ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध | Essay On Online Education In Hindi

Essay On Online Education In Hindi

इस लेख में हम ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध को विस्तार से देखेंगे। पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन शिक्षा में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, ऐसा कोविड-19 जैसी महामारी के कारण हुआ है। ऐसे में अब कई छात्र ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध की तलाश कर रहे हैं, क्योंकि कई परीक्षाओं में ऑनलाइन शिक्षा से संबंधित प्रश्न पूछे जा रहे हैं और इसलिए हमने इस लेख में online education par nibandh आपके साथ विस्तार से साझा कर रहे है, जिससे आपको परीक्षा में काफी मदद मिलेगी।

क्योंकि हम इस निबंध में ऑनलाइन शिक्षा से संबंधित कई ऐसे महत्वपूर्ण प्रश्न देखेंगे, जो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए इम्पोर्टेन्ट हैं, जैसे की- ऑनलाइन शिक्षा का अर्थ, ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम, ऑनलाइन शिक्षा से हानि, ऑनलाइन शिक्षा से लाभ, ऑनलाइन शिक्षा का बच्चों पर प्रभाव आदि। इस प्रकार की ऑनलाइन शिक्षा से संबंधित कई प्रश्नों के उत्तर आपको इस निबंध से विस्तार से मिल जायेंगे, इसलिए आप इस निबंध को अंत तक ध्यानपूर्वक से जरुर पढ़ें। आइए अब ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध को विस्तार से देखें।

ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध हिन्दी में (Online Education Essay In Hindi)

बदलते दौर में आज जहाँ सब कुछ डिजिटल हो रहा है, वहीं शिक्षा का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है फिर कोविड -19 जैसी महामारी ने मानव जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जिसमें शिक्षा क्षेत्र पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ा है। इसलिए आज समय की माँग है कि ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए।

भारत सरकार ने भी कोविड-19 महामारी के इस दौर में शिक्षा में हुए नुकसान को कम करने के लिए 'भारत पढ़े ऑनलाइन योजना शुरू की है, जो ऑनलाइन शिक्षा के बढ़ते महत्त्व को रेखांकित करती है। वस्तुतः वर्तमान के साथ-साथ भविष्य में भी ऑनलाइन शिक्षा का महत्त्व निरन्तर बढ़ेगा, लेकिन हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि ऑनलाइन शिक्षा के लाभ के साथ-साथ कुछ व्यावहारिक हानियाँ भी है, जिस कारण इसे सावधानीपूर्वक अपनाने की जरूरत है।

ऑनलाइन शिक्षा का अर्थ

ऑनलाइन शिक्षा कम्प्यूटर आधारित नेटवर्क से सम्बद्ध होती है। इसमें विद्यार्थी घर पर रहकर भी शिक्षा प्राप्त करता हैं। इसके अन्तर्गत विद्यार्थी वीडियो के माध्यम से लाभान्वित होते हैं, इसमें शिक्षक से प्रत्यक्ष सम्बन्ध नहीं होता है। ऑनलाइन शिक्षा इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों और सीखने की प्रक्रियाओं के उपयोग को सन्दर्भित करती है। ऑनलाइन शिक्षा हेतु इण्टरनेट का कनेक्शन, कम्प्यूटर, स्मार्टफोन आदि महत्त्वपूर्ण सामग्री की जरूरत होती है।

ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम

ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम/प्रकार निम्नलिखित हैं

(1). लाइव वीडियो क्लासेज

इसके अन्तर्गत एक ही समय में विद्यार्थी और शिक्षक अलग-अलग स्थानों से एक-दूसरे से शैक्षिक संवाद करते हैं। इस तरह की कक्षा में विद्यार्थी अपने प्रश्नों का तत्काल उत्तर जान पाते हैं जिससे उनका उस विषय से सम्बन्धित सन्देह भी दूर हो जाता है। इसी कारण इसे 'रियल टाइम लर्निंग' भी कहा जाता है।

