भावार्थ लेखन किसे कहते हैं | Bhavarth Kaise Likhte Hain


इस आर्टिकल में हम जानेंगे की भावार्थ क्या होते हैं एवं भावार्थ कैसे लिखा जाता है इसके अलावा भावार्थ से सम्बंधित और भी बहुत से प्रश्नों को यहा पर हम एकदम विस्तार से समझेंगे। हिन्दी व्याकरण में भावार्थ लेखन काफी महत्वपुर्ण होता है, इसलिए इसकी जानकारी सभी छात्रों को जरुर होनी चाहिए। साथ ही भावार्थ लेखन से सम्बंधित बहुत से प्रश्न परीक्षाओं में पुछे जाते है। तो अगर आप छात्र है तो बेहतर यही है की, आप इस लेख को ध्यानपूर्वक से पढ़े ताकी भावार्थ क्या होता है आप बिल्कुल अच्छे से समझ सके। चलिये अब हम Bhavarth Lekhan In Hindi को अच्छे से समझे।

भावार्थ क्या होता हैं (bhavarth kise kahate hain)

परिभाषा -- किसी दिए गये अवतरण को समझना तथा उसके अन्दर छिपे हुए मुख्य भाव को संक्षेप में लिखना भावार्थ लेखन कहलाता है। इसे लिखते समय न तो हर शब्द का अर्थ लिखना पड़ता है और न ही लच्छेदार साहित्यिक भाषा की जरूरत पड़ती है।

भावार्थ लेखन हेतु आवश्यक निर्देश

अभी हमने भावार्थ की परिभाषा को समझा, अब हम यह समझते है की, भावार्थ लेखन के समय किन बातों पर ध्यान रखना चाहिए। भावार्थ लेखन हेतु आवश्यक निर्देश निम्नलिखित है-

1). दिए गये अवतरण को ध्यान से पढ़ें और उसमें छिपे भाव को समझने की कोशिश करें।
2). फिर उस भाव का अति संक्षिप्त रूप अपने शब्दों में लिख जाएँ।
3). इसमें अनावश्यक शब्दों या बातों का प्रयोग न करें।
4). इसकी भाषा अलंकारहित स्पष्ट एवं सरल रखें।
5). इसमें लंबी-चौड़ी भूमिका की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
6). भावार्थ को मूल अवतरण से छोटा रखें।
7). ध्यान रहे, इसमें मूल भाव का कोई भी अंश छूटने न पाये।

भावार्थ लेखन के उदाहरण

अब हम भावार्थ लेखन को और भी बेहतर से समझने के लिये इसके कुछ उदाहरण को देखेंगे, भावार्थ लेखन के कुछ उदाहरण नीचे दिए गये हैं

अवतरण (1) --- आज की कॉन्वेन्टी शिक्षा पद्धति में बच्चों को तीन वर्ष की उम्र से स्कूल भेजा जाता है। क्या यह कदम उचित और विकासोन्मुख है? उन्हें सुबह-सुबह तैयार कर बड़े-से थैले के साथ विद्यालय भेज दिया जाता है। जिस उम्र में उन्हें स्नेहपूर्ण व्यवहार की आशा रहती है, उसमें उन्हें कुछ निर्दय शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं से पाला पड़ जाता है। ये बच्चे पढ़ेंगे क्या, उन्हें तो ठीक से चड्डी पहनने का भी होश नहीं रहता है। तर्क यह है कि बच्चे कच्ची उम्र से ही शिक्षा का महत्व समझने लगेंगे। पर क्या, उनका मानसिक स्तर ऐसी बातों को समझने लायक होता है? 

