श्रीमती इन्दिरा गाँधी पर निबंध
इन्दिरा गाँधी पर निबंध हिन्दी में (essay on indira gandhi in hindi)
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की एकमात्र सन्तान थीं. इन्दिरा प्रियदर्शिनी। संसार की गिनी-चुनी महिलाओं में ये एक थीं, जिन्होंने अपने राष्ट्र का कुशल नेतृत्व किया। इन्दिरा गाँधी ने भारत के प्रधानमंत्री पद को वर्षों तक सुशोभित किया और महिला-क्षमता को पुरुषों के बराबर साबित कर दिखाया। ये हमारे देश की आन, बान और शान थीं।
इनका जन्म 19 नवम्बर, 1917 को इलाहाबाद में हुआ था। इनकी अधिकांश शिक्षा-दीक्षा विदेशों में हुई थी। इन्होंने कुछ समय तक गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर के शान्तिनिकेतन में अध्ययन किया। वहाँ इन्हें भारतीय संस्कारों से और सँवरने का मौका मिला। इनका व्यक्तित्व एक डरी-सहमी स्त्री-जैसा न होकर निडर और साहसी पुरुष-जैसा था।
इन्दिराजी को राजनीति विरासत में मिली थी। इनके राजनीतिक जीवन पर महात्मा गाँधी, नेहरूजी, सरोजिनी नायडू और सरदार पटेल-जैसे लोगों का प्रभाव था। ये बहुत कम उम्र में काँग्रेस की सदस्या बनीं और सांसद हुईं। फिर इन्हें शास्त्रीजी के मंत्रिमंडल में सूचना एवं प्रसारण मंत्री नियुक्त किया गया। 1966 ई. में ताशकंद में शास्त्रीजी की अकाल मृत्यु के बाद, इन्हें सर्वसम्मति से देश का प्रधानमंत्री चुना गया। इन्होंने कई बार इस गरिमाशाली पद को सुशोभित किया। इनकी भाषण शैली विश्वविख्यात थी जिसमें ओज और गर्व का समावेश रहता था। इनकी आवाज में सम्मोहन-सा प्रभाव था।
इन्दिराजी हरित क्रान्ति के माध्यम से देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाया और भारत की सैन्य शक्ति को अत्यन्त मजबूत किया। फलतः , भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को 1971 ई. के युद्ध में बुरी तरह पराजित किया और इन्हीं के प्रयास से पूर्वी पाकिस्तान को बंगलादेश के रूप में एक स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा हासिल हुआ। विभिन्न राष्ट्रों से मैत्रीपूर्ण संबंध बनाकर इन्होंने भारत को विश्व की राजनीति में अग्रणी बनाया। इन्होंने देश से अशिक्षा, बेरोजगारी और गरीबी को दूर करने का यथासंभव प्रयास किया। 'सिक्किम' का भारत में विलय इनकी गंभीर राजनीतिक सूझ-बूझ का परिचायक है। बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर इन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को नया आयाम दिया।
इन्होंने अपनी कूटनीति, दूरदर्शिता और कुशल मार्गदर्शन से भारत को सफलता और विकास के शिखर तक पहुँचाया। इनके नेतृत्व में देश ने चतुर्दिक विकास किया। इन्हें भारतीय राजनीति में सर्वाधिक सफल प्रधानमंत्री के रूप में देखा जाता है। इनकी हत्या 31 अक्तूबर, 1984 को गोली मारकर कर दी गयी। इनकी मृत्यु से देश को जो क्षति हुई, शायद कभी पूरी न होगी। काश ! कोई इन्दिरा फिर आ जाए !
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