(2). प्री रिकॉर्डेड वीडियो क्लासेज

इस व्यवस्था में पाठ्यक्रम से सम्बन्धित जानकारी पहले से उपलब्ध होती है। इस प्रकार की ऑनलाइन शिक्षा का लाभ यह है कि विद्यार्थी किसी भी समय इसका लाभ उठा सकते हैं अर्थात् इस कक्षा को कभी भी देख सकते हैं। इस शैक्षिक व्यवस्था में विद्यार्थी और शिक्षक के बीच वास्तविक समय में शैक्षिक संवाद करने का कोई विकल्प नहीं होता है। इसमें विद्यार्थी अपना प्रश्न कमेंट बॉक्स में पूछते हैं, जिसका जवाब या तो कमेंट बॉक्स में या फिर अगली कक्षा में दिया जाता है।

(3). स्लाइड्स

ऑनलाइन शिक्षा में सूक्ष्म से सूक्ष्म वस्तुओं के अध्ययन में स्लाइड्स प्रणाली काफी उपयोगी हैं। इनका प्रयोग शिक्षण कौशल को प्रभावी बनाता है। स्लाइड को प्रदर्शित करने के लिए प्रोजेक्टर की आवश्यकता होती है। स्लाइड्स के कई प्रकार हैं - लैंटर्न स्लाइड्स, सेलफोन स्लाइड्स, ग्लास स्लाइड्स, फोटोग्राफिक स्लाइड्स आदि।

(4). ऑनलाइन टेस्ट

डिजिटल युग में आज ऑनलाइन टेस्ट का भी महत्त्व काफी बढ़ गया है। इसकी सहायता से विद्यार्थी को मुख्य परीक्षा की तैयारी में काफी मदद मिलती है, क्योंकि इससे विद्यार्थी अपनी गलतियों को सुधार सकते हैं, साथ ही अपनी टाइमिंग को भी सेट कर सकते हैं। यह टेस्ट कागज-कलम से नहीं, बल्कि कम्प्यूटर पर दिया जाता है। परीक्षा शुरू होने से 15 मिनट पहले स्टार्ट ट्यूटोरियल से परीक्षा के नियम बताए जाते हैं। फिर परीक्षा शुरू होती है। कम्प्यूटर, की-बोर्ड और माउस के माध्यम से प्रश्नों का उत्तर दिया जाता है। आजकल बच्चे घर बैठकर भी अपने स्मार्ट फोन से ऑनलाइन टेस्ट दे सकते हैं।

(5). पीडीएफ आधारित ऑनलाइन शिक्षा

प्री रिकॉर्डेड वीडियो क्लासेज या स्लाइड्स के द्वारा दिए जा रहे लेक्चर में मुख्यत: पीडीएफ के पेज को ही एक - एक कर स्क्रीन पर प्रस्तुत कर पढ़ाया जाता है। इसमें पाठ्यक्रम को पहले पीडीएफ में कन्वर्ट कर दिया जाता है फिर या तो लाइव वीडियो क्लासेज या प्री रिकॉर्डेड वीडियो क्लासेज जिस वेबसाइट पर चलती हैं, उसके नीचे पीडीएफ डाउनलोड करने का लिंक दिया जाता है।

ऑनलाइन शिक्षा से लाभ

▪︎ ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से कक्षाओं का शिक्षण अधिक रोचक और संवादात्मक बनाया जा रहा है, जिससे बच्चे इस पर अधिक से अधिक ध्यान दे रहे हैं।

▪︎ ऑनलाइन शिक्षा कोई भी, कहीं भी और कभी भी प्राप्त की जा सकती है। उदाहरण के लिए, यात्रा के दौरान या फिर किसी कारणवश अवकाश लेने पर छूटे हुए विषयों से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

▪︎ ऑनलाइन शिक्षा को प्रोत्साहन देने से विद्यार्थी नए-नए ज्ञान भी प्राप्त करेंगे। साथ ही शिक्षकों पर सक्षम, अद्यतन न होने और शिक्षकों की कमी के जो आरोप लगते हैं, उसे भी दूर किया जा सकता है।

▪︎ भारत जैसे विशाल देश में पर्याप्त स्कूल-कॉलेज नहीं हैं। ऑनलाइन शिक्षा के विकल्प से स्कूलों-कॉलेजों पर दबाव कम होगा और अभिभावकों एवं बच्चों के लिए अपने ढंग से पढ़ने-पढ़ाने की स्वतन्त्रता होगी अर्थात् स्कूल-कॉलेज में दाखिले की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी।

