शब्द किसे कहते हैं, परिभाषा, भेद एवं उदारहण | Shabd Kise Kahate Hain [ PDF ]

Shabd Kise Kahate Hain

इस लेख में हम शब्द किसे कहते है एकदम विस्तारपूर्वक से समझेंगे। हिन्दी व्याकरण में (शब्द) काफी महत्वपुर्ण तॉपिक में से एक होता है, इससे सम्बंधित कई सारे प्रश्न भिन्न-भिन्न परीक्षाओं में पुछे जाते है जैसे कक्षा 9 से 12 तक के हिन्दी व्याकरण की परीक्षा में, प्रतियोगी परीक्षा में एवं प्रवेश परीक्षाओं में भी इससे जुड़े बहुत से प्रश्न पुछे जाते है। ऐसे में यदि आप उन छात्रों में से है जो इन सभी परीक्षाओं में से किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहा है, तो आपके लिये यह लेख काफी उपयोगी है, इसलिए आप इस लेख को पूरे ध्यानपूर्वक से जरुर पढ़े।

यहा पर हम हिन्दी व्याकरण के (शब्द) से सम्बंधित उन सभी प्रश्नों के उत्तर को समझेंगे, जो परीक्षाओं के लिये महत्वपूर्ण है जैसे की- शब्द किसे कहते हैं, शब्द क्या है उदाहरण सहित, शब्द की परिभाषा, शब्द के कितने भेद हैं, शब्द के उदहारण आदि। इस प्रकार के (शब्द) से जुड़े और भी बहुत से प्रश्नों को हम यहा बिल्कुल अच्छे से समझेंगे। तो अगर आप एकदम अच्छे से shabd kise kahate hain समझना चाहते है, तो इस लेख को पूरा अन्त तक अवश्य पढ़े।

नोट -- यदि आप हिंदी व्याकरण के पूर्ण नोट्स को विस्तार से पढ़ना चाहते हैं, तो आप यहाँ पढ़ सकते हैं 📚 सम्पुर्ण हिन्दी व्याकरण नोट्स

हिन्दी व्याकरण के नोट्स, क्विज, पीडीएफ आदि के लिये हमारे टेलीग्राम चैनल को जरुर ज्वाइन करें।

शब्द किसे कहते हैं (Shabd Kise Kahate Hain)

परिभाषा -- वर्णों या ध्वनियों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं। जैसे -- मैं, वह, राम, पटना, लोटा, पंकज आदि।

शब्द और पद -- जब कोई शब्द किसी वाक्य में प्रयुक्त होता है, तो वही शब्द 'पद' कहलाता है। जैसे --

राम, आम -- संज्ञा शब्द।
खाता, है -- क्रिया शब्द।
राम आम खाता है।  (राम – कर्तापद ; आम – कर्मपद ; खाता है — क्रियापद) 

स्पष्ट है कि कोई शब्द तब तक शब्द है, जब तक वह वाक्य में प्रयुक्त नहीं हुआ है। ज्यों ही वह किसी वाक्य में प्रयुक्त हुआ, वह 'पद' हो गया।

शब्दों के कितने भेद होते है (Shabd ke kitne bhed hote hain)

शब्दों के भेद चार आधार पर किए जाते हैं-

(क) अर्थ के आधार पर
(ख) व्युत्पत्ति या रचना के आधार पर
(ग) उत्पत्ति के आधार पर
(घ) रूपांतर के आधार पर

(क). अर्थ के आधार पर

अर्थ के आधार पर शब्दों के दो भेद हैं-

(1). सार्थक शब्द
(2). निरर्थक शब्द

(1) सार्थक शब्द --- सार्थक वे शब्द हैं, जिनका कोई निश्चित अर्थ होता है। जैसे -- रोटी, उलटा, खाना, पानी, हल्ला, चाय आदि।

(2) निरर्थक शब्द --- निरर्थक वे शब्द हैं, जिनका कोशगत कोई अर्थ नहीं होता। जैसे -- वोटी, पुलटा, वाना, वानी, गुल्ला, वाय आदि।

व्याकरण में सिर्फ सार्थक शब्दों की चर्चा होती है, निरर्थक शब्दों की नहीं। हाँ, निरर्थक शब्दों की चर्चा तब होती है, जब वे सार्थक बना लिये जाते हैं। जैसे -- उलटा-पुलटा, रोटी-वोटी, खाना-वाना, पानी-वानी, हल्ला-गुल्ला, चाय-वाय आदि।

अब इनका प्रयोग वाक्यों में करें :-

▪︎ उलटा -- वह उलटा चल रहा है।
▪︎ पुलटा -- यह निरर्थक शब्द है, अतः इसका प्रयोग अकेला नहीं होगा।
▪︎ उलटा-पुलटा -- तुम क्यों उलटा-पुलटा बोल रहे हो?

