते हैं 23-2024 (Nibandh Kise Kahate Hain)
निबन्ध 'नि' और 'बन्ध' दो शब्दों के मेल से बना है जिसका अर्थ है - अच्छी तरह नियमों से बँधा हुआ। निबन्ध गद्य साहित्य की एक विधा है। 'निबन्ध' अंग्रेज़ी के 'Essay' का पर्याय माना जाता है। निबन्ध छोटा एवं विस्तृत दोनों प्रकार का हो सकता है।
निबन्ध की परिभाषा
किसी भी विषय पर लिखी गई वह रचना, जिसमें विषय-वस्तु से सम्बन्धित विचारों को विस्तृत एवं क्रमबद्ध रूप में इस तरह प्रकट किया गया हो, जिससे उस विषय से सम्बन्धित सारगर्भित जानकारी प्राप्त हो, निबन्ध कहलाती है।
निबंध के कितने भाग होते हैं
हमने ये तो समझ लिया की निबन्ध किसे कहते हैं अब हम बात करते है निबन्ध के भाग के बारे में यानी की निबन्ध के भाग कितने होते है तो, निबन्ध लेखन के तीन भाग या अंग होते हैं जो निम्न हैं-
(1). भूमिका अथवा प्रस्तावना |
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भूमिका अथवा प्रस्तावना निबन्ध का महत्त्वपूर्ण भाग है। इसके अन्तर्गत विषय-वस्तु का परिचय दिया जाता है। जिससे पाठक को निबन्ध के अगले भागों को समझने में आसानी होती है। |
(2). मध्य भाग अथवा विषय का विस्तार |
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इस भाग के अन्तर्गत विषय से सम्बन्धित सामग्री क्रमबद्ध रूप में आती है। इसे ही निबन्ध का शरीर अथवा मूल भाग कहते हैं। |
(3). उपसंहार अथवा निष्कर्ष |
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निबन्ध का अन्तिम भाग 'उपसंहार' , 'निष्कर्ष' अथवा 'समापन' कहलाता है। इस भाग के अन्तर्गत निबन्ध का सार दिया जाता है। |
निबन्ध के प्रकार
चलिये अब हम बात करते है निबन्ध के प्रकार के बारे में तो, निबन्ध को रूप, शैली एवं विषय-वस्तु के आधार पर निम्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है।
(i) वर्णनात्मक निबन्ध --- वर्णनात्मक निबन्धों के अन्तर्गत स्थान, व्यक्ति विशेष, ऋतु-विशेष आदि से सम्बन्धित निबन्ध आते हैं।
(ii) विचारात्मक निबन्ध --- विचारात्मक निबन्धों के अन्तर्गत विभिन्न विषयों पर पक्ष-विपक्ष, सकारात्मक - नकारात्मक आदि विचार प्रस्तुत किए जाते हैं। विज्ञान, आतंकवाद आदि निबन्ध इस श्रेणी में आते हैं।
(iii) भावात्मक निबन्ध --- कुछ विषय ऐसे होते हैं जिनमें भावों की प्रधानता होती है। सूक्ति, लोकोक्ति आदि पर लिखे गए निबन्ध इस श्रेणी के अन्तर्गत आते हैं, जैसे - परहित सरिस धरम नहीं भाई, साँच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप आदि।
(iv) व्याख्यात्मक/विश्लेषणात्मक निबन्ध --- इस प्रकर के निबन्धों के अन्तर्गत तथ्यों के आधार पर विषयों का विश्लेषण अथवा विवरण (व्याख्या) दिया जाता है तथा उस पर समाधान अथवा सुझाव प्रस्तुत किया जाता है, जैसे - अर्थव्यवस्था,अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध आदि से सम्बन्धित निबन्ध।
निबंध लेखन का तरीका
चलिये अब हम बात करते है निबंध लेखन के तरीके के बारे में, तो आपको बता दे की एक श्रेष्ठ निबन्ध लेखन करने हेतु निम्नलिखित चरणों को अपनाया जाना आवश्यक है, यदि आप नीचे दिये निम्नलिखित चरणों को ध्यान में रख कर निबंध लिखते है तो आप एक बेहतरीन निबंध लिख सकते है।
1). | दिए गए शीर्षक का अध्ययन यह निबन्ध लेखन का सर्वप्रथम चरण है। सर्वप्रथम शीर्षक का गम्भीरतापूर्वक अध्ययन किया जाना चाहिए। |
2). | संकेत बिन्दुओं को समझना परीक्षा में पूछे गए निबन्ध से सम्बन्धित संकेत बिन्दुओं का ध्यानपूर्वक अध्ययन करके उनका उचित प्रयोग निबन्ध में करना चाहिए। |