▪︎ ऑनलाइन शिक्षा पर्यावरण की दृष्टि से भी लाभकारी है, क्योंकि ऑनलाइन पर निर्भरता से कॉपी, किताब की जरूरत कम होगी, लोग बाहर नहीं निकलेंगे।

▪︎ ऑनलाइन शिक्षा से छात्र स्वयं यह समझेंगे कि वे कैसे सीखते हैं, उन्हें क्या पसन्द है और किस समर्थन की आवश्यकता है। साथ ही छात्र स्वतन्त्र रूप से शोध करेंगे और एक नई प्रस्तुति का निर्माण करेंगे।

▪︎ ऑनलाइन शिक्षण पद्धति में समय की बचत होती है, साथ ही इसमें ज्ञान की विविधता अधिक होती है।

▪︎ तीव्रता एवं गहनता की दृष्टि से ऑनलाइन शिक्षा काफी प्रभावकारी है। इसमें सूचनाओं का संग्रहण न केवल तीव्र होता है, बल्कि सृजनशीलता एवं विविधता की दृष्टि से भी इसकी महत्ता काफी ज्यादा है।

▪︎ ऑनलाइन शिक्षा से छात्रों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय व सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकती है।

ऑनलाइन शिक्षा से हानि

▪︎ ऑनलाइन शिक्षा कम्प्यूटर आधारित नेटवर्क से सम्बद्ध होती है, जिसके लिए कई उपकरणों की जरूरत होती है जो काफी महँगे होते हैं। इस कारण ऑनलाइन शिक्षा पाना सबके लिए सम्भव नहीं है।

▪︎ ऑनलाइन शिक्षा के अन्तर्गत छात्र किसी प्रश्न का जवाब इंटरनेट पर आसानी से प्राप्त कर लेते हैं, ऐसे में छात्र कभी किसी विषय पर पढ़ते हुए ज्यादा सोच-विचार नहीं करते हैं, जिसमें बच्चों की रचनात्मक क्षमता में कमी आती है।

▪︎ ऑनलाइन या डिजिटल शिक्षा चाहे कितनी भी सुविधा छात्रों को उपलब्ध करा दे, लेकिन इस सुविधा के कारण छात्रों में अध्ययन की खराब आदतों को बढ़ावा मिल रहा है, छात्रों में आलसी दृष्टिकोण विकसित हो रहा है।

▪︎ ऑनलाइन शिक्षा के लिए विश्वसनीय बिजली आपूर्ति और सर्वव्यापी इण्टरनेट की आवश्यकता होती है, लेकिन इस क्षेत्र में भारत में अभी भी आधारभूत संरचना की कमी है।

▪︎ ऑनलाइन शिक्षा के अध्ययन के लिए घर का वातावरण उपयुक्त नहीं होगा, क्योंकि छात्र अपने घर पर गेम, सोशल मीडिया से विचलित हो सकते हैं, जबकि स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई का एक व्यवस्थित माहौल होता है।

▪︎ ऑनलाइन शिक्षा से छात्रों के सीखने की क्षमता पर असर पड़ सकता है, क्योंकि यदि छात्र अध्ययन का सक्रिय हिस्सा न बन पाया तो उसकी प्रेरणा खत्म हो सकती है।

▪︎ मनोवैज्ञानिकों के अनुसार ऑनलाइन शिक्षा तनावपूर्ण है। इनके शोध के अनुसार 15 मिनट के ऑनलाइन अध्ययन के बाद छात्रों की नोट्स लेने में रुचि खत्म हो जाती है और वे मनोरंजक साइट्स पर पहुँच जाते हैं।

▪︎ हाल के नवीन सर्वे के अनुसार ऑनलाइन शिक्षा से बच्चों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

▪︎ भारतीय चिंतन परम्परा के अनुसार शिक्षा के तीन उद्देश्य हैं - व्यक्ति एवं चरित्र निर्माण, समाज कल्याण का उत्तरोत्तर विकास। ऑनलाइन शिक्षा इन लक्ष्यों की पूर्ति कहाँ तक करती है, इसकी जाँच जरूरी है।