(ख). व्युत्पत्ति या रचना के आधार पर

व्युत्पत्ति/बनावट/रचना के आधार पर शब्दों के तीन भेद हैं --

(1). रूढ शब्द 
(2). यौगिक शब्द
(3). योगरूढ़ शब्द

(1) रूढ़ शब्द -- जिन शब्दों के खंड किये जाने पर कोई अर्थ न निकले, उन्हें रूढ़ कहते हैं। जैसे -- राज, लोटा, रोग, सागर, आकाश, विद्या आदि।

                खंड करने पर 
रूढ़ शब्द   ---------------->  निरर्थक खंड 
राज                                रा + ज      (कोई अर्थ नहीं)
रोग                                 रो + ग       (कोई अर्थ नहीं)
विद्या                               वि + द्या     (कोई अर्थ नहीं)
सागर                              सा + गर     (कोई अर्थ नही)

स्पष्ट है कि रूढ़ शब्द का खंड करने पर उसका कोई अर्थ नहीं निकलता।

(2) यौगिक शब्द -- शब्दों के मेल से बने शब्द, जिनका प्रत्येक खंड सार्थक हो, यौगिक कहलाते हैं। जैसे -- विद्यालय, विद्यासागर, पाठशाला, हिमालय, राजरोग आदि। 

                    खंड करने पर
यौगिक शब्द -------------------> सार्थक खंड 
राजरोग   ----  राज + रोग (राज = राजा-संबंधी ; रोग = बीमारी) 
विद्यालय  ----  विद्या + आलय (विद्या = बुद्धि , ज्ञान ; आलय  = घर) 

स्पष्ट है कि यौगिक शब्द जिन शब्दों के मेल से बनते हैं, अगर उनका खंड किया जाए, तो कुछ-न-कुछ अर्थ अवश्य निकलता है।

(3) योगरूढ़ शब्द -- योगरूढ़ ऐसे यौगिक शब्द होते हैं, जो अपने सामान्य या साधारण अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ ग्रहण करते हैं। जैसे -- लम्बोदर (गणेशजी), पंकज (कमल), गिरिधारी (श्रीकृष्ण), वीणापाणि (सरस्वती), हलधर (बलराम) आदि।

योगरूढ़ शब्द साधारण अर्थ विशेष अर्थ
पंकज (पंक+ज) कीचड़ में जन्मा कमल
लम्बोदर (लम्बा+उदर) लम्बे पेटवाला गणेश

ध्यान दें --- कीचड़ में सीप, घोंघा, सैवाल आदि जन्म लेते हैं, लेकिन उन्हें 'पंकज' नहीं कहा जाता है। यह यौगिक शब्द (पंकज) सिर्फ कमल के लिए रूढ़ (फिक्सड) हो गया है। उसी प्रकार लम्बे पेटवाला कुछ भी हो सकता है -- ऊँट, हाथी या कोई मनुष्य, लेकिन यह शब्द (लम्बोदर) भी सिर्फ 'गणेशजी' के लिए रूढ़ हो गया है। इसलिए ऐसे यौगिक शब्दों को योगरूढ़ कहा जाता है।

(ग). उत्पत्ति के आधार पर

उत्पत्ति के आधार पर शब्दों के मुख्यतः पाँच भेद हैं-
(1). तत्सम
(2). तद्भव
(3). देशज
(4). विदेशज
(5). वर्णसंकर

(1) तत्सम -- संस्कृत के वे मूल शब्द, जो ज्यों के त्यों हिन्दी में प्रयुक्त होते हैं, तत्सम कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में, हिन्दी में प्रयुक्त संस्कृत के मूल शब्द को 'तत्सम' कहते हैं। जैसे -- अंक, अंकुर, आज्ञा, आहार, इन्द्रधनुष, ईर्ष्या, ईश, उच्चारण, उदय, ऊर्जा, ऋतु, ऋषि, औषधि, कमल, कलंक, कल्पना, क्षमा, ख्याति, गंगा, गीत, चतुर, जय, टिप्पणी, तट, तपस्या, दर्शन, धर्म, धूप, नगर, पथ, पाठ, पुस्तक, फल, बलिष्ठ, भय, यम, रंक, लय, लेप, वंश, शाप, संगीत, हंस आदि।