इसका भावार्थ है --- कच्ची उम्र में बच्चों को परिवार के स्नेह की जरूरत होती है, न कि पुस्तकों से भरे थैले के साथ विद्यालय जाकर माथा-पच्ची करने की। कम उम्र में विद्यालय भेजा जाना, बच्चों की विकास प्रक्रिया में बाधक भी हो सकता है।

अवतरण (2) --- कोई प्रदेश कितना विकसित हो सकता है, इसे आँकने के लिए वहाँ की प्राकृतिक बनावट, जलवायु और पर्यावरण पर ध्यान देना होता है। विकास के लिए वहाँ के उपलब्ध कच्चे माल, श्रमशक्ति एवं शक्ति के साधनों का पूरा-पूरा उपयोग करना आवश्यक होता है। यदि निर्मित माल की खपत के लिए बाजार नजदीक हो, तो यह सोने में सुहागावाली कहावत को चरितार्थ करता है। अच्छी सड़कें एवं समुचित यातायात व्यवस्था भी विकास की आवश्यक शर्तें हैं।

इसका भावार्थ है --- औद्योगिक विकास के लिए भौगोलिक परिस्थितियों के साथ कच्चे माल, शक्ति, श्रम और यातायात के साधनों का समुचित उपयोग आवश्यक है।

भावार्थ लेखन का अभ्यास

अभी आपने भावार्थ लेखन के 2 उदहारण को देखा, जिससे की आप समझ सकते है की भावार्थ कैसे लिखा जाता है। अब हम आपके अभ्यास के लिये यहा पर दो अवतरण शेयर कर रहे है, जिसे पढ़ कर आपको उसका भावार्थ लिखना है। 

अवतरण (1) --- एक ही समाज में रहनेवाले लोग मानसिक स्तर पर भिन्न-भिन्न होते हैं। इस स्तर का प्रत्यक्ष संबंध होता है- संगति से व्यक्ति जिस प्रकार की संगति में जीता है, पलता है और बड़ा होता है, उसके अन्दर वैसे ही गुण पनपते हैं। साधुओं के साथ उठने-बैठनेवाला व्यक्ति सद्भाव से अवश्य ही ओत-प्रोत हो जाता है जब कि चोर उचक्कों की संगति में रहनेवाला निश्चित तौर पर समाज के लिए कलंक ही साबित होता है। 

भावार्थ --- इसका भावार्थ आप स्वयं लिखे

अवतरण (2) --- भारतवर्ष की शस्य-श्यामला-भूमि अपनी विशेष उर्वरता के कारण कृषि कार्य के लिए वरदान है। तभी तो कृषि कार्य में यहाँ की कुल आबादी का लगभग 70% संलग्न है। कृषि को सर्वप्रमुख उद्योग का दर्जा प्राप्त होना चाहिए क्योंकि यही कुल राष्ट्रीय आय की रीढ़ है। आधुनिक तकनीकी प्रयोग ने कृषि कार्य का सम्मान और भी बढ़ा दिया है। यह राष्ट्रीय आय के साथ ही विदेशी मुद्रा के अर्जन का भी मुख्य साधन बन गया है। फिर भी सरकार इसे उस रूप में ध्यान नहीं देती जिस रूप में उसे देना चाहिए।

भावार्थ --- इसका भावार्थ आप स्वयं लिखे

निष्कर्ष

यहा पर इस लेख के माध्यम से हमने भावार्थ लेखन से सम्बंधित सभी प्रश्नों को समझा जैसे की- भावार्थ क्या होते हैं, भावार्थ की परिभाषा, भावार्थ कैसे लिखे और भावार्थ लेखन के उदहारण आदि। इन सभी प्रश्नों को हमने यहा पर बिल्कुल अच्छे से समझा। यह लेख आपको कैसा लगा कमेंट के माध्यम से अपना अनुभव हमारे साथ जरुर शेयर करे। हम आशा करते है की आपको यह लेख जरुर पसंद आया होगा और हमे उमीद है की इस लेख की सहायता से  bhavarth kaise likhte hain आप अच्छे से समझ गए होंगे। यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो, आप नीचे कमेंट करके पुछ सकते हैं। साथ ही इस लेख को आप अपने सभी सहपाठी एवं मित्रों के साथ शेयर भी जरुर करे।

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