भूकम्प क्या है? भूकम्प कैसे और क्यों आता है पुरी जानकारी

भूकम्प क्या है

इस आर्टिकल में हम जानेंगे भूकम्प के बारे में, जैसे की भूकम्प क्या है, भूकम्प कैसे आता है और भूकम्प क्यों आता है इन सभी सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में विस्तारपूर्वक मिल जायेंगे। आपने भूकम्प के बारे मे कही न कही तो जरुर सुना होंगा जैसे न्यूज़ में। या आपने खुद भी भूकम्प के झटके महसूस किए होंगे। लेकिन सायद ही आपको पता होगा की भूकम्प क्यों और कैसे आता है। अगर आपको नहीं पता है की bhukamp kaise aata hai और आप जनाना चाहते है तो उसके लिये आप इस आर्टिकल को अन्त तक पढ़े। तो चलिए अब हम जानते है की भूकम्प किसे कहते हैं

Bhukamp Kya Hai (भूकम्प कैसे आता है) 

भूकम्प की परिभाषा --- जब पृथ्वी की सतह अचानक हिलती या कम्पित हो उठती है तो उसे 'भूकम्प' (Earthquake) कहते हैं। पृथ्वी के अन्दर अचानक हुई हलचलों के कारण भूकम्प उत्पन्न होते हैं। ज्वालामुखी के उद्गार के समय भी भूकम्प आते हैं। भूकम्प के कारण अचानक तरंगें पैदा हो जाती हैं। ये तरंगें हलचल वाले केन्द्रों के चारों ओर चलती हैं जिसके कारण अचानक कम्पन पैदा हो जाता है। जिन स्थानों पर भूकम्प की तरंगें उत्पन्न होती हैं, उस स्थान को 'भूकम्प उद्गम केन्द्र' या 'भूकम्प मूल' कहते हैं। केन्द्र में भूकम्प की तीव्रता अधिक होती है।

भूकम्प मुख्यत : उन क्षेत्रों में ज्यादा आते हैं जहाँ कमजोर चट्टाने पायी जाती हैं। भूकम्पीय तरगों को नापने के लिए 'भूकम्प लेखी' यन्त्र का प्रयोग होता है। भूकम्प ऐसी प्राकृतिक आपदा है जिससे बचाव का आज तक कोई समाधान नहीं खोजा जा सका है। भूकम्प के समय पृथ्वी जोर से हिलने लगती है, दरवाजे-खिड़कियाँ खड़खड़ाने लगती हैं तथा इमारतें गिरने लगती हैं।

भूकम्प क्यों आता है (भूकम्प उत्पत्ति के कारण)

हमने ये तो समझ लिया की भूकम्प क्या है अब हम भूकम्प उत्पत्ति के कारण क्या होते है इसे समझते है। तो, भूकम्प उत्पत्ति के निम्न कारण होते हैं

1). ज्वालामुखी उद्गार --- जब पृथ्वी पर ज्वालामुखी का उद्गार होता है तो वहाँ भूकम्प अवश्य आते हैं। ज्वालामुखी के समय लावा और मैग्मा इतनी जोर से बाहर आता है कि समस्त पृथ्वी काँप उठती है।

2). भू-सन्तुलन में अव्यवस्था --- पृथ्वी पर विभिन्न परतें अपना - अपना कार्य करती रहती हैं। इस प्रक्रिया में विभिन्न क्षेत्रों का भार घटता-बढ़ता रहता है जिससे भूगर्भ की परतों में कम्पन होता है जिसके कारण उस क्षेत्र में भूकम्प के झटके आने लगते हैं।

3). जलीय भार --- धरातल के जिन भागों में झीलें, तालाब, जलाशय आदि हैं उनके नीचे की चट्टानों में भार एवं दबाव के कारण हेर-फेर होने लगता है। यदि यह परिवर्तन अचानक होता है तो भूकम्प आते हैं।

4). भू-पटल में सिकुड़न --- ताप की कमी के कारण पृथ्वी की ऊपरी पपड़ी सिकुड़ने लगती है। यह सिकुड़न पर्वत निर्माणकारी क्रिया को जन्म देती है। जब यह क्रिया तेज होती है तो पृथ्वी में कम्पन प्रारम्भ हो जाता है।

5). प्लेट विवर्तनिकी ---- महाद्वीप और महासागर जिस भूखण्ड पर स्थित होते हैं, उन्हें प्लेट कहते हैं। जब ये प्लेटें अपने स्थान से आगे खिसकती हैं तो पृथ्वी में कम्पन होता है। 26 जनवरी, 2001 को भारत के भुज क्षेत्र में आये भूकम्प का कारण प्लेट विवर्तनिकी गति है।

भूकम्पों का विश्व वितरण

भूकम्प के अधिकांश क्षेत्र नवीन पर्वत श्रेणियों के पास स्थित हैं। ये क्षेत्र चट्टानों की दृष्टि से प्रायः अस्थिर होते हैं। विश्व के 70% भूकम्प क्षेत्र प्रशान्त महासागरों के उत्तरी भाग तथा दक्षिणी अमरीका और पूर्वी तटों के किनारे स्थित हैं। ज्वालामुखी के विश्व वितरण क्षेत्र भी भूकम्प के विश्व वितरण क्षेत्र होते हैं क्योंकि ज्वालामुखी विस्फोट के समय भूकम्प अवश्य आता है।

🖊 Note -- विश्व में सर्वाधिक भूकम्प जापान में आते हैं जिसके कारण वहाँ ऐसे मकान बनाये जाते हैं जो भूकम्प के झटकों को सहन करने में सक्षम हों।

Conclusion

इस आर्टिकल में हमने bhukamp kya hai और भूकम्प क्यों आता है के बारे में विस्तारपूर्वक समझा। हमे  उमीद है यहा पर भूकम्प के बारे में जोभी जानकारी दी गई है उससे आपको bhukamp kya hai और bhukamp kaise aata hai अच्छे से समझ में आ गया होगा। अगर आपका इस आर्टिकल को लेकर कोई प्रश्न है तो आप हमने नीचे कमेंट में पुछ सकते है। और इस आर्टिकल को आप अपने मित्रो के साथ शेयर जरुर करे।

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