(2) तद्भव -- हिन्दी में प्रयुक्त संस्कृत के बिगड़े रूप को तद्भव कहते हैं। जैसे -- 
तत्सम तद्भव
अंक आँक
अंगोञ्छ अंगोछा
अग्नि आग
इक्ष् ईख
ओष्ठ ओंठ/होंठ
अघोर औघड़
कंपन काँपना
कर्कटी ककड़ी
कर्पूर कपूर
कज्जल काजल

(3) देशज -- अपने ही देश की बोल-चाल से आए (उत्पन्न) शब्द , देशज कहलाते हैं। जैसे -- अंगोरा, अँहड़ा, अकड़ा, अटकन-बटकन, अललटप्पू, आल्हा, ईंदर, उदकना, कबड्डी, काँगड़ा, कुत्ता, खच्चर, खरहरा, गद्दर, गलगल, गिलौरी, घोटाला, घौद, घौर, चंडूल, चटकोरा, चट्टी, चमचम आदि।

(4) विदेशज -- विदेशी भाषा से आए शब्द, विदेशज कहलाते हैं। जैसे --

अँगरेजी शब्द
अक्टोबर, अपील, अल्कोहल, ऑक्सीजन, ऑपरेशन, इंजीनियर, ईस्टर, एकड़, एटम, ओवरकोट, कमांडर, कर्नल, कलक्टर, कमिश्नर, गुड फ्राइडे, गवर्नर, गाउन, आदि।
अरबी
अक्ल, अजनबी, अजब, अजायब, अजीब, अदालत, अफगान, इजाजत, इज्जत, इत्तफाक, इत्र, इनकार, इनसान, इमारत, इम्तहान, इराक, उम्र, उसूल, एकरार, एतबार, एतराज, एहसान, ऐब, ऐयार, ऐयाश, औरत, कसम, कसर, कसाई, कसूर, कहवा, कातिल आदि।
फारसी
अंगूर, अंजीर, अंदर, अंदाज, अंदेशा, अचार, अनार, अफसोस, आबाद, आमदनी, आवाज, आवारा, आसमान, ईमानदार, ईसवी, ईसाई, उम्मीद, किशमिश, कुश्ती, कोशिश, खंजर, खजानची आदि।
पुर्तगाली
अनानास (अनन्नास), अलमारियो (आलमारी), आया (दाई), आलफिनेट (आलपीन), जेंगिला (अँगला), मस्तूल आदि।
तुर्की
उजबक, उर्दू, एलची, कजाक, कनात, कलगी, काब, काबू, कुमक, कुरता, कुली, कूच, कोरमा, चकमक, चिक, चोगा, जबून, जुर्राब, तमगा, तोशक, नाशपाती, बाबा, बुलाक, बेगम, मुचलका, सौगात, हरावल आदि।

(5) वर्ण-संकर -- दो भाषाओं से बने शब्द वर्ण-संकर कहलाते हैं। जैसे -- 

अरबी + फारसी
अलमस्त, आदमकद, कलईदार, किलेदार, खबरगीर, गमगीन, गलतफहमी, गुस्लखाना, गैरजिम्मेदार, गोताखोर, जालसाज, जिल्दसाजी, तरफदार, नुकसानदेह, नेकनीयत, फिक्रमंद, बददुआ आदि।
हिन्दी + अरबी
अमलपट्टा, इमामबाड़ा, कसरती, कबाबचीनी, कानूनिया, गुलामी, गुस्सैल, जमावड़ा, मिसरी, मीआदी, मुखतारी, मुहर्रमी, शराबी आदि।
हिन्दी + फारसी
अंदाजपट्टी, आवारापन, कमरकोट, कमीनापन, कलाबाजी, जूताखोर, जोशीला, दुरुखा, देनदार, धोखेबाज, नखरातिल्ला, नातेदार, नोकझोंक, पानीदार, फलदार, बेधड़क, मसखरापन, शेरपंजा, हमजोली आदि।
हिन्दी + अँगरेजी
जेलयात्रा, टिकटघर, पॉकेटमार, रेलगाड़ी आदि।