▪︎ कई विषय बहुत की व्यावहारिक हैं; जैसे - विज्ञान के प्रयोगों, शिल्प, शारीरिक शिक्षा, डिजाइनिंग आदि में विद्यार्थी का हाथ पकड़कर सिखाना ज्यादा प्रभावकारी होता है।

▪︎ अधिकांश शिक्षण ऑनलाइन शिक्षण के लिए प्रशिक्षित नहीं है, जिस कारण ऑनलाइन शिक्षण का सामना करने से वे दूर भागते हैं।

ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु किए जा रहे प्रयास

परिवर्तन संसार का नियम है तथा परिवर्तन के इस दौर में जो राष्ट्र, समाज व व्यक्ति अपने को बदल लेगा, वह निश्चित रूप से विकास के पथ पर आगे जाएगा। आज का युग डिजिटल युग है फिर कोविड -19 महामारी ने पूरी विश्व व्यवस्था को अपनी सोच में परिवर्तन लाने को विवश कर दिया है। यही कारण है कि आज विभिन्न राष्ट्रों में ऑनलाइन शिक्षा की अत्यधिक वकालत की जा रही है यद्यपि इस क्षेत्र में विकसित राष्ट्र में पहल काफी पहले हो चुकी है।

भारत में सरकारी स्कूल, कॉलेज आदि संरचनाओं में ऑनलाइन शिक्षा को महत्त्व दिया जा रहा है। यहाँ तक कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा, जैसे - सिविल सेवा, मेडिकल, इन्जीनियरिंग आदि की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थान भी के इसमें जुट गए हैं। केन्द्र सरकार ने इस वर्ष के बजट में भी लगभग 100 कॉलेजों में ऑनलाइन शिक्षा के बारे में प्रावधान किए हैं। भारत सरकार द्वारा ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु किए जा रहे प्रयासों का विवरण निम्नलिखित है

(1). स्वयं --- स्वयं का विस्तार रूप Study Webs of Active-Learning for Young Aspiring Minds है। यह एक ऐसा निःशुल्क ऑनलाइन पोर्टल है, जो वर्तमान युवाओं की अधिगम आकांक्षाओं को इण्टरनेट के माध्यम से पूरा करता है। इस पहल के माध्यम से सभी अध्ययन सामग्री और कक्षा में हुए परीक्षण के वीडियो को निःशुल्क विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया जाएगा।

(2). स्वयंप्रभा --- मानव संसाधन मन्त्रालय द्वारा वर्ष 2017 में शुरू की गई 32 चैनलों वाली से स्वयंप्रभा छात्रों को निःशुल्क ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने वाला एक पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से स्कूल से लेकर कॉलेज तक के सभी छात्रों की सहायता की जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों और पिछड़े वर्ग के समाज में शामिल छात्रों को अच्छी शिक्षा प्रदान करना है।

(3). मूक्स --- यह विश्वविद्यालय स्तर के लिए ऐसा ऑनलाइन पाठ्यक्रम है, जो सामान्य लोगों के लिए खुला हुआ है। इसके माध्यम से लोगों को अपने लिए किसी विषय पर लोगों से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जुड़ने का अवसर मिलेगा। इसमें कोई भौगोलिक सीमा नहीं है।

(4). भारत पढ़े ऑनलाइन --- कोरोना संकट के दौर में मानव संसाधन विकास मन्त्रालय ने भारत के ऑनलाइन शिक्षा परितन्त्र को बेहतर बनाने के लिए लोगों के विचार/सुझाव आमन्त्रित करने के उद्देश्य से 'भारत पढ़े ऑनलाइन' नामक एक साप्ताहिक अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में उपस्थित किसी भी प्रकार की बाधा को समाप्त करने हेतु मानव संसाधन विकास मन्त्रालय के साथ प्रत्यक्ष सुझाव/समाधान साझा करने की दिशा में भारत के सर्वाधिक प्रभावशाली व्यक्तियों को आमन्त्रित करना है।

(5). विद्यादान 2.0 --- इस कार्यक्रम का प्रारम्भ मानव संसाधन विकास मन्त्रालय ने ई-शिक्षण से सम्बन्धित विषय सामग्री में योगदान करने के लिए किया है। यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसमें व्यक्ति (शिक्षक, शिक्षाविद् , विषय विशेषज्ञ आदि) और संगठन (विद्यालय आदि) शिक्षा के क्षेत्र में ई-शिक्षण में योगदान कर सकते हैं। 