3). | निबन्ध का प्रारूप अथवा रूपरेखा तैयार करना निबन्ध लेखन करने से पहले रूपरेखा का निर्धारण करना चाहिए, उसके बाद निबन्ध की शुरुआत करनी चाहिए। |
4). | क्रमबद्धता निबन्ध लिखने में विषय केन्द्रित होकर विषय-वस्तु को क्रम में प्रस्तुत किया जाना चाहिए, जिससे विचारों में बिखराव नहीं आता। |
5). | शब्द चयन एवं भाषा शैली अच्छे निबन्ध की विशेषता होती है उसमें प्रयुक्त शब्दों एवं भाषा का प्रयोग करना। निबन्ध लिखते समय शब्दों का चुनाव एवं शुद्ध भाषा का प्रयोग किया जाना चाहिए। |
6). | शब्द सीमा परीक्षा में पूछे गए निबन्ध लेखन का महत्त्वपूर्ण चरण शब्द सीमा (500) का पालन करना होता है। निबन्ध ज़्यादा छोटा या ज़्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए। |
7). | मुहावरे एवं सूक्तियों का प्रयोग मुहावरे, सूक्तियों एवं महापुरुषों के कथनों का प्रयोग आवश्यकतानुसार ही निबन्ध में किया जाना चाहिए। |
8). | उपसंहार अथवा निष्कर्ष निबन्ध का अन्तिम चरण उपसंहार है। निबन्ध का अन्त उपयुक्त एवं प्रभावी सार द्वारा किया जाना चाहिए। |
निबन्ध लेखन के लिए ध्यान रखने योग्य आवश्यक बातें
▪︎ निबन्ध को उचित प्रकार अनुच्छेदों में बाँटकर विषय-वस्तु को छोटे-छोटे वाक्यों व सरल शब्दों में लिखना चाहिए।
▪︎ वर्तनी की दृष्टि से शुद्ध शब्दों का एवं उचित स्थानों पर विराम-चिह्नों का प्रयोग करना चाहिए।
▪︎ क्लिष्ट शब्दों का प्रयोग न करके सरल भाषा का प्रयोग किया जाना चाहिए।
▪︎ समय-सीमा का ध्यान रखना अति आवश्यक है।
▪︎ उचित स्थान पर सन्दर्भों एवं कथनों का प्रयोग करना चाहिए।अप्रासंगिक सन्दर्भों के प्रयोग से बचना चाहिए।
▪︎ निबन्ध लेखन में लम्बी कहानियों एवं विवरण से बचना चाहिए।
▪︎ इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि जो संकेत बिन्दु परीक्षा में दिए गए हैं उनका पालन उचित प्रकार से किया जा रहा है या नहीं।
▪︎ निबन्ध में प्रयोग किए जा रहे शब्दों में सजीवता व सहजता का गुण होना चाहिए।
▪︎ अधिक लम्बे वाक्यों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
FAQ: निबंध से सम्बंधित प्रश्न उत्तर
प्रश्न -- निबंध की परिभाषा एवं प्रकार लिखिए?
उत्तर -- किसी भी विषय पर लिखी गई वह रचना, जिसमें विषय वस्तु से सम्बन्धित विचारों को विस्तृत एवं क्रमबद्ध रूप में इस तरह प्रकट किया गया हो, जिससे उस विषय से सम्बन्धित सारगर्भित जानकारी प्राप्त हो, उसे निबन्ध कहते है। इसके मुख्य रुप से चार प्रकार के होते है, जो निम्न है - 1). वर्णनात्मक निबन्ध, 2). विचारात्मक निबन्ध, 3). भावात्मक निबन्ध, 4). विश्लेषणात्मक निबन्ध।
प्रश्न -- निबंध के कितने अंग होते हैं?
उत्तर -- निबंध के मुख्य रुप से तीन अंग होते है - 1). भूमिका अथवा प्रस्तावना, 2). मध्य भाग अथवा विषय का विस्तार, 3). उपसंहार अथवा निष्कर्ष
प्रश्न -- निबंध के जनक कौन है?
उत्तर -- निबंध के जनक मिशेल डी मॉन्टेग्ने को माना जाता है।
निष्कर्ष
यहा पर इस लेख में हमने, निबंध किसे कहते हैं बिल्कुल अच्छे से समझा। हमने यहा निबंध से सम्बंधित लगभग सभी महत्वपुर्ण प्रश्नों के उत्तर जाने, जिससे की आपको निबंध लेखन एकदम अच्छे से समझ में आ गया होगा। यह लेख आपको कैसा लगा कमेंट के माध्यम से अपने विचार हमारे साथ जरुर साझा करे। हम आशा करते है की आपको यह लेख जरुर पसंद आया होगा और हमे उमीद है की, इस लेख की सहायता से Nibandh Kise Kahate Hain आप बिल्कुल अच्छे से समझ गये होंगे। यदि आपके मन में इस लेख को लेकर कोई प्रश्न है, तो आप नीचे कमेंट करके पुछ सकते हैं। साथ ही इस Nibandh Lekhan को आप अपने सभी सहपाठी एवं मित्रों के साथ शेयर जरुर करे।
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