(घ). रूपांतर के आधार पर

रूपांतर के आधार पर शब्दों के दो भेद हैं-

(1). विकारी शब्द
(2). अविकारी शब्द

(1). विकारी शब्द -- जो शब्द लिंग, वचन, पुरुष और कारक के अनुसार अपने रूप बदलते हैं, उन्हें विकारी कहते हैं। ऐसे शब्द-भेद हैं
(1) संज्ञा
(2) सर्वनाम
(3) विशेषण
(4) क्रिया

(2). अविकारी शब्द -- जो शब्द लिंग, वचन, पुरुष और अनुसार अपने रूप नहीं बदलते, उन्हें अविकारी या 'अव्यय' कहते हैं। ऐसे शब्द-भेद हैं 
(1) क्रियाविशेषण
(2) संबंधबोधक
(3) समुच्चयबोधक
(4) विस्मयादिबोधक

FAQ:- शब्द से सम्बंधित कुछ प्रश्न

प्रश्न -- शब्द किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए?
उत्तर -- वर्णों या ध्वनियों के सार्थक मेल को शब्द कहा जाता हैं। उदाहरण -- वह, राम, पटना, पंकज आदि।

प्रश्न -- शब्द के कितने भेद होते हैं?
उत्तर -- शब्दों के भेद चार आधार पर किए गए है जो निम्न है-
(1). अर्थ के आधार पर
(2). व्युत्पत्ति या रचना के आधार पर
(3). उत्पत्ति के आधार पर 
(4). रूपांतर के आधार पर

प्रश्न -- अर्थ के आधार पर शब्द के कितने भेद हैं?
उत्तर -- अर्थ के आधार पर शब्द के दो भेद है-
(1). सार्थक शब्द
(2). निरर्थक शब्द

प्रश्न -- व्युत्पत्ति या रचना के आधार पर शब्द के कितने भेद हैं?
उत्तर -- व्युत्पत्ति या रचना के आधार पर शब्द के तीन भेद है-
(1). रूढ शब्द 
(2). यौगिक शब्द
(3). योगरूढ़ शब्द

प्रश्न -- उत्पत्ति के आधार पर शब्द के कितने भेद हैं?
उत्तर -- उत्पत्ति के आधार पर शब्द के पाँच भेद है-
(1). तत्सम
(2). तद्भव
(3). देशज
(4). विदेशज
(5). वर्णसंकर

प्रश्न -- रूपांतर के आधार पर शब्द के कितने भेद हैं?
उत्तर -- रूपांतर के आधार पर शब्द के दो भेद है-
(1). विकारी शब्द
(2). अविकारी शब्द

शब्द किसे कहते हैं Pdf

यहा पर हिन्दी व्याकरण के (शब्द) का पीडीएफ फ़ाईल भी शेयर किया गया है, जिसे आप बड़े ही असानी से डाउनलोड कर सकते है। और इस पीडीएफ की मदद से आप कभी भी हिन्दी व्याकरण के (शब्द) का अध्ययन कर सकते है। Shabd In Hindi Pdf Download करने के लिये नीचे दिये गए बटन पर क्लिक करे और पीडीएफ फ़ाईल को असानी से डाउनलोड करें।



निष्कर्ष

यहां पर इस लेख में साझा की गई (शब्द) के बारे में पूरी जानकारी आपको कैसी लगी, आप अपना अनुभव हमारे साथ कमेंट के माध्यम से जरूर साझा करें। हमें उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद जरुर आया होगा और हमें उम्मीद है कि इस लेख की सहायता से Shabd Kise Kahate Hain आप बिल्कुल अच्छे से समझ गए होंगे। अगर इस लेख से जुड़ा आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं। और साथ ही इस लेख को आप अपने सभी दोस्तों के साथ शेयर भी जरुर करें।

1 Response to "शब्द किसे कहते हैं, परिभाषा, भेद एवं उदारहण | Shabd Kise Kahate Hain [ PDF ]"

  1. sir aap ne shabd ki jankari bahut hi achse di hai aur sir aap ka blog mughe bahut ache se samagh aata hai es liye mai aap ke sabhi post ko ache se padhta hu aur apne social media accounts se share krta hu aur aap se shikh kar mai bhi yek blog likha hu shabd ki paribhasha udaharad de kar

    ReplyDelete

विज्ञापन