विद्यादान कार्यक्रम की शुरुआत विशेष रूप से कोविड -19 की पृष्ठभूमि में छात्रों (विद्यालय और उच्च शिक्षा स्तर दोनों पर) के लिए ई-शिक्षण विषय सामग्री की बढ़ती आवश्यकता और शिक्षण में वृद्धि के लिए स्कूली शिक्षा के साथ डिजिटल शिक्षा को एकीकृत करने की तत्काल आवश्यकता को पूरा करने के लिए की गई है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत देश भर में किसी भी समय और कहीं से भी शिक्षण को जारी रखने हेतु बच्चों के उपयोग के लिए दीक्षा (DIKSHA) ऐप जारी किया गया।

(6). दीक्षा --- (डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर नॉलेज शेयरिंग) मानव संसाधन विकास मन्त्रालय द्वारा वर्ष 2017 में छात्रों के लिए पूरक शिक्षण सामग्री प्रदान करने और शिक्षकों के कौशल को अपग्रेड करने हेतु दीक्षा प्लेटफॉर्म का शुभारम्भ किया गया था। वर्तमान में दीक्षा 10 भाषाओं में विषय सामग्री के सृजन तथा पठन दोनों के लिए सहायता प्रदान करती है।

(7). पीएम ई-विद्या --- यह ऑनलाइन शिक्षा का एक कार्यक्रम है, जिसे कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण हो रहे अकादमिक नुकसान को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा चालू किया जाएगा। इस योजना के तहत छात्रों को विभिन्न माध्यमों के द्वारा शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही कक्षा 1 से 12 के लिए अलग-अलग टीवी चैनलों की शुरुआत भी की जाएगी।

निष्कर्ष

इस प्रकार, यह कहा जा सकता है कि यद्यपि ऑनलाइन शिक्षा के सन्दर्भ में कुछ चुनौतियाँ विद्यमान हैं, जिसे दूर किया जाना चाहिए। साथ ही ऑनलाइन शिक्षा के लाभ आज परिस्थिति के अनुसार ज्यादा हैं। डिजिटल युग व कोरोना संक्रमण की भयावहता ने ऑनलाइन शिक्षा के महत्त्व में काफी वृद्धि की है, जिसे सरकार के विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रम के सन्दर्भ में समझा जा सकता है। निश्चित रूप से आज की परिस्थिति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि ऑनलाइन शिक्षा का भविष्य काफी उज्जवल है और यह शिक्षा के क्षेत्र में क्रान्ति ला रहा है। लेकिन साथ ही हमें ऑनलाइन शिक्षा की कड़ी निगरानी भी करनी चाहिए, जिससे कि छात्रों को इस तकनीक का पूरा लाभ प्राप्त हो, वहीं उनका मानसिक, शारीरिक व चारित्रिक हनन भी न हो।

ऑनलाइन शिक्षा का महत्व निबंध pdf

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अंतिम शब्द

यहा पर हमने आपके साथ "ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध" को बिल्कुल विस्तार से शेयर किया। यह निबंध प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिये काफी उपयोगी है, इसलिए अगर आप भी competitive exams की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों में से है, तो आप इस निबंध को अच्छे से जरुर पढ़ें। हमने इस निबंध में ऑनलाइन शिक्षा से सम्बन्धित बहुत से महत्वपुर्ण प्रश्नों के उत्तर को देखा जैसे की- ऑनलाइन शिक्षा से हानि और ऑनलाइन शिक्षा से लाभ आदि। यह निबंध आपको कैसा लगा, कमेंट के माध्यम से आप अपनी राय हमारे साथ जरुर साझा करे। हम आशा करते है की आपको यह निबंध अच्छा लगा होगा और हमे उमीद है की इस लेख की सहायता से ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध कैसे लिखें? आप अच्छे से समझ गए होंगे। यदि आपके मन में इस निबंध को लेकर कोई प्रश्न है, तो आप निचे कमेंट करके पुछ सकते हैं। और साथ ही इस लेख को आप आपने सभी मित्रों के साथ शेयर भी जरुर करें।

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