💼 Sarkari Yojana & Jobs Alert Join Now
------------------------------------- -------------------------------------

न्यूटन के गति का नियम (Newton ke gati ka niyam)

न्यूटन के गति के तीनो नियम 

न्यूटन का प्रथम गति-नियम

यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है, तो वह विराम अवस्था में रहेगी या यदि वह एक समान चाल से सीधी रेखा में चल रही है, तो वैसी ही चलती रहेगी, जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल लगाकर उसकी वर्तमान अवस्था में परिवर्तन न किया जाए। प्रथम नियम को गैलिलियो का नियम या जड़त्व का नियम भी कहते हैं।

जड़त्व के कुछ उदाहरण -- 
(i) ठहरी हुई मोटर या रेलगाड़ी के अचानक चल पड़ने पर उसमें बैठे यात्री पीछे की ओर झुक जाते हैं।
(ii) चलती हुई मोटरकार के अचानक रूकने पर उसमें बैठे यात्री आगे की ओर झुक जाते हैं।
(iii) कम्बल को हाथ से पकड़कर डण्डे से पीटने पर धूल के कण झड़कर गिर पड़ते हैं।

संवेग -- किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल को उस वस्तु का संवेग कहते हैं। यह एक सदिश राशि है, इसका S.I. मात्रक किग्रा ० x मी ० / से ० है।

न्यूटन का द्वितीय गति-नियम

किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस वस्तु पर आरोपित बल के समानुपाती होता है, तथा संवेग परिवर्तन बल की दिशा में होता है।

न्यूटन का तृतीय गति-नियम

प्रत्येक क्रिया के बराबर, परन्तु विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है। उदाहरण --
(i) बन्दूक से गोली चलाने पर, चलाने वाले को पीछे की ओर धक्का लगना 
(ii) नाव से किनारे पर कूदने पर नाव को पीछे की ओर हट जाना 
(iii) रॉकेट को उड़ाने में।

0 Response to "न्यूटन के गति का नियम (Newton ke gati ka niyam)"

Post a Comment

💼 Sarkari Yojana & Jobs Alert Join Now
-------------------------------------
💼 Sarkari Yojana & Jobs Alert Join Now
-------------------------------------
-------------------------------------
💼 Sarkari Yojana & Jobs Alert Join Now